आरएसएलडीसी की जांच में ये चौकाने वाला खुलासा हुआ है, जिसमें कई लोग रोजगार होने के बावजूद बेरोजगारी भत्ता ले रहे हैं.
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Jaipur: राजस्थान (Rajasthan) में एकतरफ लाखों बेरोजगारों को भत्ता मिल नहीं पा रहा, वहीं, दूसरी 83 ऐसे कर्मचारी पकड़े गए हैं, जो सरकारी नौकरी लगने के बाद भी बेरोजगारी भत्ता अप्रूव करा चुके थे.
इनमें से दो तो भत्ता उठा भी चुके थे. राजस्थान कौशल एवं आजीविका विकास निगम (Rajasthan Skill and Livelihood Development Corporation) ने स्टेट इंश्योरेंस एंड प्रोविडेंट फंड से डेटा लेकर जांच की तो ये चौंकाने वाला खुलासा हुआ.
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रोजगारों को मिला बेरोजगारी भत्ता
एक तरफ बेरोजगारों को भत्ता नहीं मिल पा रहा, वहीं, दूसरी तरफ रोजगार मिल चुके लोगों को भत्ता मिल रहा है. आरएसएलडीसी की जांच में ये चौकाने वाला खुलासा हुआ है, जिसमें कई लोग रोजगार होने के बावजूद बेरोजगारी भत्ता ले रहे हैं. इनमें से दो तो सरकारी शिक्षक बनने के बाद भी बेरोजगारी भत्ता ले चुके थे. इसका पता चलते ही श्रम एवं रोजगार विभाग के सचिव नीरज के पवन ने फोन किया और मामले के बारे में पूछताछ की.
सचिव का फोन जाते ही दोनों चौंक गए. दोनों ने कहा कि हमसे गलती हो गई, जो भत्ता मिला है, जल्दी वापस कर देंगे. हालांकि दोनों ने मिलाकर करीब 20 हजार रुपये भत्ता लिया है. अब दोनों के खिलाफ तो कार्रवाई होगी ही, बाकी की भी जांच होगी.
वहीं, मंत्री अशोक चांदना (Ashok Chandna) का कहना है कि बेराजगारी भत्ते को लेकर सरकार पूरी तरह से गंभीर है, पात्र लोगों को ही ये भत्ता मिलेगा.
आधार कार्ड से डेटा मिलाया तो हुआ खुलासा
आधार कार्ड से डेटा मिलाया तो गड़बड़ी सामने आई. आरएसएलडीसी ने एसआईपीएफ से सरकारी कर्मचारियों के आधार कार्ड का डाटा लेकर बेरोजगारी भत्ता लेने वाले लोगों का डाटा मिलान किया. बेरोजगारी भत्ते के लिए आवेदन करने वाले ऐसे 385 लोग मिले, जिनकी नौकरी लग चुकी थी. जो दो सरकारी शिक्षक पकड़े गए हैं, वे प्रतापगढ़ (Pratapgarh) और झालावाड़ (Jhalawar) के हैं. इनके अलावा 79 के आवेदन रिजेक्ट कर दिए गए. वहीं 217 ऐसे हैं, जिनके फॉर्म में कोई कमी होने से लौटा दिए गए.
बेरोजगार भत्ते की स्थिति जानिए-
आवेदन आए- 8.5 लाख
सबसे कम आवेदन
जैसलमेर- 3,692
प्रतापगढ़- 3,457
सर्वाधिक आवेदन
जयपुर- 59,622
सीकर - 49,149
रजिस्टर्ड बेरोजगार -15,03,834
नई व्यवस्था से खैर नहीं
नौकरी के बाद भी बेरोजगारी भत्ता लेने वालों की खैर नहीं, विभाग ने सभी जिला अधिकारियों से कहा-वेरिफिकेशन करें. इस तरह के मामले सामने आते ही अब विभाग ने फैसला किया है कि सरकारी या प्राइवेट नौकरी के बावजूद बेरोजगारी भत्ता लेने वालों को पकड़ने के लिए हर महीने 2% बेरोजगारों का सैंपल वेरिफिकेशन करवाया जाएगा. विभाग ने सभी जिलों के अधिकारियों को वेरिफिकेशन के लिए पत्र लिख दिया है. इससे सरकारी या नौकरी करने के बावजूद बेरोजगारी भत्ता लेने वाले पकड़े जाएंगे. अब तक जो बेरोजगारी भत्ते के लिए आवेदन कर चुके हैं, उनकी रैंडम जांच हो सकती है.