विधानसभा में पक्ष-विपक्ष में नोकझोंक, राठौड़ बोले- गुलाम मानसिकता वाले से कैसी उम्मीद
Advertisement
trendingNow1/india/rajasthan/rajasthan1132238

विधानसभा में पक्ष-विपक्ष में नोकझोंक, राठौड़ बोले- गुलाम मानसिकता वाले से कैसी उम्मीद

संयम लोढ़ा ने कहा कि अजमेर से आने वाली सदस्य ने जब अंबेडकर और नेहरू पर टिप्पणी की थी तब किसी ने कुछ नहीं कहा. उन्होंने कहा था कि नेहरू ने अंबेडकर को हरा दिया. जबकि सच यह है कि अंबेडकर पहले संविधान निर्मात्री सभा में नहीं थे. संयम बोले कि गांधीजी ने उन्हें देश का सम्मान बताया और नेहरू को कहा कि अंबेडकर को संविधान निर्मात्री सभा में लिया जाए. 

विधानसभा में पक्ष-विपक्ष में नोकझोंक, राठौड़ बोले- गुलाम मानसिकता वाले से कैसी उम्मीद

Jaipur: निर्दलीय विधायक संयम लोढ़ा के बोलने के दौरान गहमागहमी का माहौल हुआ. संयम लोढ़ा अनुसूचित जाति - जनजाति के लिए वित्तीय प्रावधान के बिल पर बोल रहे थे. लोढ़ा ने कुछ महापुरुषों की प्रतिमा लगाने की बात की.

इसी दौरान बीजेपी विधायक अनिता भदेल ने सभापति जेपी चंदेलिया से कहा कि यदि एक सदस्य बिल से इतर बोलें, तो सबके लिए यह व्यवस्था होनी चाहिए. सभी सदस्यों को बोलने के लिए बराबर स्वतंत्रता दी जाए. 

यह भी पढ़ें- संयम लोढ़ा के बाद CM के इस सलाहकार ने की 'गुलामी' बयान की तरफदारी, कहा- सोनिया मां समान

 

इस पर संयम लोढ़ा ने कहा कि अजमेर से आने वाली सदस्य ने जब अंबेडकर और नेहरू पर टिप्पणी की थी तब किसी ने कुछ नहीं कहा. उन्होंने कहा था कि नेहरू ने अंबेडकर को हरा दिया. जबकि सच यह है कि अंबेडकर पहले संविधान निर्मात्री सभा में नहीं थे. संयम बोले कि गांधीजी ने उन्हें देश का सम्मान बताया और नेहरू को कहा कि अंबेडकर को संविधान निर्मात्री सभा में लिया जाए. 

इस दौरान अनीता भदेल और संयम लोढ़ा में नोकझोंक हुई. संयम ने भदेल से कहा कि आप बैठ जाइए. इस पर बीजेपी के विधायक अनिता भदेल के समर्थन में खड़े हो गए. चंद्रभान सिंह आक्या अनिता भदेल के समर्थन में आए और संयम लोढ़ा पर महिला विधायक को धमकाने का आरोप. लगाया. मदन दिलावर बोले कि यहीं पर एट्रोसिटी की जा रही है.

इसके बाद बीजेपी के राजेंद्र राठौड़, रामलाल शर्मा, जोगेश्वर गर्ग, सुमित गोदारा, वासुदेव देवनानी, मदन दिलावर, अभिनेष महर्षि समेत कई विधायक भदेल के समर्थन में उतरे. वासुदेव देवनानी ने संयम लोढ़ा से कहा कि आपको इतिहास पढ़ना चाहिए. श्यामाप्रसाद मुखर्जी अंबेडकर को संविधान निर्मात्री सभा में लाए थे. इसके बाद संयम लोढ़ा के समर्थन में कांग्रेस के विधायक भी बोलने लगे. 

राठौड़ ने बोला जोरदार हमला
इसी बीच विपक्ष के उप नेता राजेंद्र राठौड़ बोले कि एक गुलाम मानसिकता वाला व्यक्ति और क्या बोल सकता है? उससे कोई ज्यादा उम्मीद भी नहीं की जा सकती.

इस पर संयम लोढ़ा ने भी दिखाए तल्ख तेवर
पलटकर बोले लोढ़ा - "तुम्हारी तरह लोगों को जिंदा जलाने वाले लोगों का साथ देने वाला आदमी नहीं हूं मैं. लोढ़ा बोले कि तुमने औरतों को जिंदा जलाने वालों का समर्थन किया था."

इस बीच आसन पर बैठे सभापति जेपी चंदेलिया ने हाउस को उसको ऑर्डर में लाने की कोशिश की और कहा - बिल से हटकर कोई विधायक नहीं बोलेगा. सभापति के बोलने के बाद कुछ देर हाउस ऑर्डर में दिखा. 

संयम लोढ़ा बोले कि कांग्रेस ने भीमराव अंबेडकर को कानून मंत्री बनाया. महात्मा गांधी के कहने से ही उन्हें संविधान निर्मात्री सभा में शामिल किया गया. इसी बीच संयम लोढ़ा ने बीजेपी विधायकों की तरफ इशारा करते हुए कहा कि 'अंबेडकर को धर्म क्यों त्यागना पड़ा?' तुम लोग जिम्मेदार हो, इसके लिए.

विपक्ष हुआ हमलावर
संयम लोढ़ा के इस बयान पर समूचा विपक्ष खड़ा हो गया. बीजेपी के कुछ विधायक तो अगली पंक्ति में राजेंद्र राठौड़ की सीट के करीब आ गए थे. कुछ देर हंगामेदार माहौल के बाद विपक्षी विधायक अपनी सीटों पर लौटे लेकिन संयम लोढ़ा के बोलने के दौरान विपक्ष की छींटाकशी चलती रही. संयम लोढ़ा ने सुझाव दिया कि नई कॉलोनी काटने पर 25 फ़ीसदी प्लाट एससी - एसटी के लिए रखने के प्रावधान हों. एससी - एसटी के अधिकारी को तबादला होने पर नई जगह मकान किराये पर लेने में परेशानी होती है. सुमित गोदारा बोले - इस समस्या पर सरकार क्या कर रही है? संयम लोढ़ा बोले, एससी - एसटी के लिए ना कोई फैक्ट्री है, ना प्रतिष्ठान. उनका सपना साकार करने का एकमात्र जरिया शिक्षा है. इस दौरान आसन पर सभापति जेपी चंदेलिया मौजूद थे. पूर्व में जेपी चंदेलिया भी आईएएस रह चुके हैं.

संयम लोढ़ा बोले कि या तो एससी - एसटी के बच्चे पढ़ लिखकर आपकी तरह आईएएस बन जाएं क्योंकि बैंक, दूसरे सरकारी संस्थान और वित्तीय संस्थानों का तो निजीकरण किया जा रहा है. निजी क्षेत्र में उनके लिए कोई आरक्षण नहीं है. संयम लोढ़ा ने निजी क्षेत्र में 30 फ़ीसदी आरक्षण के प्रावधान करने का सुझाव दिया.

Trending news