दिल्ली पुलिस वाकई तानाशाहों की तरह बर्ताव कर रही है? क्या कांग्रेस अपने कार्यकर्ताओं की भीड़ जुटाकर राहुल गांधी से पूछताछ करने वाले एनफोर्समेंट डिपार्टमेंट यानि ई़डी पर दबाव बना रही है.
Trending Photos
Jaipur: क्या देश में तानाशाही के संकेत हैं? क्या दिल्ली पुलिस वाकई तानाशाहों की तरह बर्ताव कर रही है? क्या कांग्रेस अपने कार्यकर्ताओं की भीड़ जुटाकर राहुल गांधी से पूछताछ करने वाले एनफोर्समेंट डिपार्टमेंट यानि ई़डी पर दबाव बना रही है? दरअसल मौजूदा समय में यह सवाल कांग्रेस और बीजेपी के नेताओं के बयानों में दिख रहा है.
यह भी पढे़ं- राजस्थान में भीषण बिजली संकट, जानिए कौन है इसके पीछे जिम्मेदार
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने दिल्ली पुलिस के रवैये पर सवाल उठाते हुए कहा कि ऐसा लगता हैं? जैसे दिल्ली पुलिस इस बात की प्रैक्टिस कर रही है कि अगर देश में तानाशाही लगाई जाती है तो पुलिस को कैसा बर्ताव करना है तो दूसरी तरफ गहलोत पर पलटवार करते हुए बीजेपी ने कांग्रेस को आईना दिखाने की कोशिश की है. बीजेपी नेता और पूर्व प्रदेशाध्यक्ष अरुण चतुर्वेदी कहना है कि जब मुख्यमंत्री रहते नरेन्द्र मोदी एसआईटी की पूछताछ के लिए अकेले गए तो कांग्रेस भीड़ जुटाकर दबाव क्यों बना रही है?
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने देश में बन रहे हालातों को लेकर तल्ख सवाल उठाए हैं. गहलोत का मुख्य निशाना पुलिस के बर्ताव पर है और इसके जरिए उन्होंने केंद्र सरकार को भी आड़े हाथ लिया. गहलोत ने तानाशाहीपूर्ण रवैए को लेकर सवाल उठाते हुए कहा कि पुलिस का बर्ताव कांग्रेस कार्यकर्ताओं के साथ अमर्यादित है. उन्होंने कांग्रेस की महिला नेत्रियों के साथ बुरे बर्ताव पर नाराज़गी जताई तो साथ ही उन्होंने यहां तक कह दिया कि ऐसा लगता है कि पुलिस आने वाले दिनों की प्रैक्टिस कर रही है. गहलोत ने कहा कि प्रैक्टिस इस बात की है कि अगर देश में तानाशाही आती है तो पुलिस का बर्ताव किस तरह का होगा?
आपको बता दें कि मुख्यमंत्री की तरफ से तानाशाही की बात करना बीजेपी को रास नहीं आ रहा. सीएम के इस बयान को लेकर बीजेपी के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष अरुण चतुर्वेदी इतिहास के झरोखे से कांग्रेस को आपातकाल की याद दिलाते दिखे. चतुर्वेदी ने कहा कि सीएम अशोक गहलोत के मुंह से तानाशाही जैसा शब्द बड़ा हास्यास्पद लगता है. उन्होंने कहा कि दो दिन बाद ही 25 जून को आपातकाल की बरसी है और पूरे देश ने कांग्रेस सरकार के राज में आपातकाल का तांडव देखा है.
चतुर्वेदी ने राज्य सरकार और राजस्थान की पुलिस पर भी सवाल उठाते हुए कहा कि मौजूदा सरकार के साढ़े तीन साल के राज में जनता ने देखा है कि मुख्यमंत्री और गृह मन्त्री की भूमिका निभा रहे अशोक गहलोत के राज में पुलिस ने किस तरह उत्पीड़न किया है. चतुर्वेदी ने कहा कि देश में आपातकाल लगाने वाली पार्टी के लोग ही आपातकाल की बात करते हैं तो यह मजाकिया लगता है.
दरअसल तानाशाही का अंदेशा जताने और तानाशाही झेलने वाले दोनों पक्षों का अपना-अपना नजरिया है, लेकिन सवाल यह उठता है कि क्या आज की जागरूकता और सोशल मीडिया पर लोगों की सक्रियता के दौर में क्या वाकई देश में तानाशाही आ सकती है. सवाल यह भी कि अगर तानाशाही आई तो क्या विपक्षी दल उतनी ही मजबूती से उसका विरोध नहीं करेंगे और सवाल यह भी कि क्या तानाशाही की बातें सिर्फ पुलिस और सरकार पर दबाव बनाने के लिए की जा रही हैं?
Reporter: Shashi Sharma