Gehlot राज के 3 साल में किसानों के सबसे ज्यादा ठाठ, सहकारिता मंत्री ने कही यह बात
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Gehlot राज के 3 साल में किसानों के सबसे ज्यादा ठाठ, सहकारिता मंत्री ने कही यह बात

ग्राम सेवा सहकारी समितियों से लेकर क्रय-विक्रय सहकारी समितियों में खरीद केन्द्रों की स्थापना कर प्रदेश में मूंग, उड़द, सोयबीन, मूंगफली, गेहूं, सरसों और चना के समर्थन मूल्य पर 29.52 लाख मीट्रिक टन की उपज खरीदी गई.

कैबिनेट मंत्री उदयलाल आंजना.

Jaipur: राजस्थान (Rajasthan) में गहलोत सरकार (Gehlot Government) के तीन साल पूरे हो गए. इन तीन सालों में सबसे ज्यादा खुशहाल राजस्थान का किसान हुआ है क्योंकि सरकार ने ना केवल ऋण देकर अपना धर्म निभाया बल्कि ऋण की राशि बढ़ाकर अपने कर्म को भी पूरा किया.

तीन साल से सहकारिता विभाग (Cooperative Department) का जिम्मा संभाल रहे कैबिनेट मंत्री उदयलाल आंजना (Udailal Anjana) के कंधों पर है. मंत्रिमंडल विस्तार के बाद भी सीएम गहलोत ने उन पर विश्वास जताते हुए फिर से इसी विभाग की जिम्मेदारी दी.

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मुख्यमंत्री के पद की 17 दिसम्बर 2018 को शपथ लेने के 48 घंटो के भीतर ही अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) ने किसानों की ऋण माफी पर निर्णय लेते हुए राजस्थान के किसानों को फसली ऋण माफी की सौगात दी. योजना के तहत सहकारी बैंकों से जुड़े अल्पकालीन फसली ऋण लेने वाले किसानों के 30 नवंबर, 2018 की स्थिति में समस्त बकाया फसली ऋण को माफ किया गया. 

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अब तक 20.69 लाख किसानों को बायोमैट्रिक सत्यापन के बाद ऋण माफी प्रमाण-पत्र वितरित कर 7802.21 करोड़ रुपये का फसली ऋण माफ किया गया. किसानों के चेहरों पर मुस्कान लाते हुए फसली ऋण माफी 2018 2019 के पात्र किसानों के ऋण माफी के तहत लगभग 15500 करोड़ रुपये माफ किए गए. वहीं इस साल अब तक 12400 करोड़ का ऋण किसानों को बांट चुके हैं.

कब कितना ऋण माफ किया गया
राजस्थान कृषक ऋण माफी योजना-2019 में फसली ऋण के साथ-साथ सहकारी बैंकों के मध्यकालीन एवं दीर्घकालीन कृषि ऋण सीमान्त एवं लघु श्रेणी के किसानों के माफ किए गए. इस योजना से अब तक 29421 किसानों को 294.71 करोड़ रुपये का ऋण माफ किया गया है. इन किसानों की 1.55 लाख बीघा कृषि भूमि पुनः उनके नामे हो चुकी है.इसके अलावा पारदर्शी व्यवस्था के तहत राज सहकार पोर्टल बनाया गया.जिसके तहत नई सहकारी संस्थाओं के पंजीयन, क्लबों,एन.जी.ओ., नागरिक संस्थाओं का पंजीयन के साथ-साथ विभिन्न प्रकार की खेल समितियों के पंजीयन और इससे संबंधित समस्त कार्य को ऑनलाइन करने की शुरूआत की गई है.

राज्य की भंडारण क्षमता में होगी वृद्धि 
ग्राम सेवा सहकारी समितियों से लेकर क्रय-विक्रय सहकारी समितियों में खरीद केन्द्रों की स्थापना कर प्रदेश में मूंग, उड़द, सोयबीन, मूंगफली, गेहूं, सरसों और चना के समर्थन मूल्य पर 29.52 लाख मीट्रिक टन की उपज खरीदी गई, जिसका मूल्य 12 हजार 805 करोड़ रुपये है. किसानों को मात्र 4 दिवस की अल्पावधि में ही उपज का भुगतान उनके खातों में ऑनलाइन ट्रांसफर किया जा रहा है. ग्रामीण क्षेत्रों में भंडारण सुविधा में वृद्धि करने के लिए रिकॉर्ड 740 गोदाम निर्माण की स्वीकृति जारी की. इससे राज्य की भंडारण क्षमता में 82500 मीट्रिक टन की वृद्धि होगी.

बिचैलियों के चंगुल में फंसने से बचाने के लिए हो रहा यह काम
किसानों को उसकी उपज का सही मूल्य मिल सके और मजबूरी में उपज को नहीं बेचना पड़े उन्हें साहूकारों, बिचैलियों के चंगुल में फंसने से बचाया जा सके एवं किसान की तात्कालिक वित्तीय आवश्यकताओं की पूर्ति करने के उद्देश्य से कृषि उपज रहन ऋण योजना के तहत किसानों को ऋण 11 प्रतिशत की ब्याज दर के स्थान 3 प्रतिशत ब्याज दर पर दिया जा रहा है. सहकारी भूमि विकास बैंकों से दीर्घ कालीन कृषि ऋण लेने वाले काश्तकारों को 5 प्रतिशत ब्याज अनुदान योजना की अवधि को 31 मार्च, 2020 से बढ़ाकर 30 जून, 2020 तथा 31 मार्च, 2021 से बढ़ाकर 30 जून, 2021 किया गया. समय पर ऋण का चुकारा करने वाले काश्तकारों को 5 प्रतिशत ब्याज दर से कृषि ऋण का लाभ मिल रहा है.

सौर ऊर्जा संयंत्रों की स्थापना से पैक्स और लैम्पस के स्वावलंबन की दिशा में कदम बढ़ाते हुए पहली बार ग्राम सेवा सहकारी समितियों को सौर ऊर्जा संयंत्रों से जोड़ने की शुरूआत की गई.

 

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