Rajasthan Fake degree scam : राजस्थान में SOG ने एक बड़ी कार्रवाई को अंजाम देते हुए बैक डेट में फर्जी डिग्री जारी करने वाले गिरोह का पर्दाफाश करते हुए तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है. तलाशी के दौरान 7 विश्वविद्यालयों की लगभग पचास डिग्रीयां, 81 खेल प्रमाण-पत्र, 117 विद्यार्थियों का रिकॉर्ड जैसे मार्कशीट, आधार, डिग्री इत्यादि, 10 भरी हुई उत्तर पुस्तिकाएं, 2 विश्वविद्यालयों की सील, 2 खाली खेल प्रमाण-पत्र, चैक बुक व अन्य दस्तावेज बरामद किए गए.
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Rajasthan Fake degree scam News : SOG ने एक बड़ी कार्रवाई को अंजाम देते हुए बैक डेट में फर्जी डिग्री जारी करने वाले गिरोह का पर्दाफाश करते हुए तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है.
ADG वीके सिंह ने बताया कि कुछ दिनों पहले एक परिवादी द्वारा एसओजी को यह सूचना दी गई की राजगढ़ निवासी सुभाष पूनिया और उसका PTI बेटा परमजीत अपने साथियों के साथ मिलकर कई विश्वविद्यालयों की फर्जी डिग्री, फर्जी खेल प्रमाण पत्र, फर्जी मेडल व फर्जी बैक डेट में एडमिशन दिलाने का कार्य संगठित गिरोह के रूप में बहुत बड़े स्तर पर कर रहे हैं.
इस सूचना पर परिवाद दर्ज कर जांच अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक सतनाम सिंह द्वारा की गई. परिवाद की जांच से प्रथम दृष्टया यह सामने आया कि आरोपी सुभाष पुनिया कई विश्वविद्यालयों के दलाल के रूप में कार्य करता है. ओपीजेएस विश्वविद्यालय राजगढ़ चुरू में यह विशेष रूप से दलाली करता है और ओपीजेएस विश्वविद्यालय के मैनेजमेंट से मिलीभगत कर बैक डेट में फर्जी डिग्री, मैडल, प्रमाण पत्र इत्यादि जारी करवाता है.
साथ ही फर्जी डिग्री,प्रमाण पत्र का सत्यापन शिक्षा विभाग में कार्यरत कुछ स्टाफ व विश्वविद्यालय के मैनेजमेंट से मिलिभगत कर करवाता है.
आरोपियों को पकड़ने के लिए परिवादी के साथ एक डिकॉय ऑपरेशन की योजना बनाई गई. योजना के तहत परिवादी द्वारा लाइब्रेरियन की भर्ती की विज्ञप्ति के परिप्रेक्ष में लाइब्रेरियन की डिग्री बैक डेट में दिलाने के संबंध में आरोपी सुभाष पुनिया से वार्ता की गई,
यह सौदा 50 हजार में तय हुआ. 20 हजार एडवांस के रूप में सुभाष के बेटे परमजीत के खाते में सुभाष के कहने पर डाले गए. पैसे डालने के कुछ दिनों के पश्चात् आरोपी सुभाष ने लाइब्रेरियन की फर्जी डिग्री परिवादी के मोबाइल पर जरिए व्हाट्सअप भेज दी.
9 अप्रैल को आरोपी सुभाष द्वारा परिवादी को मूल कूट रचित डिग्री ओपीजेएस विश्वविद्यालय के पास राजगढ़ में देना तय हुआ. परिवादी के साथ SOG की प्रथम टीम ASP धर्माराम गिल्ला के नेतृत्व में भेजी गई. परिवादी से मुलाकात के दौरान आरोपी सुभाष ने बताया की संबंधित डिग्री सरदारशहर में प्रदीप कुमार शर्मा के पास है और शेष पैसों की मांग की.
