भारतीय सेना में भी घुस चुका है जातिवाद? अब इन्होंने की नई रेजीमेंट बनाने की मांग
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भारतीय सेना में भी घुस चुका है जातिवाद? अब इन्होंने की नई रेजीमेंट बनाने की मांग

वक्ताओं ने कहा कि सेना में सबसे अधिक अहीर युवा विभिन्न मोर्चों पर शहीद हुए हैं, लेकिन उसके बाद भी अहीर रेजीमेंट का गठन नहीं किया जा रहा है. 

भारतीय सेना में भी घुस चुका है जातिवाद? अब इन्होंने की नई रेजीमेंट बनाने की मांग

Mundawar: अलवर जिले के मुंडावर कस्बे के सोडावास रोड पर निजी शिक्षण संस्थान में रविवार दोपहर को अहीर रेजीमेंट बनाने को लेकर यादव समाज की एक बैठक आयोजित हुई. सभा को खेड़की दोला गुरुग्राम से आए अहीर समाज के प्रमुख लोगों और जनप्रतिनिधियों ने सम्बोधित किया. साथ ही मुंडावर विधानसभा क्षेत्र से अधिक से अधिक संख्या में लोगों को 23 मार्च को खेड़की दौला स्थित धरने में पहुंचने का आह्वान किया. 

खेड़की दौला टोल प्लाजा से आये राव अजीत सिंह, एलएन यादव अध्यक्ष अहीर रेजिमेंट संघर्ष समिति हरियाणा, मोनू यादव सिकन्दरपुर, अरुण यादव खेड़की दौला, श्योचंद सरपंच शिकोहपुर, राव रामफूल पदम का बास, कमल यादव रेवाड़ी, बीरबल यादव बिहार, लक्ष्मीनारायण नखरोला सहित अन्य वक्ताओं ने अपने सम्बोधन में कहा कि भगवान श्री कृष्ण ने विश्व को न्याय दिलाने के साथ ही शिक्षा देने और स्वर्ग का रास्ता दिखाया था. देश में 28 जातियों और धर्मों की रेजीमेंट कार्य कर रही है, लेकिन देश के करीब 26 करोड़ अहीर लम्बे समय से सेना में अपनी रेजीमेंट बनाने को लेकर संघर्ष कर रहे हैं. 

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आजादी की लड़ाई से लेकर सभी युद्धों में रही प्रमुख भूमिका

उन्होंने कहा कि वीर अहीर सैनिकों ने 1857 की आजादी की लड़ाई से कारगिल युद्ध तक अपनी वीरता और शौर्य का अभूतपूर्व लौहा मनवाया है. उसके बाद भी केंद्र सरकार सेना में अहीर रेजीमेंट का गठन नहीं कर पा रही है. ऐसे में अगर हमें सेना में अहीर रेजीमेंट का गठन करवाना है तो इसके लिए सभी को साथ मिलकर केंद्र सरकार के खिलाफ कड़ा संघर्ष करना होगा. जिस तरह से सेना में अन्य जातियों और धर्मों की रेजीमेंट कार्य कर रही है, उसी तरह से चाहे वह 1857 की क्रांति हो, 1962, 1965, कारगिल युद्ध हो या फिर विश्व प्रसिद्ध रेजांगला का युद्ध हो सभी युद्धों में सबसे अधिक अहीर समाज के सैनिकों ने अपना अदम्य साहस दिखाया है.

इसके साथ ही वक्ताओं ने कहा कि सेना में सबसे अधिक अहीर युवा विभिन्न मोर्चों पर शहीद हुए हैं, लेकिन उसके बाद भी अहीर रेजीमेंट का गठन नहीं किया जा रहा है. सेना में अहीर रेजीमेंट के गठन को लेकर समाज के जनप्रतिनिधि भी सामने आ रहे हैं और संसद में खुलकर रेजीमेंट बनाने की मांग कर रहे हैं. ऐसे जितने भी यादव समाज के जनप्रतिनिधि हैं वह मिलकर अहीर रेजीमेंट के गठन को लेकर संसद से लेकर विधानसभा में अपनी अपनी आवाज को बुलंद करें.

जाति और धर्म की रेजीमेंट तो यादव समाज की क्यों नहीं 

वर्तमान में सेना में 28 जाति और धर्म की रेजीमेंट है, लेकिन अहीर रेजीमेंट नहीं होने से अहीर समाज के युवाओं को सेना में कम नौकरी मिल पाती है.

 इस दौरान समाजसेवी इन्दर यादव,ललित यादव, यादव समाज मुण्डावर विधानसभा अद्यक्ष अजीत यादव, केडी यादव, रामपाल यादव, अरुण यादव, दिनेश यादव, एडवोकेट रूपेश यादव, जगदीश यादव शिक्षाविद, रामफल यादव प्रधानाचार्य, नीलम यादव, ईश्वर यादव, धर्मेंद्र यादव, हरीश हरिनगर, ऋषिराज, जयपाल यादव, पवन यादव, अजय बुढ़वाल, मनीष मुन्डनवाड़ा, रामकरण यादव, भीमराव यादव, संदीप यादव सहित यादव समाज के अनेक लोग और जनप्रतिनिधि मौजूद रहे.

Report-Jugal Kishor Gandhi

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