छत्तीसगढ़ का कोयला देगा राजस्थान को संजीवनी, बिजली की किल्लत नहीं करेगी परेशान
Advertisement
trendingNow1/india/rajasthan/rajasthan1471949

छत्तीसगढ़ का कोयला देगा राजस्थान को संजीवनी, बिजली की किल्लत नहीं करेगी परेशान

आगामी महिनों में बिजली की अधिकतम मांग 17500 से 18000 मेगावाट तक पहुंचने की सम्भावना है. इसको देखते हुए बिजली की अनुमानित औसत व अधिकतम मांग का आंकलन करके पर्याप्त बिजली की व्यवस्था की जा रही है. 

 छत्तीसगढ़ का कोयला देगा राजस्थान को संजीवनी, बिजली की किल्लत नहीं करेगी परेशान

Jaipur: राजस्थान में बिजली इन दिनों आंख मिचोली खेल रही है. किसानों को दिन में सिंचाई के लिए बिजली का इंतजार है. हालात यह है कि किसानों को रात भी ठंड और अंधेरे में गुजारनी पड़ रही है. लेकिन पावर कटी हुई है. पावर कट की वजह राजस्थान के थर्मल प्लांट को पर्याप्त कोयला आपूर्ति नहीं होना है.

राजस्थान सरकार को उम्मीद है कि अब स्थिति बदलेगी छत्तीसगढ़ के कांता पारसा कोल ब्लॉक से दिसंबर जनवरी तक कोयले की 40 हजार टर्न आपूर्ति सुनिश्चित होगी. नवंबर महीने में खनन प्रक्रिया आगे बढ़ी है, वर्तमान में 10 हजार टन कोयला आ रहा है. कोयले की 4 से 5 रैक सप्लाई की जा रही है जिन्हें जनवरी तक बढ़ाकर 10 किया जाएगा. कोयले से बिजली बनेगी तो किसान के खेत तक भी पहुंच पाएगी. 

राजस्थान की अर्थव्यवस्था में कृषि सेक्टर की भागीदारी 25.56 फीसदी.

प्रदेश कृषि बिजली कनेक्शन 15 लाख.

कृषि में बिजली खपत 41 फीसदी

इंडस्ट्री में बिजली खपत 24 फीसदी

घरेलू बिजली खपत 22 फीसदी

कॉमर्शियल (अघरेलू) बिजली खपत 8 फीसदी

अन्य क्षेत्र पर बिजली खपत 5 फीसदी

राजस्थान ऊर्जा विकास निगम लिमिटेट के पास बिजली प्रबंधन का जिम्मा है. ऊर्जा विकास निगम ने तीनों डिस्कॉम को रबी सीजन में 6-6 घंटे के दो ब्लॉक में किसानों को दिन में और 6-6 घंटे के दो ब्लॉक रात में बिजली सप्लाई देने को कहा है. प्रदेश में करीब 15 लाख कृषि कनेक्शन हैं. नवंबर महीने में किसानों को कुल 6-6 घंटे के 4 ब्लॉक तय कर ज्यादा बिजली सप्लाई का दावा किया गया है. लेकिन उत्पादन पर असर से बिजली कम मिली. फिलहाल 15 जिलों में दिन और 18 जिलों में दिन और रात में बिजली देने की व्यवस्था है. डिस्कॉम्स के पावर सप्लाई चार्ट में दिन में दो ही ब्लॉक हैं. रात 10 से सुबह 4 और रात 11 से सुबह 5 बजे के दो ब्लॉक रखे गए हैं. अलग-अलग एरिया वाइज ये बिजली सप्लाई की जा रही है. इससे लाखों किसानों को सर्दी की रात में जागकर खेतों में सिंचाई का पानी देना पड़ रहा है.

रबी सीजन में कृषि कनेक्शन को 4 ब्लॉक में बिजली, दो ब्लॉक दिन, दो रात के हैं.

सुबह 9 से दोपहर 3 बजे तक पहला ब्लॉक

सुबह 10.30 से शाम 4.30 बजे तक दूसरा ब्लॉक

रात 10 से सुबह 4 बजे तक तीसरा ब्लॉक

रात 11 से सुबह 5 बजे तक चौथा ब्लॉक

अजमेर डिस्कॉम

सुबह 9.15 से दोपहर 3.15 बजे तक पहला ब्लॉक

सुबह 10.45 से शाम 4.45 बजे तक दूसरा ब्लॉक

रात 10 से सुबह 4 बजे तक तीसरा ब्लॉक

रात 11 से सुबह 5 बजे तक चौथा ब्लॉक

जोधपुर डिस्कॉम

सुबह 9.30 बजे से दोपहर 3.30 बजे तक पहला ब्लॉक

सुबह 11 बजे से शाम 5 बजे तक दूसरा ब्लॉक

रात 10 से सुबह 4 बजे तक तीसरा ब्लॉक

रात 11 बजे से सुबह 5 बजे तक चौथा ब्लॉक

ऊर्जा मंत्री भंवर सिंह भाटी का कहना है कि छत्तीसगढ़ से कोयले की दिक्कत दूर करने के प्रयास है. दिसम्बर माह से प्रदेश के 15 जिलों के किसानों को दिन के दो ब्लॉक में विद्युत आपूर्ति की जाएगी अगर फिर भी कोई तकनीकी दिक्कत आती है तो उसे प्रसारण निगम के ध्यान में लाया जाएगा. 18 जिलों में दिन के 2 ब्लॉक व रात्री के एक ब्लॉक में किसानों को कृषि के लिए विद्युत आपूर्ति की जाएगी.

आगामी महिनों में बिजली की अधिकतम मांग 17500 से 18000 मेगावाट तक पहुंचने की सम्भावना है. इसको देखते हुए बिजली की अनुमानित औसत व अधिकतम मांग का आंकलन करके पर्याप्त बिजली की व्यवस्था की जा रही है. इसके लिए राज्य में उपलब्ध बिजली के साथ ही बैंकिग के तहत उत्तर प्रदेश से दिन के समय 1000-2000 मेगावाट और मार्च माह में तमिलनाडु से 300 मेगावाट बिजली की उपलब्धता रहेगी. इसके अलावा एनर्जी एक्सचेन्ज से दिसम्बर माह में 250 मेगावाट, जनवरी व फरवरी

माह में एक्सचेन्ज से 450 मेगावाट अल्पकालीन विद्युत खरीदने करने की योजना है. भारत जोड़ो यात्रा के चलते सरकार का फोकस बिजली आपूर्ति बेहतर रखने और राजस्थान में किसी भी तरह का आक्रोश पैदा नहीं हो उसको लेकर है. ऐसे में रबी सीजन में किसानों को बिजली पर्याप्त मात्रा में मिलनी तय मानी जा रही है.

Trending news