Trending Photos
Jaipur News: दीपावली के अवसर पर जयपुर के एसएमएस अस्पताल में विशेष इंतजाम किए गए हैं. मेडिकल कॉलेज प्राचार्य डॉ दीपक माहेश्वरी ने डॉक्टरों और कर्मचारियों को अलर्ट रहने के निर्देश दिए हैं. अस्पताल में इमरजेंसी सेवाएं चालू रहेंगी और विभिन्न विभागों के डॉक्टर्स को अप्रिय घटनाओं से निपटने के लिए तैयार रखा गया है.
दीपावली पर प्लास्टिक सर्जरी, बर्न, और आंखों के मामले अधिक आते हैं, इसलिए इन विभागों के डॉक्टर्स को विशेष रूप से अलर्ट रहने को कहा गया है. डॉ दीपक माहेश्वरी ने कहा, "दीपावली पर आतिशबाजी के चलते जलने की घटनाएं बढ़ जाती हैं, इसलिए हमने इमरजेंसी में विशेष व्यवस्थाएं की हैं." अस्पताल प्रशासन ने लोगों को सुरक्षा के लिए भी सलाह दी है, जैसे कि खुली स्थानों पर पटाखे फोड़ने, धुएं और अधिक आवाज वाले पटाखे से परहेज करने, बच्चों का विशेष ध्यान रखने, और जमीन पर दूर रखकर पटाखों में आग लगाने.
दीपावली के दिन SMS मेडिकल कॉलेज चिकित्सालय की इमरजेंसी में किसी भी अप्रिय घटना से निपटने के लिए अलर्ट रहने के निर्देश दिए. दीपावली पर्व में आतिशबाजी के चलते जलने की घटनाएं अक्सर बढ़ जाती हैं, इसी को ध्यान में रखते हुए एसएमएस अस्पताल प्रशासन ने सभी विशेषज्ञ चिकित्सकों की रोस्टर के अनुसार ड्यूटी लगाई है. अस्पताल के सभी स्पेशलिस्ट चिकित्सकों और स्टाफ को 24 घंटे अलर्ट रहने को कहा गया है.
दीपोत्सव का आगाज़ हो गया है. एसएमएस मेडिकल कॉलेज प्रिंसिपल डॉ दीपक माहेश्वरी का कहना है कि फेस्टिव सीजन के दौरान कई बार दुर्घटना के मामले भी सामने आते हैं. दीपावली के मौके पर आमतौर पर अस्पताल में पटाखों से या फिर अन्य किसी प्रकार से झुलसने के मामले सबसे अधिक आते हैं. इसे देखते हुए अस्पताल की इमरजेंसी में राउंड द क्लॉक चिकित्सक तैनात किए गए हैं.
बर्न और प्लास्टिक सर्जरी, न्यूरो सर्जरी, नेत्र व एनेस्थिसिया विभाग से जुड़े चिकित्सक इमरजेंसी में उपलब्ध रहेंगे. इसके साथ ही जयपुर के कांवटिया, जयपुरिया, इएसएसआइ अस्पताल में भी दीपावली के मौके पर इमरजेंसी सेवाएं चालू रहेंगी. सड़क हादसों या सिर में चोट लगने पर ट्रोमा सेंटर व पेट संबंधी समस्याओं के लिए सुपर स्पेशियलिटी ब्लॉक की इमरजेंसी चालू रहेंगी. एसएमएस में इमरजेंसी में कार्डियोलॉजिस्ट व न्यूरोलॉजिस्ट भी मौजूद रहेंगे.
पिछली बार महंगा साबित हुआ था पटाखों का शौक
एसएमएस अस्पताल के डॉक्टर्स के मुताबिक, पटाखों से लोग दो तरह से घायल होते हैं- एक तो पटाखे का एक हिस्सा गोली की तरह निकलकर लोगों को लगता है और दूसरा बारूद से जलने से. एक्सपर्टस का कहना है कि "अगर कोई बम बहुत करीब में फटता है तो बारूद आंखों में चला जाता है. ऐसे भी मामला सामने आया है, जिससे आंख का कॉर्निया जल गया. कई आंखों को बचाने और सामान्य स्थिति में लाने के लिए ऑपरेशन किए जाते है. लेकिन उनमें से एक या दो को छोड़कर बाकी के आखों को वापस लाना पाना मुश्किल होता है.
दिवाली के दौरान सुरक्षा के लिए कुछ महत्वपूर्ण बातों का ध्यान रखना आवश्यक है. खुली स्थानों पर पटाखे फोड़ें, धुएं और अधिक आवाज वाले पटाखे से परहेज करें, और बच्चों का विशेष ध्यान रखें. जमीन पर और दूर रखकर पटाखों में आग लगाएं और वहां दूर हो जाएं. पूरी तरह शरीर को ढकने वाले कपड़े पहनें और पटाखों के दुष्प्रभाव से बचने के लिए चश्मे का इस्तेमाल करें.
कुछ बातें जिन्हें नहीं करना चाहिए:
- घर के अंदर और चारों तरफ से बंद जगहों पर पटाखे फोड़ने से परहेज करें.
- छोटे बच्चों के आसपास तेज आवाज और अधि धुएं वाले पटाखे ना फोड़ें.
- गाउन और छोटे कपड़े पहनकर पटाखे फोड़ने से बचें, जलने की संभावना अधिक होती है.
- जल जाने पर खुद से इलाज ना करें, तुरंत अपने डॉक्टर से मिलें.
- जेब में पटाखे बिल्कुल ना रखें.
विशेष रूप से, बुजुर्गों का ध्यान रखें, क्योंकि तेज आवाज वाले पटाखों के कारण उन्हें हाइपरटेंशन और दिल की समस्याएं हो सकती हैं. उन्हें डॉक्टर से सलाह लेकर प्रतिरोधी दवाइयां लेनी चाहिए. साथ ही, अपने कानों का भी ख्याल रखें और तेज आवाज से बचें.
दीपावली के त्यौहार में पटाखों की आवाज 140 डेसिबल तक पहुंच जाती है, जो हमारे सुनने की क्षमता को नुकसान पहुंचा सकती है. खासकर बच्चों के साथ अभिभावकों को भी विशेष ध्यान देने की जरूरत है. पटाखा जलाने के दौरान आंख में चिनगारी जाने से आंख हमेशा के लिए खराब हो सकती है. इसलिए, दीपावली के दौरान सावधानी और सुरक्षा का ध्यान रखें. अपने और अपने परिवार की सुरक्षा के लिए आवश्यक उपाय करें और सुरक्षित दीपावली मनाएं.
राजस्थान की ताज़ा ख़बरों के लिए ज़ी न्यूज़ से जुड़े रहें! यहाँ पढ़ें Rajasthan News और पाएं Latest Rajasthan News हर पल की जानकारी. राजस्थान की हर खबर सबसे पहले आपके पास, क्योंकि हम रखते हैं आपको हर पल के लिए तैयार. जुड़े रहें हमारे साथ और बने रहें अपडेटेड!