AshoK Gehlot Barmer Visit: CM अशोक गहलोत ने पचपदरा रिफाइनरी के रिव्यू के बाद कहा कि 31 दिसंबर 2024 को रिफाइनरी कॉमर्शियल प्रोडक्शन में आ जाएगी. केंद्र सरकार को आड़े हाथ लेते हुए कहा कि अधिकारियों और विधायकों की तरफ देखते हुए कहा कि दिसंबर 2024 में यह काम शुरू होना है और आप सभी दिल थाम कर बैठिए.
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CM AshoK Gehlot Barmer Visit: सीएम अशोक गहलोत (CM Ashok Gehlot) ने पचपदरा में बन रही रिफाइनरी से कमर्शियल प्रोडक्शन की तारीख का ऐलान कर दिया है. एचपीसीएल और राजस्थान के ज्वाइंट वेंचर के तहत बन रही रिफाइनरी यानी HRRL से 31 दिसंबर 2024 तक कमर्शियल प्रोडक्शन शुरू हो जाएगा. इसके साथ ही उन्होंने केंद्र सरकार को आड़े हाथ लेते हुए कहा कि केंद्र सरकार की ढिलाई के कारण रिफाइनरी की प्रोजेक्ट कोस्ट बढ़ गई है और लागत बढ़ने का नुकसान राजस्थान को भी हुआ है. सीएम ने कहा कि बढ़ी हुई लागत के बाद राजस्थान ने अपने हिस्से के दो हजार 583 करोड़ रुपए देने की भी मंजूरी दे दी है.
सही दिशा में बढ़ता राजस्थान !
वैश्विक परिदृश्य गवाह है कि प्राकृतिक संसाधनों के सही उपयोग से ही खुशहाली हर घर तक दस्तक देती है।
आज बाड़मेर के पचपदरा में रिफाइनरी साइट का निरीक्षण कर इसके सार्थक व जनहितैषी उपयोग पर व्यापक विमर्श किया। pic.twitter.com/K2uKTfTtZD
— Ashok Gehlot (@ashokgehlot51) June 2, 2023
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने शुक्रवार को पचपदरा में बन रही रिफाइनरी के कामकाज की समीक्षा की. एचपीसीएल और राजस्थान सरकार के अधिकारियों की जॉइंट रिव्यू मीटिंग की अध्यक्षता करते हुए मुख्यमंत्री ने अब तक के कामकाज पर संतोष जताया. इसके साथ ही उन्होंने राजस्थान के हिस्से के 2 हजार 583 करोड़ रुपए रिफाइनरी में देने के लिए भी मंजूरी दे दी. बैठक के बाद मुख्यमंत्री गहलोत ने अधिकारियों के साथ रिफाइनरी की साइट विजिट की और काम की रफ्तार पर संतोष जताया.
सीएम गहलोत ने कहा कि रिफाइनरी का काम 80 फीसदी पूरा हो चुका है जबकि पेट्रोकेमिकल्स का काम तकरीबन 64 फ़ीसदी पूरा हो चुका है. इस दौरान मुख्यमंत्री ने 31 दिसंबर 2024 तक रिफाइनरी से कमर्शियल प्रोडक्शन शुरू होने की बात भी कही. सीएम ने कहा कि वह यह तारीख अधिकारियों को पूछ कर ही दे रहे हैं. तारीख का ऐलान करने के साथ ही उन्होंने अधिकारियों और विधायकों की तरफ देखते हुए कहा कि दिसंबर 2024 में यह काम शुरू होना है और आप सभी दिल थाम कर बैठिए.
सीएम अशोक गहलोत ने रिफाइनरी के काम की रफ्तार पर तो संतोष जताया लेकिन प्रोजेक्ट की लागत बढ़ने को लेकर केंद्र सरकार के रवैए पर नाराजगी भी जताई. उन्होंने कहा कि साल 2013 में जब यह प्रोजेक्ट शुरू किया गया था तब इसकी लागत 38 हजार करोड़ रुपए आंकी गई थी, लेकिन बाद में सरकार बदली तो केंद्र सरकार और नई राज्य सरकार के ढीले रवैये के कारण अब इसकी प्रोजेक्ट कोस्ट 72 हजार करोड़ हो गई है. सीएम ने कहा कि गलती तो केंद्र सरकार की थी लेकिन अब उसे भुगतना राजस्थान सरकार को पड़ रहा है.
मीडिया से बातचीत के दौरान मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री हरदीप पुरी पर भी चुटकी ली. उन्होंने कहा कि जब 2018 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यहां से काम की शुरुआत की उसके बाद पहली बार कोई मंत्री रिफाइनरी का काम देखने आया. उन्होंने कहा कि अब राजस्थान ने अपनी प्रोजेक्ट कोस्ट का बढ़ा हुआ हिस्सा भी दे दिया है.
HPCL के साथ बैठक में सीएम गहलोत ने कहा कि राजस्थान के लोगों को ज्यादा रोजगार मिलना चाहिए. उन्होंने कहा कि अभी तकरीबन 35 फीसदी रोजगार स्थानीय लोगों को मिल रहा है.
सीएम बोले की यहां के युवाओं को टेक्निकल ट्रेनिंग देकर इसे और बढ़ाया जा सकता है. सीएम ने कहा कि इसके लिए HPCL भी ट्रेनिंग सेंटर शुरू कर सकता है और इस पर HPCL के अधिकारियों ने सैद्धांतिक सहमति भी जताई है.
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अपनी विजिट के बाद मीडिया से बात करते हुए सीएम गहलोत ने कहा कि रिफाइनरी में राजस्थान की 26 फीसदी भागीदारी पर वसुंधरा सरकार के समय सवाल उठाए गए, लेकिन यह करना जरूरी था. सीएम ने कहा कि तब एसबीआई कैप्स ने कहा था कि अगर राज्य सरकार 26 फीसदी भागीदारी नहीं करेगी तो रिफाइनरी लगाना संभव ही नहीं होगा. सीएम ने कहा कि आमतौर पर रिफाइनरी में राज्यों की भागीदारी नहीं होती लेकिन राजस्थान में रिफाइनरी लगाने के लिए सरकार ने यह भागीदारी की.
इसके साथ ही सीएम ने केयर्न से तेल का उत्पादन बढ़ाने की बात कही, जिससे राजस्थान के राजस्व में बढ़ोतरी हो सके. सीएम ने CSR का ओल्पैसा आस पास के गांवों के विकास पर खर्च करने को कहा तो साथ ही जोधपुर से पचपदरा और बाड़मेर तक 6 लेन हाईवे की मांग भी की.