सीएम गहलोत ने जोबनेर को दी बड़ी सौगात, कृषि विश्वविद्यालय के साथ की ये बड़ी घोषणाएं
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सीएम गहलोत ने जोबनेर को दी बड़ी सौगात, कृषि विश्वविद्यालय के साथ की ये बड़ी घोषणाएं

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत आज कृषि विश्वविद्यालय के आयोजित कार्यक्रमों में हिस्सा लेने के लिए जोबनेर पहुंचे. जोबनेर हेलीपैड पहुंचने के बाद सीधा कुलपति आवास पहुंचकर वहां पौधारोपण किया.

सीएम गहलोत ने जोबनेर को दी बड़ी सौगात

Jaipur: मुख्यमंत्री अशोक गहलोत आज कृषि विश्वविद्यालय के आयोजित कार्यक्रमों में हिस्सा लेने के लिए जोबनेर पहुंचे. जोबनेर हेलीपैड पहुंचने के बाद सीधा कुलपति आवास पहुंचकर वहां पौधारोपण किया.

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इसके बाद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने एग्री एक्सपो 2022 का उद्घाटन कर नई तकनीक से उत्पन्न की जा रही जैविक खेती का अवलोकन किया. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने किसान मेने का भी उद्धघाटन किया. इसके बाद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने किसानों की खेती को और उन्नत बनाने में कारगर साबित होने वाले ड्रोन प्रोजेक्ट को भी हरी झंडी दिखाई.

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने जोबनेर के बाद जोबनेर के लिए सौगातों का पिटारा खोल दिया. कार्यक्रम में कृषि मंत्री लालचंद कटारिया, मंत्री खिलाड़ी राम बैरवा, किसान आयोग अध्यक्ष महादेव सिंह खंडेला, दीपचंद खगड़िया, सीएम सलाहकार विधायक बाबूलाल नागर, विधायक आलोक बेनीवाल, विधायक प्रशांत बैरवा, विधायक सुरेश मोदी भी मौजूद रहे.

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बजट में किसानों के लिए 1000 ड्रोन खरीदने की घोषणा की थी. सरकार द्वारा यह ड्रोन खरीदकर किसानों को दिए जाएंगे, इस ड्रोन का फायदा यह होगा कि अब किसान महज 20 मिनट में 2 बीघा भूमि पर छिड़काव कर सकेंगे. इससे ना सिर्फ किसानों के समय की बचत होगी साथ उन्नत और जैविक खेती को भी बढ़ावा मिल सकेगा. जोबनेर में आयोजित हो रही है एग्री एक्सपो प्रदर्शनी में करीब 100 से ज्यादा किसान स्टोल लगाई गई है, जिसमें किसान आकर उन्नत खेती के गुर सीख सकेगे.

कार्यक्रम में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत द्वारा विश्वविद्यालय मुख्यालय तथा संगठन इकाइयों पर 14 नवनिर्मित भवनों का उद्घाटन किया गया. साथ ही विश्वविद्यालय के सेवा क्षेत्र में 8 नव स्थापित कृषि महाविद्यालय के भवनों का शिलान्यास भी किया गया. इसके साथ ही आत्मयोजना अंतर्गत 2 किसानों को राज्य स्तरीय सहित 5 किसानों को अवार्ड से सम्मानित भी किया गया. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने एग्री एक्सपो 2022 स्मारिका का विमोचन किया तो वहीं किसानों की खेती को और उन्नत और बेहतर बनाने के लिए लिखी दो पुस्तकों का भी विमोचन किया गया.

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कृषि मंत्री लालचंद कटारिया ने कहा कि "मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने जोबनेर को नई पंचायत दी है. इसके साथ ही जोटवाड़ा की धरती पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का स्वागत है 2013 में इस यूनिवर्सिटी की शुरुआत हुई और उसके बाद से ही जोबनेर में दर्जनों विकास कार्यों की सौगात मुख्यमंत्री अशोक गहलोत द्वारा दी गई है. जोबनेर में जो विकास कार्य हुए हैं उसकी बहुत बड़ी लिस्ट है. कृषि यूनिवर्सिटी आज पूरी दुनिया में अपनी पहचान बना चुकी है.

झोटवाड़ा में अब बीसलपुर योजना की शुरुआत हो चुकी है. मुख्यमंत्री की एक इच्छा थी कि कृषि के लिए अलग से बजट हो और इस बजट में कृषि के लिए अलग से बजट रखा गया. किसान बीमा योजना की मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने की शुरुआत की. मेडिकल क्षेत्र में भी राजस्थान कई आयाम स्थापित कर रहा है. पशुओं की बीमारी से किसान बहुत ज्यादा परेशान थे और कई टेस्ट तो ऐसे थे जिनकी जांच के लिए उन्हें राजस्थान से बाहर भेजा जाता था, लेकिन अब पशुओं की जांच समय पर होने के साथ ही उनको समय पर इलाज मिल रहा है, जिससे किसान भी खुश हैं."

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा "आज आपके बीच आकर बहुत खुशी हो रही है साथ ही किसान मेले का उद्घाटन भी खुशी की बात है. जब 2013 में मैं दूसरी बार मुख्यमंत्री बना था तो मेरे पास 20-25 लोग आए थे और उन्होंने मांग की थी कि जोबनेर कॉलेज को यूनिवर्सिटी बनाया जाए. जोबनेर के कृषि कॉलेज का नाम मैं बचपन से ही सुनते आ रहा था. अगर उस जमाने की बात की जाए तो जयपुर की दूसरी स्कूल 1893 में जयपुर में ही खोली गई थी तो आप इस बात से अंदाजा लगा सकते हैं कि जो जोबनेर कॉलेज की अलग ही प्रतिष्ठा है. 2013 में लालचंद जी मेरे पास आए थे उस समय ही सोच लिया था कि इस कॉलेज को यूनिवर्सिटी बनाना ही है.

जोबनेर के खाते में ही जोधपुर और कोटा की कृषि यूनिवर्सिटी भी जाती हैं. किसानों के लिए जो हमने कहा था वह करके दिखाया. 2018-19 में जो बजट था उसका डबल हमने खर्च करने के लिए रखा है. कृषि बजट को लेकर मैंने पहले ही घोषणा कर दी थी, लेकिन तमिलनाडु में बजट पहले आने से वहां पर इसकी पहले घोषणा हुई और अब हमने की और मुझे उम्मीद है कि धीरे-धीरे सब राज्य इसका अनुसरण करेंगे.

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किसानों को उसकी मेहनत का पूरा पैसा मिले यही सोच होनी चाहिए. पहले अमेरिका से भीख मांग कर गेहूं आता था, लेकिन आज किसानों की मेहनत से गेहूं हम विदेश में भेज रहे हैं. किसानों के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कानून लाने वाले थे, लेकिन अब क्यों नहीं ला रहे हैं. इनको कौन रोक रहा है, हर घर जल पहुंचे नल पहुंचे इस पर हम काम कर रहे हैं. मैंने सब नेताओं से बात की है कि दिल्ली चलते हैं और प्रधानमंत्री से बात करते हैं. जल जीवन मिशन पूरा होता है अगर उस समय तक पानी नहीं बचा तो इस योजना का क्या मतलब है. पुराने जमाने में हर व्यक्ति अपने घर में टांका बनाता था और बरसात के पानी से एकत्रित होने वाले पानी को पूरे साल पीने के काम में लेता था.

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