त्योहारी सीजन में किसानों के लिए केंद्र सरकार की सौगात, इन खाधान्न को स्टॉक करने पर लगाई रोक
Advertisement

त्योहारी सीजन में किसानों के लिए केंद्र सरकार की सौगात, इन खाधान्न को स्टॉक करने पर लगाई रोक

Indian trade industry news: पेडी (नॉन बासमती), गेहूँ, चना, मूंग, सरसों एवं इसके उत्पाद, सोयाबीन एवं इसके उत्पाद, क्रूड पॉम ऑयल का स्टॉक एक्सचेन्ज में क्रय-विक्रय 20 दिसम्बर 2024 तक सेबी के आदेशानुसार स्थगित रहेगा. भारतीय उद्योग व्यापार मण्डल निरन्तर मांग पर सेबी ने दिसंबर 2024 तक क्रय-विक्रय स्टॉक एक्सचेन्ज स्थगित किया. 

त्योहारी सीजन में किसानों के लिए केंद्र सरकार की सौगात, इन खाधान्न को स्टॉक करने पर लगाई रोक

Indian trade industry: पेडी (नॉन बासमती), गेहूँ, चना, मूंग, सरसों एवं इसके उत्पाद, सोयाबीन एवं इसके उत्पाद, क्रूड पॉम ऑयल का स्टॉक एक्सचेन्ज में क्रय-विक्रय 20 दिसम्बर 2024 तक सेबी के आदेशानुसार स्थगित रहेगा. भारतीय उद्योग व्यापार मण्डल निरन्तर मांग पर सेबी ने दिसंबर 2024 तक क्रय-विक्रय स्टॉक एक्सचेन्ज स्थगित किया. भारतीय उद्योग व्यापार मण्डल के राष्ट्रीय अध्यक्ष बाबूलाल गुप्ता ने बताया कि भारतीय उद्योग व्यापार मण्डल निरन्तर मांग करता आ रहा था कि गेहूँ, चावल, चना, मूंग, उडद, अरहर, मसूर तथा इनकी दालें, सरसों एवं सरसों का तेल, सोयाबीन एवं सोयाबीन का तेल, मूंगफली एवं मूंगफली का तेल, सनफ्लॉवर एवं सनफ्लॉवर का तेल, कच्चा पॉम ऑयल का क्रय-विक्रय स्टॉक एक्सचेन्ज से बाहर रहना चाहिए. 

10 प्रतिशत पूंजी पर 100 प्रतिशत का सट्टा यानि 100 प्रतिशत का क्रय-विक्रय कल्पना के आधार पर तेजी-मंदी रहते हुए व्यापार किया जाता रहा है. इससे इन उत्पादों में परिकल्पित तेजी-मंदी आती रहती है जो व्यापारी, किसान और उपभोक्ता के हित में नहीं है. जब माल बाजार में आने लगता है तो तेजडिये इसमें तेजी लाने की कोशिश करते हैं और उद्योग इन तेजड़ियों के झांसे में आकर कच्चा माल खरीदता है. फिर वर्षभर बाजार में मंदड़ियों का जोर रहने के कारण उद्योग को बेपड़ता अपना माल बेचना पड़ता है.

यह भी पढ़े- कांग्रेस उम्मीदवारों की दूसरी लिस्ट जारी, बामनिया को मिला पांचवी बार मौका

किसान जब माल बाजार में लेकर आता है तो अनावश्यक तेजी के कारण बाजार में खरीददार गायब हो जाता है और बाजार में मंदी आ जाती है किसान का माल कम भावों में बिकता है. जबकि स्टॉक एक्सचेन्ज में तेजड़िये तेजी-मंदी खेलते रहते हैं. हाजिर में माल नहीं बिकने के कारण किसान को अपनी कृषि उपज के कम दाम मिलते हैं और इस प्रकार किसान नुकसान में रहता है. स्टॉक एक्सचेन्ज में तेजी के कारण उद्योग को अपनी आवश्यकतानुसार माल नहीं मिलता है. जब वह खरीदने जाता है तो बाजारों में कच्चे माल में तेजी दिखाई देती है और तैयार माल को जब वह बेचने जाता है तो स्टॉक एक्सचेन्ज में मंदी आने के कारण उसका तैयार माल उचित भावों में नहीं बिकता है. 

इसका सीधा प्रभाव उपभोक्ता पर पड़ता है और स्टॉक एक्सचेन्ज में तेजी-मंदी आने के कारण खुदरा व्यापारी उँचे भावों में माल खरीदता है और उँचे भावों में ही बेचता है. इससे उपभोक्ता को कभी भी मंदी का लाभ नहीं मिलता और उसे उपरोक्त कृषि उत्पाद तेज भावों में खरीदना पड़ता है. इस प्रकार उपभोक्ता ठगा जाता है. भारतीय उद्योग व्यापार मण्डल के राष्ट्रीय अध्यक्ष बाबूलाल गुप्ता ने बताया कि भारतीय उद्योग व्यापार मण्डल निरन्तर मांग करता आ रहा है कि बनावटी तेजी-मंदी व्यापारी का व्यापार खत्म करती है.

यह भी पढ़े- राजस्थान में पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय, इन संभागों में बारिश की संभावना, यहां गिरावट जारी..

उपज का नहीं मिलता ठीक दाम 
किसान को उसकी उपज का ठीक दाम नहीं मिलता है और उपभोक्ता को उचित दाम में उसके द्वारा चाही गई सामग्री नहीं मिलती है. भारतीय उद्योग व्यापार मण्डल की मांग रही है कि समस्त कृषि उपज एवं इनके उत्पादों को स्टॉक एक्सचेन्ज में किये जाने वाले क्रय-विक्रय से बाहर रखना चाहिये. गुप्ता ने केंद्र सरकार का और विशेष तौर से सेबी का धन्यवाद करते हुए कहा कि इस आदेश के कारण किसान को उसकी उपज का सही दाम मिलेगा. व्यापारी का व्यापार चलता रहेगा और उपभोक्ता जो महंगाई से पीड़ित है उसको भरपूर राहत मिलेगी. उपभोक्ता सटोरियों के इस बनावटी खेल से बचा रहेगा.

Trending news