आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग की विवाहित महिलाओं को नहीं मिल रहा लाभ आरक्षण का लाभ
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आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग की विवाहित महिलाओं को नहीं मिल रहा लाभ आरक्षण का लाभ

महिलाओं को स्वावलंबी बनाने के उद्देश्य से आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग की विवाहित महिलाओं को 10 प्रतिशत का आरक्षण का लाभ लेने के लिए ईडब्ल्यूएस प्रमाणपत्र बनवाने में परेशानी आ रही है. ews प्रमाण पत्र बनवाने में महिला से पति और पिता की आय का प्रमाण पत्र मांगा जा रहा है.

फाइल फोटो

Kotputli: महिलाओं को स्वावलंबी बनाने के उद्देश्य से आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग की विवाहित महिलाओं को 10 प्रतिशत का आरक्षण का लाभ लेने के लिए ईडब्ल्यूएस प्रमाणपत्र बनवाने में परेशानी आ रही है. ews प्रमाण पत्र बनवाने में महिला से पति और पिता की आय का प्रमाण पत्र मांगा जा रहा है.

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महिलाएं अगर पिता और पति दोनों का आय प्रमाणपत्र संलग्न नहीं कर रही है तो आवेदन निरस्त किए जा रहे हैं. जिला स्तरीय अधिकारियों का तर्क यह रहता है कि पति की माली हालत कमजोर हो सकती है लेकिन पिता की आर्थिक स्थिति मजबूत है तो इसका मतलब यह है कि महिला का पालन-पोषण सम्पन्न माहौल में हुआ है. इसलिए यह लाभ की हकदार नहीं हो सकती. महिला अभ्यर्थियों के लिए नियम बनाते समय पिता और पति दोनों का आय विकल्प मान लिया गया है, जिससे ऐसी विवाहित महिलाएं जिनके पिता सम्पन्न परिवार से है और पति आथिक रूप से कमजोर हैं, उन जरूरतमंद महिलाओं के ews प्रमाण पत्र नहीं बन पा रहे हैं.

ews बनवाने में पिता व पति दोंनो की आय का प्रमाण पत्र देना पड़ता है, जिससे उनके प्रमाण पत्र नहीं बन पाते हैं. वो लाभ से वंचित रह जाती है, जबकि अविवाहित महिला अभ्यर्थियों के पिता की आय एवं विवाहिता के लिए केवल पति की आय का प्रमाण पत्र ही आवश्यक होना चाहिए. विवाहित महिला के प्रमाणपत्र ससुराल में और अविवाहित महिला के पीहर पक्ष में ही बन रहे हैं.

चाकसू हल्का पटवारी सुरेश जाट ने बताया कि राज्य सरकार के द्वारा जारी किए गए नियमों के तहत विवाहिता महिलाओं को ews बनवाये के लिए पीहर पक्ष व ससुराल पक्ष दोनो की आय सम्मिलित की जाती है. हमारे पास दूर-दूर से लोग आते हैं, जिन महिलाओं का चाकसू में पीहर है. वो यहां आते हैं, जिनकी हमारे रिपोर्ट की जाती है.

राजस्थान शिक्षक संघ राष्ट्रीय के जिलाध्यक्ष रामावतार शर्मा ने सरकार से नियमो में संसोधन करने का आग्रह हुए बताया कि ईडब्ल्यूएस प्रमाणपत्र के लिए केवल महिला अभ्यर्थियों के पति की ही आय को सामिल किया जाना चाहिए. क्योंकि विवाहित महिला की वार्षिक आय में माता पिता की आय का कोई प्रत्यक्ष योग दान नहीं होता है. हिन्दू मैरिज एक्ट में बताया गया है कि विवाह होने के बाद महिला के नाम के साथ पति का नाम जुड़ जाता है. फिर पिता की आय का प्रमाण पत्र मांगना सर्वथा अनुचित लगता है. राज्य सरकार के सक्षम अधिकारियों को पहल करते हुए इस बड़ी विसंगति को दूर किया जाना चाहिए. राज्य सरकार को भी चाहिए कि आवश्यक हो तो नियमों में संशोधन करके महिलाओं को राहत पहुचाएं.

चाकसू निवासी ममता शर्मा ने बताया कि उन्होंने आर्थिक दृष्टि से पिछड़े वर्ग को 10 प्रतिशत आरक्षण के लिए आवेदन किया था. बार-बार ऑफिसों के चक्कर लगाने पड़े और पिता व पति दोनों की आय का प्रमाणपत्र देना पड़ा. उन्होंने बताया कि ews बनवाने के लिए विवाहित महिला को पति व पिता दोनो की आय का प्रमाण पत्र दिया जाता जो अनुचित है क्योंकि महिला के पिता का परिवार के पालन में विशेष योगदान नहीं रहता. इसलिए सरकार को नियमों में बदलाव करते हुए इस विसंगति को दूर करना चाहिए, जिससे आर्थिक रूप से कमजोर महिलाओं को लाभ मिल सके.

चाकसू निवासी सेवानीवर्त अतिरिक्त ब्लॉक शिक्षा अधिकारी रमेश शर्मा ने ज़ी मीडिया के माध्यम से सरकार से ews प्रमाण पत्र बनाने के नियमों में बदलाव की मांग करते हुए कहा कि विवाहित महिलाओं के ews प्रमाण पत्र के लिए पिता व पति दोनों का आय प्रमाण पत्र देना पड़ता है, जो सर्वथा अनुचित है. विवाहित महिलाओं के लिए केवल पति आय के आधर पर ews बनाये जाने चाहिए क्योंकि पिता की आय का बेटी के घर खर्च चलाने में कोई योगदान नहीं है, इसलिये सरकार आपके माध्यम से नियमो में संशोधन का अनुरोध करता हूं.

चाकसू निवासी विवाहिता किरण ने बताया कि आर्थिक दृष्टि से पिछड़े वर्ग की महिलाओं को 10 प्रतिशत आरक्षण का लाभ सहजता से मिल सके. इसके लिए राज्य सरकार को अधिकारियों को निर्देशित करना चाहिए अथवा जरुरी हो तो संशोधित आदेश जारी करें.

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अब देखने वाली बात ये होगी कि राज्य सरकार के सक्षम अधिकारी इस पर पहल करते हुए इस बड़ी विसंगति को दूर कर पाएंगे या नहीं या फिर ews के लिये महिलाएं यू ही चक्कर लगाती रहेगी. इसमें राज्य सरकार को ठोस कदम उठा कर एक कारगर व्यस्था स्थापित करने की आवश्यकता है, जिससे जरूरतमंदों को सीधे रूप से फायदा मिल सके.

Reporter- Amit Yadav

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