Chaitra Purnima 2024 Date:चैत्र पूर्णिमा पर अद्भूत संयोग, जानें शुभ मुहूर्त और पूजा विधि
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Chaitra Purnima 2024 Date:चैत्र पूर्णिमा पर अद्भूत संयोग, जानें शुभ मुहूर्त और पूजा विधि

Chaitra Purnima 2024 Date: इस साल 2024 में चैत्र पूर्णिमा 23 अप्रैल, मंगलवार के दिन है.  पूर्णिमा की तिथि बहुत ही शुभ होती है और साथ ही हनुमान जन्मोत्सव का संयोग इस दिन के महत्व को और बढ़ा देता है. इस दिन बन रहे कई शुभ संयोगों के चलते  चैत्र पूर्णिमा का ये व्रत बहुत ही मंगलकारी रहने वाला है.

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Chaitra Purnima 2024 Date: इस साल 2024 में चैत्र पूर्णिमा 23 अप्रैल, मंगलवार के दिन है.  पूर्णिमा की तिथि बहुत ही शुभ होती है और साथ ही हनुमान जन्मोत्सव का संयोग इस दिन के महत्व को और बढ़ा देता है. इस दिन बन रहे कई शुभ संयोगों के चलते  चैत्र पूर्णिमा का ये व्रत बहुत ही मंगलकारी रहने वाला है.
 
इस बार की चैत्र पूर्णिमा बहुत खास है. क्योंकि इस दिन चित्रा नक्षत्र का प्रभाव रहने वाला है. जब भी चित्रा नक्षत्र में पूर्णिमा की तिथि होती है. तो इसकी शुभता और व्रत का प्रभाव ज्यादा मिलता है. चलिए बताते हैं आपको चैत्र पूर्णिमा  2024 की पूजा विधि और शुभ मुहूर्त क्या है.
 

चैत्र पूर्णिमा 2024 व्रत तिथि 
चैत्र पूर्णिमा का आरम्भ : 23 अप्रैल 2024, सुबह 3: 26 मिनट से लेकर 24 अप्रैल 2024 सुबह 5: 19 मिनट तक रहेगा. उदया तिथि में पूर्णिमा 23 अप्रैल 2024 की है इसलिए पूर्णिमा का व्रत मंगलवार को ही रखा जाएगा.
 
चैत्र पूर्णिमा 2024 महत्व
हिंदू धर्म में चैत्र पूर्णिमा काफी महत्वपूर्ण है, इस दिन भक्त श्रीविष्णु से अपने पापों के लिये क्षमा मांगते हैं और जीवन में सदैव धार्मिकता रहे, ऐसी कामना करते हैं. अब इस बार 23 अप्रैल 2024 को हनुमान जन्मोत्सव भी है, इसलिए इस दिन की शुभता और बढ़ जाती है. मान्यता है कि चैत्र पूर्णिमा के दिन श्रीकृष्ण ने ब्रज में रासलीला की थी.
 

चैत्र पूर्णिमा 2024 पूजा विधि 
जल्दी उठकर गंगा नदी में स्नान करें और सूर्य को अर्घ्य दें. गंगा में स्नान संभव नहीं हो तो फिर बाल्टी में थोड़ा गंगाजल लेकर उसी से स्नान करें. इस दिन सत्यनारायण व्रत भी रखा जाता है. भगवान विष्णु को गंगाजल से अभिषेक कर लकड़ी की चौकी पर पीले कपड़े को बिछाकर उसपर स्थापित करें. फिर श्री विष्णु के नामों का जप कर आरती करें और खीर का भोग लगाए. आज तुलसी दल जरूर प्रभु को अर्पित करें. पूर्मिमा के दिन चंद्रमा को कच्चे दूध का अर्घ्य दें, पूजा करें और उसके बाद ही व्रत का पारण करें.

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