जयपुर एयरपोर्ट की बात करें तो इसकी कमान हाल ही अडानी समूह ने संभाली है. समूह कॉमर्शियल गतिविधियों को बढ़ाने में ही जुटा हुआ है.
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Jaipur: एयरपोर्ट की जमीन पर होटल, रेस्त्रां, शॉपिंग कॉम्पलेक्स के साथ अन्य सुविध बढ़ाने की राह पर एयरपोर्ट पर अब कॉन्फ्रेंस सेंटर, कॉमर्शियल एवं मल्टीयूज ऑफिस, ट्रेनिंग सेंटर सहित अन्य कॉमर्शियल गतिविधियों का दायरा बढ़ाने की भी तैयारी है.
इसके लिए भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (Airports Authority of India) अपनी जमीनों पर कॉमर्शियल गतिविधि को बढ़ाने के लिए कानून और नियमों में संशोधन पर मंथन कर रही है. इस दायरे में जयपुर सहित राज्य के कुछ चुनिंदा एयरपोर्ट भी आने की संभावना है.
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इसके लिए अथॉरिटी की खाली पड़ी भूमि पर नजर है. यहां होटल, रेस्त्रां, कार्गो कॉम्पलेक्स, वेयर हाउस, शॉपिंग सेंटर सहित अन्य कॉमर्शियल गतिविधियां विकसित की जाएगी हालांकि, अभी इस पर मंथन चल रहा है, अंतिम निर्णय मंत्रालय स्तर पर ही होगा.
किराए के रूप में आएगी आय
- इस कवायद के पीछे अथॉरिटी की वित्तीय स्थिति बेहतर करना बताया जा रहा है. कॉमर्शियल जगह होगी तो उससे किराए के रूप में आय शुरू हो सकेगी. साथ ही यात्रियों को भी सुविधाएं मिल सकेगी.
-विषय विशेषज्ञों का तर्क है कि अभी एयरपोर्ट का संचालन निजी हाथों में दिया जा रहा है. इस तरह की गतिविधि बढ़ती है तो संभव है उसका फायदा संचालनकर्ताओं को भी मिले. यह कदम निजीकरण में भी उपयोगी साबित होगा.
-टी-2 से टी-4 के बीच शहरों में बने एयरपोर्ट को इसमें शामिल किया जा सकता है.
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सुविधाओं के ज्यादा दाम चुकाने होंगे
जयपुर एयरपोर्ट की बात करें तो इसकी कमान हाल ही अडानी समूह ने संभाली है. समूह कॉमर्शियल गतिविधियों को बढ़ाने में ही जुटा हुआ है. समूह के प्रतिनिधि मैराथन बैठकें आयोजित कर इसे दिशा देने में जुटे हैं. समूह यहां कैफेटेरिया, शॉप्स और ब्राडिंग पर ज्यादा जोर दे रहा है, जिससे उसकी आय में इजाफा हो सके हालांकि इसका असर यात्रियों की जेब पर पड़ेगा. पहले की तुलना में खानपान इत्यादि सुविधाओं के ज्यादा दाम चुकाने होंगे.