राजधानी जयपुर के चौमूं में बीजेपी पार्षदों और कार्यकर्ताओं ने नगरपालिका में अधिशासी अधिकारी जितेंद्र मीणा को हटाने की मांग को लेकर अनिश्चितकालीन धरना शुरू कर दिया है. EO जितेंद्र मीणा पर ₹50 लाख रुपये का तिरंगा लाइट खरीद घोटाला करने के आरोप में डीएलबी ने सस्पेंड कर दिया था.
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Jaipur News: राजधानी जयपुर के चौमूं नगरपालिका यूं तो पिछले कई सालों से विवादों से घिरी हुई है. अब चौमूं नगर पालिका से 15 दिन पहले सस्पेंड हुए अधिशासी अधिकारी जितेंद्र मीणा को फिर से चौमू नगरपालिका में पद स्थापित करने के आदेश के बाद मामला और गरमा गया है. अधिशासी अधिकारी जितेंद्र मीणा को हटाने के मांग को लेकर बीजेपी ने अब मोर्चा खोल दिया है.
बीजेपी पार्षदों और कार्यकर्ताओं ने नगरपालिका में अधिशासी अधिकारी जितेंद्र मीणा को हटाने की मांग को लेकर अनिश्चितकालीन धरना शुरू कर दिया है. EO जितेंद्र मीणा पर ₹50 लाख रुपये का तिरंगा लाइट खरीद घोटाला करने के आरोप में डीएलबी ने सस्पेंड कर दिया था. इतना ही नहीं सहायक अभियंता और कनिष्ठ अभियंता को भी सस्पेंड किया गया था.
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इधर, इस घोटाले की जांच कराने के लिए डीएलबी के वित्तीय सलाहकार ने जांच कमेटी का गठन किया था, लेकिन 15 दिन बीत जाने के बाद भी जांच कमेटी का कोई सदस्य नगरपालिका में जांच करने के लिए नहीं पहुंचा. बिना किसी विभागीय जांच के ही अधिशासी अधिकारी जितेंद्र मीणा को बहाल करके फिर से नगर पालिका में अधिशासी अधिकारी के पद पर पदस्थापित कर दिया और पंकज कुमार मंगल को एपीओ करने के लिए भी ने आदेश जारी कर दिए.
इस मामले में बीजेपी पार्षदों ने अधिशासी अधिकारी जितेंद्र मीणा पर भ्रष्टाचार करने का आरोप लगाया है. वार्ड पार्षद बाबूलाल यादव ने DLB पर सवाल खड़े करते हुए कहा भ्रष्टाचार करने वाले EO जितेंद्र मीणा को आखिर नगर पालिका में क्या फिर से बड़ा भ्रष्टाचार करने के लिए लगाया है.आखिर ऐसी कौनसी मजबूरी थी की जितेंद्र मीणा को चौमूं नगर पालिका में लगाना पड़ा. भाजपा पार्षद गजेंद्र कुमार यादव ने कहा कि जब तक EO जितेंद्र कुमार को नहीं हटाया जाता है तब तक बीजेपी का यह धरना लगातार जारी रहेगा.