पांच साल में डिजिटल ट्रांजैक्शन ने पकड़ी रिकॉर्ड रफ्तार, ई करेंसी का बढ़ा चलन
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पांच साल में डिजिटल ट्रांजैक्शन ने पकड़ी रिकॉर्ड रफ्तार, ई करेंसी का बढ़ा चलन

नोटबंदी को पांच साल पूरे हो गए हैं. इसके कई परिणाम सामने आए हैं. एक तरफ जहां कैश फ्लो फिर से बढ़ा है वहीं दूसरी तरफ डिजिटल लेनदेन भी हर हाथ तक पहुंचा है. 

प्रतीकात्मक तस्वीर

Jaipur: नोटबंदी को पांच साल पूरे हो गए हैं. इसके कई परिणाम सामने आए हैं. एक तरफ जहां कैश फ्लो फिर से बढ़ा है वहीं दूसरी तरफ डिजिटल लेनदेन भी हर हाथ तक पहुंचा है. मोबाइल वॉलेट और इंटरनेट बैंकिंग सुविधा ने भारत में ई ट्रांजेक्शन को बढ़ावा दिया है. रिजर्व बैंक के आंकड़ों के अनुसार नोटबंदी (Demonetisation) से पहले 4 नवंबर 2016 को देश में चलन में रहने वाले कुल नोटों का मूल्य 17.74 लाख करोड़ रुपये था. वर्तमान में यह 29.17 लाख करोड़ रुपये हो गई. आकड़ों के आधार पर नोटबंदी के बाद से अब तक वैल्यू के लिहाज से नोट के सर्कुलेशन में करीब 64 फीसदी की बढ़त हुई है. 30 अक्टूबर 2020 को सर्कुलेशन में रहने वाले नोटों का मूल्य 26.88 लाख करोड़ रुपये था.

नोटबंदी के पांच साल पूरे
8 नवंबर 2016 को मोदी सरकार ने की थी नोटबंदी
500 और 1000 रुपए के नोट हुए थे चलन से बाहर
उस समय चलन में रहने वाले कुल नोटों का मूल्य था 17.74 लाख करोड़ रुपये
वर्तमान में 29.17 लाख करोड़ रुपये के नोट चलन में
अक्टूबर 2021 मे 7.71 लाख करोड़ रुपये मूल्य का हुआ UPI लेनदेन
मोबाइल वॉलेट से भुगतान प्रक्रिया भी पकड़ रही गति
जिन इलाकों में इंटरनेट सेवा बेहतर वहां ई करेंसी चलन में

नोटबंदी के पांच साल नागरिकों की आम दिनचर्या में अलग अलग अनुभव लेकर आया है. एक ओर नोटबंदी के बाद डिजिटल लेनदेन को बढ़ावे मिला है दूसरी ओर अभी भी 2000 रुपए का बड़ा नोट भ्रष्ट्राचारियों को बढ़ावा देने का जरिया बने हुए हैं. नोटबंदी के बाद नगद में भुगतान की प्रक्रिया माइनस में जाने की उम्मीद थी, लेकिन आकड़े उलट आए हैं. आरबीआई से मिले आकड़ों के अनुसार कोरोना काल के दौरान पिछले एक साल में नोटों का सर्कुलेशन करीब 8.5 फीसदी बढ़ गया. 31 मार्च 2021 तक के आंकड़ों के मुताबिक देश में सर्कुलेशन में रहने वाले कुल बैंक नोट के वैल्यू का 85.7 फीसदी हिस्सा 500 रुपये और 2,000 रुपये के बैंक नोट का है. इसमें 2019-20 और 2020-21 के दौरान 2,000 के नए नोट नहीं छापे गए हैं.

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पिछले पांच साल में डिजिटल ट्रांजैक्शन भी रिकॉर्ड स्तर पर बढ़ा है. क्रेडिट-डेबिट कार्ड, नेट बैंकिंग, यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस सभी तरीकों सेडिजिटल पेमेंट बढ़ा है. UPI की शुरुआत भी साल 2016 में हुई थी, अक्टूबर 2021 में इससे करीब 7.71 लाख करोड़ रुपये मूल्य का लेनदेन हुआ. अक्टूबर महिने में कुल 421 करोड़ के लेन-देन हुए. राजस्थान में भी बैंकिंग सेक्टर अब धीरे-धीरे ऑनलाइन मोड पर बढ़ रहा है. पिछले पांच साल में नई बैंक ब्रांचों के खुलने की स्पीड भी कम हुई है.

केंद्र सरकार अब इंटरनेट बैंकिंग के साथ साथ डिजिटल भारत पर भी फोकस कर रही है. हालांकि कई राज्यों में विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं के दौरान नेटबंदी से डिजिटल बैंकिंग सुविधाओं पर असर रहा है.

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