कोरोनाकाल में जमीनों की चमक नहीं हुई फीकी, मुद्रांक एवं पंजीयन विभाग में बरस रहा धन
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कोरोनाकाल में जमीनों की चमक नहीं हुई फीकी, मुद्रांक एवं पंजीयन विभाग में बरस रहा धन

राज्य सरकार का कमाउ पूत कहा जाने वाला पंजीयन एवं मुद्रांक विभाग इस साल 6100 करोड़ का राजस्व कमाकर देगा. 

इस वित्तीय वर्ष में लक्ष्य के मुकाबले 52.94 प्रतिशत राजस्व अर्जित.

Jaipur : राज्य सरकार का कमाउ पूत कहा जाने वाला पंजीयन एवं मुद्रांक विभाग इस साल 6100 करोड़ का राजस्व कमाकर देगा. इस वित्तीय वर्ष के आठ माह में लक्ष्य के मुकाबले 52.94 फीसदी राजस्व अर्जित कर सरकार का खजाना भर दिया हैं. जब कोरोना काल में लोग बेरोजगार हो गए. नौकरियां छीन गई. धंधे चौपट हो गए उसके बावजूद जमीनी कारोबार की चमक फीकी नहीं पड़ी.

आबकारी विभाग में शराब के जाम और मुद्रांक एवं पंजीयन विभाग में जमीनों की चमक से सरकारी खजाना छलकता है. साल दर साल लक्ष्स बढाने के बावजूद कमाउ पूत विभागों में लगे अफसर टारगेट को पूरा करने में पूरी ताकत लगा देते हैं. पिछले दो साल से कोरोना महामारी ने उद्योग धंधे तबाह कर दिए. होटल-पर्यटन उद्योग घुटनों पर आ गया. लोगों के रोजी रोजगार छिन गए, लेकिन इसके बावजूद जमीनी कारोबार की चमक फीकी नहीं पड़ी. इसमें साल दर साल लगातार बढ़ोतरी हो रही है.

लोग प्रोपर्टी कारोबार में जम कर निवेश कर रहे हैं. खुद आंकड़े इसकी गवाही दे रहे हैं. वित्तीय वर्ष 2021-2022 के लिए पंजीयन एंव मुद्रांक विभाग को 6100 करोड़ का राजस्व लक्ष्य दिया गया है. विभाग ने अब तक अक्टूबर माह में 3229.22  करोड़ रूपए हासिल किए हैं. यह लक्ष्य का 52.94 प्रतिशत है. जबकि इसी अवधि में गत वर्ष (2020-21) से 788.35 करोड़ की वास्तविक वृद्धि दर्ज की गई है. पंजीयन एंव मुद्रांक विभाग को इस वित्तीय वर्ष अप्रैल में जमीनों-मकान आदि की रजिस्ट्री से 386 करोड़ रूपए का राजस्व मिला. जबकि मई में 171.94 करोड़, जून में 527.02 करोड़, जुलाई में 612.70 करोड़, अगस्त में 526.39 करोड़, सितम्बर माह में 627.88 करोड़ रूपए का राजस्व मिला और अक्टूबर  में अब तक 377.08 करोड़ का राजस्व मिला.

मुद्रांक एवं पंजीयन विभाग के महानिरीक्षक महावीर प्रसाद की माने तो 2015-16 में पंजीयन एंव मुद्रांक विभाग को सरकार से 3450 करोड़ का लक्ष्य मिला. इसके मुकाबले 3234 करोड रूपए का राजस्व अर्जित हुआ जो की लक्ष्य का 93.74 फीसदी हैं. वहीं, 2016-17  में राज्य सरकार ने राजस्व का लक्ष्य कम करते हुए 3250 करोड का टारगेट दिया. इसके मुकाबले 3050 करोड़ रूपए का जमीनों-मकानों की रजिस्ट्री से राजस्व अर्जित हुआ जो की 93.94 फीसदी हैं. वर्ष 2017-18 की बात करें तो पंजीयन एंव मुद्रांक विभाग को सरकार से 4050 करोड़ का लक्ष्य मिला. इसके मुकाबले विभाग ने 3674.78 करोड़ रूपए हासिल करते हुए 90.74 प्रतिशत लक्ष्य हासिल किया.

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वर्ष 2018-2019 में विभाग को 4750 करोड़ का लक्ष्य दिया गया इसके मुकाबले विभाग ने 3860.03 करोड़ हासिल किए यह लक्ष्य का 81.81 फीसदी रहा. इसी तरह वर्ष 2019-2020 में विभाग को 5350 करोड़ का लक्ष्य दिया गया इसके मुकाबले विभाग ने 4234.73 करोड़ हासिल किए यह लक्ष्य का 79.15 फीसदी रहा. विभाग ने गत वर्ष के मुकाबले 348.70 करोड़ अधिक हासिल किए. गत वर्ष के मुकाबले 8.97 प्रतिशत की बढ़ोतरी रही. वहीं, वर्ष 2020-2021 में विभाग को 5550 करोड़ का लक्ष्य दिया गया इसके मुकाबले विभाग ने 5297.19 करोड़ हासिल किए यह लक्ष्य का 95.44 फीसदी रहा. विभाग ने गत वर्ष के मुकाबले 1062.46 करोड़ अधिक हासिल किए. गत वर्ष के मुकाबले 25.09 प्रतिशत की बढ़ोतरी रही.

बहरहाल, मुद्रांक एवं पंजीयन विभाग के अधिकारी धरतेरस और दीपावली का इंतजार कर रहे हैं. जब उनके विभाग में भी धन की बरसेगा. वैसे तो लोग कभी भी घर खरीदते हैं मगर कुछ सालों से रियल स्टेट भी दीपावली को भुना रहा है. दीपावली पर गृह प्रवेश को शुभ मानते हुए लोगों को आकर्षित करने की होड़ लग जाती है. ऐसे में धनतेरस पर जमीन व मकान के रजिस्ट्री की संभावना अधिक है.

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