प्रथम टीम द्वारा मौके पर ही सुभाष को गिरफ्तार किया गया और सुभाष के बेरासर गांव स्थित रिहायशी मकान की तलाशी ली गई. तलाशी के दौरान 7 विश्वविद्यालयों की लगभग पचास डिग्रीयां, 81 खेल प्रमाण-पत्र, 117 विद्यार्थियों का रिकॉर्ड जैसे मार्कशीट, आधार, डिग्री इत्यादि, 10 भरी हुई उत्तर पुस्तिकाएं, 2 विश्वविद्यालयों की सील, 2 खाली खेल प्रमाण-पत्र, चैक बुक व अन्य दस्तावेज बरामद किए गए.
आरोपी सुभाष द्वारा दी गई सूचना पर SOG की द्वितीय टीम SP चुरू जय यादव के निर्देशन में एसएचओ सरदारशहर के नेतृत्व में गठित की गई। द्वितीय टीम द्वारा प्रदीप शर्मा को तुरंत ही कूट रचित डिग्री के साथ गिरफ्तार किया गया. वहीं SOG की तृतीय टीम SP धौलपुर सुमित मेहरड़ा के निर्देशन में गठित की गई. तृतीय टीम ने परमजीत हाल पीटीआई राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय गुर्जा पंचायत समिति बसेड़ी जिला धौलपुर को उसके निवास से कुछ दस्तावेजों के साथ गिरफ्तार किया.
SOG की जांच में यह भी सामने आया कि सुभाष पुनिया राजगढ़ में बस स्टैंड के पास स्थित शेखावटी प्रिंटर्स नामक दूकान से फर्जी डिग्रीयां प्रिंट करवाता है. इसकी जांच के लिए SOG की चतुर्थ टीम ASP सुनील कुमार के निर्देशन में गठित की गई। चतुर्थ टीम द्वारा शेखावटी प्रिंटर्स के संचालक राकेश से पूछताछ की गई और दूकान में मौजूद लैपटॉप व कम्प्यूटर को जब्त किया गया। राकेश से आगे अनुसंधान किया जा रहा है.
SOG की जांच में यह बड़ा खुलासा हुआ है कि गणपत हाल शारीरिक शिक्षक राजकीय उच्च प्राथमिक शाला सीलोसन, विक्रम हाल शारीरिक शिक्षक राजकीय उच्च प्राथमिक शाला वार्ड नं. 2 कोलियों की गढ़ी होतिगांव और नरेन्द्र हाल शारीरिक शिक्षक जिला सांचौर द्वारा पीटीआई की पात्रता हेतु ओपीजेएस विश्वविद्यालय से न केवल फर्जी बीपीएड की डिग्री प्राप्त की गई बल्कि परीक्षा में डमी कैडीडेंट भी बैठाया गया.
जिस पर SOG द्वारा तीन अलग-अलग प्रकरण दर्ज किए गए हैं. शारीरिक शिक्षक की विगत भर्तियों में ओपीजेएस द्वारा जारी डिग्री के आधार पर काफी अभ्यर्थियों का चयन हुआ है. ऐसी जानकारी मिली है कि कई अभ्यर्थियों ने लिखित परीक्षा के बाद पैसे खर्च कर बैक डेट में डिग्री सर्टिफिकेट हासिल कर लिए हैं.
ओपीजेएस विश्वविद्यालय से जारी उपरोक्त फर्जी डिग्रियों की जांच के लिए SOG की पांचवी टीम ASP सतनाम सिंह के नेतृत्व में गठित की गई. पांचवी टीम द्वारा ओपीजेएस विश्वविद्यालय के परिसर की वारंट लेकर तलाशी ली गई. तलाशी के दौरान एक मोबाइल, एक हॉर्ड डिस्क, एक लैपटॉप, एक कम्प्यूटर और बड़ी तादात में दस्तावेज जब्त किए गए हैं। प्रकरण के अनुसंधान के लिए एक विशेष टीम का गठन किया गया है. SOG टीम द्वारा प्रकरण की उच्च स्तरीय जांच की जा रही है.
राजस्थान SOG पेपर लीक प्रकरण के साथ-साथ फर्जी डिग्री के दम पर अलग-अलग विभागों में नौकरियां प्राप्त करने वाले और फर्जी डिग्री जारी करने वाले गिरोह पर भी लगातार प्रहार कर रही है. देखना होगा की फर्जी डिग्री के प्रकरण में एसओजी कितने चेहरों को बेनकाब करती है.