राज्य में मूंग, उड़द, सोयाबीन और मूंगफली की खरीद के लिए ऑनलाइन पंजीकरण 20 अक्टूबर से शुरू होगा.
Trending Photos
Jaipur: प्रदेश में समर्थन मूल्य (Support price) पर उपज खरीद के लिए सरकार ने ऐलान किया है. राज्य के लाखों किसानों के लिए बड़ी खुशखबरी सामने आई है. सरकार ने ऑनलाइन पंजीकरण (Online registration) और उपज खरीद की तारीखों का ऐलान किया है.
राज्य में मूंग, उड़द, सोयाबीन और मूंगफली की खरीद के लिए ऑनलाइन पंजीकरण 20 अक्टूबर से शुरू होगा. 868 से अधिक खरीद केंद्रों पर मूंग, उड़द और सोयाबीन की 1 नवंबर से 18 नवंबर से मूंगफली खरीद की जाएगी.
यह भी पढ़ें- RSLDC में घूसकांड के बाद तबादलों में खेल, रातों-रात निरस्त हुए 46 अधिकारियों के ट्रांसफर
सहकारिता मंत्री ने बताया कि मूंग के लिए 357 उड़द के लिए 168 मूंगफली के 257 और सोयबीन के लिए 86 खरीद केंद्र चिह्नित किए गए हैं. उन्होंने बताया कि पिछले वर्ष 871 खरीद केंद्र खोले गये हैं. आंजना ने बताया कि किसानों को किसी प्रकार की असुविधा नहीं हो, इसके लिए ऑनलाइन पंजीकरण की व्यवस्था ई-मित्र एवं खरीद केंद्रों पर सुबह 9 बजे से शाम 7 बजे तक की गई है.
यह भी पढ़ें- प्रशासन गांवों के संग अभियान में बंटेंगे 5 लाख पट्टे, 3.50 लाख परिवारों को मिलेगा शौचालयों का पैसा
समर्थन मूल्य पर खरीद संभव नहीं होगी, यदि...
केंद्र सरकार को मूंग की 3.61 लाख मीट्रिक टन, उड़द 61807 मीट्रिक टन, सोयाबीन 2.93 लाख और मूंगफली 4.27 लाख मीट्रिक टन की खरीद के लक्ष्य की स्वीकृति भारत सरकार ने दी है. पंजीकरण के अभाव में किसानों से समर्थन मूल्य पर खरीद संभव नहीं होगी. वर्ष 2021-22 के लिए मूंग के लिए 7275 रुपये और उड़द के लिए 6300 रुपये, मूंगफली के लिए 5500 रुपये और सोयाबीन के लिए 3950 रुपये प्रति क्विंटल समर्थन मूल्य घोषित किया है. किसानों को अपनी उपज बेचने में किसी प्रकार की परेशानी न हो, इसके लिए खरीद केंद्रों पर आवश्यकतानुसार तौल-कांटे लगाये जाएंगे एवं पर्याप्त मात्रा में बारदाना उपलब्ध कराया जाएगा.
ये दस्तावेज जरूरी
किसान को जनआधार कार्ड नम्बर, खसरा गिरदावरी की प्रति और बैंक पासबुक की प्रति पंजीयन फार्म के साथ अपलोड करनी होगी. जिस किसान द्वारा बिना गिरदावरी के अपना पंजीयन करवाया जाएगा, उसका पंजीयन समर्थन मूल्य पर खरीद के लिये मान्य नहीं होगा. यदि ई-मित्र द्वारा गलत पंजीयन किए जाते या तहसील के बाहर पंजीकरण किये जाते हैं तो ऐसे ई-मित्रों के खिलाफ कठोर कानूनी कार्यवाही की जाएगी.