Bassi News, Jaipur : समर्थन मूल्य पर मूंगफली बेचने को तैयार नहीं है किसान, एक भी रजिस्ट्रेशन नहीं
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Bassi News, Jaipur : समर्थन मूल्य पर मूंगफली बेचने को तैयार नहीं है किसान, एक भी रजिस्ट्रेशन नहीं

राजस्थान के जयपुर के बस्सी में किसान समर्थन मूल्य पर खरीफ की फसलों को बेचने को तैयार नहीं है.

Bassi News, Jaipur : समर्थन मूल्य पर मूंगफली बेचने को तैयार नहीं है किसान, एक भी रजिस्ट्रेशन नहीं

Bassi News, Jaipur : जयपुर के बस्सी में समर्थन मूल्य पर खरीफ की फसलों में मूंगफली और अन्य फसलें बेचने के लिए 1 नवम्बर से किसानों का ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन और 18 नवम्बर से खरीद शुरू होने के बाद भी आज तक भी एक भी किसान ने रजिस्ट्रेशन नहीं कराया है, जबकि कृषि उपज मण्डी में प्रतिदिन सैंकड़ों की तादात में किसान मूंगफली की फसल बेचने आ रहे है. किसानों द्वारा रजिस्ट्रेशन नहीं कराने एवं मूंगफली नहीं बेचने के पीछे ऑनलाइन कराने में कई झंझट एवं भाव कम होने का कारण बताया जा रहा है.

प्रदेश की राजधानी जयपुर के बस्सी उपखण्ड क्षेत्र में समर्थन मूल्य पर खरीफ की फसलों में मूंगफली और अन्य फसलें बेचने के लिए 1 नवम्बर से किसानों का ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन और 18 नवम्बर से खरीद शुरू होने के बाद भी आज तक भी एक भी किसान ने रजिस्ट्रेशन नहीं कराया है. जबकि कृषि उपज मण्डी में प्रतिदिन सैंकड़ों की तादात में किसान मूंगफली की फसल बेचने आ रहे है. किसानों द्वारा रजिस्ट्रेशन नहीं कराने एवं मूंगफली नहीं बेचने के पीछे ऑनलाइन कराने में कई झंझट एवं भाव कम होने का कारण बताया जा रहा है.

मण्डी में मिल रहा अधिक भाव
बस्सी कृषि उपज मण्डी में इस बार मूंगफली का भाव छह हजार से अधिक रहा है, जबकि समर्थन मूल्य पर सरकार किसानों को 5850 रुपए प्रति क्विंटल तय किया है. इसमें बड़ी बात ये है कि किसान यदि कृषि उपज मण्डी में सुबह मूंगफली बेचने आते है तो उनको शाम तक भुगतान मिल जाता है, जबकि किसानों को समर्थन मूल्य पर मूंगफली बेचने के लिए पहले किसी भी ई- मित्र केन्द्र पर रजिस्ट्रेशन कराना पड़ता है. इसके बाद समर्थन मूल्य पर मूंगफली बेचने लाने की तारीख दी जाती है. उसकी मूंगफली में गुणवत्ता देखी जाती है, गुणवत्ता के बाद ही उसकी मूंगफली खरीदी जाती है. इसके बाद भी कई दिनों बाद उसके बैंक खाते में भुगतान आता है. इसी को देखते हुए किसान रुचि नहीं दिखा रहे है.

भुगतान भी महीनों बाद हुआ था
जिन किसानों ने समर्थन मूल्य केन्द्र पर रबी की गेहूं की फसलों को बेचा था, उनको भी इन्ही स्थितियों का सामना करना पड़ा था. किसानों का कहना है कि सरकार को इस जटिल प्रक्रिया को सुलभ करना होगा, तभी किसान अपनी फसलों को समर्थन मूल्य केन्द्र पर बेचने में रुचि दिखाएगा. इस बार समर्थन मूल्य पर मूंगफली बेचने के लिए एक भी किसान ने रजिस्ट्रेशन नहीं कराया है, जबकि समर्थन मूल्य पर मूंगफली खरीदने के लिए तैयारियां पूरी कर रखी है.

रिपोर्टर- अमित यादव 

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