हैंडलूम, हैंडीक्राफ्ट और खादी के उत्पादों को ई-कॉमर्स पर लाने की सुविधा, अधिकारियों ने ली बैठक
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हैंडलूम, हैंडीक्राफ्ट और खादी के उत्पादों को ई-कॉमर्स पर लाने की सुविधा, अधिकारियों ने ली बैठक

 उद्योग एवं वाणिज्य विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव वीनू गुप्ता ने हस्तशिल्प, हथकरघा, खादी सहित संबंधित संस्थाओं के उत्पादों को ई-कॉमर्स की सुविधा उपलब्ध कराने के लिए बुधवार को अमेजन, फ्लिपकार्ट और वालमार्ट कंपनियों के प्रजेंटेशन देखे और उनसे उत्पादों की ब्रिक्री, पॉलिसी के संबंध में विस्तार

हैंडलूम, हैंडीक्राफ्ट और खादी के उत्पादों को ई-कॉमर्स पर लाने की सुविधा, अधिकारियों ने ली बैठक

जयपुर: उद्योग एवं वाणिज्य विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव वीनू गुप्ता ने हस्तशिल्प, हथकरघा, खादी सहित संबंधित संस्थाओं के उत्पादों को ई-कॉमर्स की सुविधा उपलब्ध कराने के लिए बुधवार को अमेजन, फ्लिपकार्ट और वालमार्ट कंपनियों के प्रजेंटेशन देखे और उनसे उत्पादों की ब्रिक्री, पॉलिसी के संबंध में विस्तार से चर्चा की.

ACS उद्योग वीनू गुप्ता ने बताया बदलते समय के साथ राज्य सरकार हैंडलूम, हैंडीक्राफ्ट, खादी जैसे उत्पादों की बिक्री पर पूरा ध्यान दे रही है. मार्केटिंग और विज्ञापन के अभाव में जो उत्पाद कुछ गांवों, कस्बों तक सिमटकर रह जाते हैं, उन्हें कॉमर्शियल वेबसाइट्स और सोशल प्लेटफॉर्म्स से जोड़ना चाहते हैं। इससे ना केवल उत्पादों के लिए ओपन मार्केट मिल सकेगा साथ ही दस्तकारों और कलाकारों को रोजगार के अवसर और आय में बढ़ोतरी हो सकेगी.

ऑनलाइन कंपनियों के प्रतिधिनियों से अधिकारियों की हुई चर्चा

अतिरिक्त मुख्य सचिव ने कहा कि सरकार ने दस्तकारों और कारीगरों के उत्पादों की बिक्री बढ़ाने के लिए पूर्व में भी कई सरकारी स्टोर्स खोले हैं, कई योजनाओं से लाभान्वित किया है. बदलते दौर के अनुसार सरकार आर्टिजंस को कॉमर्शियल वेबसाइट्स से जोड़ने पर विचार कर रही है. उन्होंने बताया कि बैठक में कंपनियों के प्रतिनिधियों से कारीगरों को दी जाने वाली सुविधाएं, वेब साइट्स की पॉलिसी, अन्य राज्यों के साथ कंपनियों के अनुभव सहित कई विषयों पर विस्तार से चर्चा की गई.

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सरकार ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर जोड़ने को इच्छुक

ACS उद्योग ने बताया कि ई प्लेटफॉर्म्स के जरिए कारीगरों को बड़ा मार्केट तो मिलता ही है साथ ही उन्हें सीखने का मौका भी मिलता है. उन्होंने बताया कि उत्पाद की कैटलॉगिंग, गुणवत्ता, उत्पादों की समान दर, बेहतर फोटोज के साथ प्रस्तुत करने सहित कई ऐसे विषय हैं, जिन पर कारीगर काम कर सकते हैं. उन्होंने कहा कि सरकार की मंशा है कि प्रदेश के ज्यादातर आर्टिजंस और वीवर्स इन प्लेटफॉर्म्स से जुड़ें.

उद्योग आयुक्त महेन्द्र कुमार पारख ने बताया कि बैठक में कंपनियों के प्रतिनिधियों के अलावा हैंड ब्लॉक प्रिटिंग, मीनाकारी, ब्ल्यू पॉटरी, नेचुरल डाई सहित कई विधाओं के कारीगरों को बुलाया गया ताकि ई-बिजनेस के दौरान व्यावहारिक तौर पर आने वाली समस्याओं पर चर्चा हो सके. उन्होंने बताया कि प्रस्तुतिकरण के दौरान प्रदेश के अन्य हिस्सों से कलाकारों ने वर्चुअली जुड़कर भी ई बिजनेस से जुड़े विषयों पर बातचीत की.

कारीगरों के सामने आने वाली परेशानियों की भी हुई चर्चा
राजस्थान हथकरघा विकास निगम की प्रबंध निदेशक मनीषा अरोड़ा ने कंपनियों के प्रतिनिधियों से कारीगरों के समक्ष ऑनलाइन आने वाली समस्याओं पर भी चर्चा की. सचिव खादी एवं ग्रामोद्योग बोर्ड मूलचंद के अलावा स्थानीय कारीगर, उद्योग संघों के प्रतिनिधि, राजस्थान लघु निगम ,रूडा, बुनकर संघ लिमिटेड के अधिकारीगण उपस्थित रहे.

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