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जयपुर: राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत बजट घोषणाओं को धरातल पर लागू करने की तैयारी में जुटी हुई है.1 अप्रैल से बजट में की गई घोषणाओं का क्रियान्वयन भी शुरू हो गया है. इसी कड़ी में राजस्थान के सरकारी अस्पतालों में निःशुल्क इलाज की सुविधा शुरू हो गई है. मरीजों को इस दौरान बड़ी से बड़ी जांच और दवाएं मुफ्त में उपलब्ध कराई जाएगी. बता दें कि 27 फरवरी को मुख्यमंत्री गहलोत ने बजट पेश करते समय बताया था कि 1 अप्रैल से प्रदेश के अस्पतालों में मरीजों को मुफ्त इलाज की सेवा मुहैया कराई जाएगी.
अस्पतालों में भर्ती मरीजों को सभी दवाइयां और जांचें निःशुल्क होंगी. यानी सीटी स्कैन, एमआरआई और डायलिसिस की सुविधाएं भी रोगियों को निःशुल्क उपलब्ध करवाई जाएगी. इसके साथ ही प्रदेश के अस्पतालों में मरीजों को ओपीडी शुल्क नहीं देने होंगे. हालांकि, राजस्थान के बाहर से आने वाले मरीजों को इस मुफ्त सुविधा का लाभ नहीं मिल पाएगा. पार्किंग, कैंन्टीन, कॉटेज वार्ड की सुविधा का शुल्क पहले जैसे ही देना होगा. इसमें कोई कटौती नहीं की गई है.
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अस्पतालों में मौजूद दवा ही मरीजों को लिखी जाए
चिकित्सा मंत्री परसादी लाल मीणा ने बताया कि चिकित्सा संस्थानों में ओपीडी एवं आइपीडी में रजिस्ट्रेशन के लिए भी कोई शुल्क वसूला नहीं जाएगा. इस दौरान आने वाली समस्याओं को ट्रेस कर हल किया जाएगा. एक महीने तक इसे ड्राय रन के तौर पर रखा गया है. इसकी औपचारिक शुरुआत 1 मई से होगी. स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि सरकारी अस्पतालों में तैनात डॉक्टरों को निर्देश दिए गए हैं कि वह अस्पताल की डिस्पेंसरी में उपलब्ध दवा ही मरीजों को लिखे. अगर किसी विशेष परिस्थिति में अन्य दवा आवश्यक है तो नियमानुसार खरीदकर रोगी को उपलब्ध करवाई जाएगी. बता दें कि सरकार ने पीपीपी मॉडल के तहत यह सुविधा शुरू की है. आने वाले दिनों में इसमें और बदलाव होगा.