राजस्थान बेरोजगार एकीकृत महासंघ की ओर से विधानसभा सत्र शुरू होने के साथ ही अपनी 14 सूत्री मांगों को लेकर आंदोलन किया गया. बुधवार को बाईस गोदाम सर्किल पर हुए धरना प्रदर्शन के बाद देर शाम वार्ता का दौर चला. पहले शिक्षा मंत्री बीडी कल्ला (BD Kalla) और फिर सीएमओ में अधिकारियों के साथ हुई वार्ता का नतीजा अब निकलता हुआ भी नजर आ रहा है.
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Jaipur: राजस्थान बेरोजगार एकीकृत महासंघ की ओर से विधानसभा सत्र शुरू होने के साथ ही अपनी 14 सूत्री मांगों को लेकर आंदोलन किया गया. बुधवार को बाईस गोदाम सर्किल पर हुए धरना प्रदर्शन के बाद देर शाम वार्ता का दौर चला. पहले शिक्षा मंत्री बीडी कल्ला (BD Kalla) और फिर सीएमओ में अधिकारियों के साथ हुई वार्ता का नतीजा अब निकलता हुआ भी नजर आ रहा है. बेरोजगारों की ओर से रखी गई 14 मांगों में से 4 मांगों पर तुरंत सहमति बनने के साथ ही बेरोजगारों को बड़ी राहत मिली है.
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महासंघ की ओर से बीते दिन किए गए धरना प्रदर्शन (Unemployed Protest) के बाद लगता है कि अब समस्या समाधान की शुरुआत हो गई है. बुधवार को महासंघ अध्यक्ष उपेन यादव (Upen Yadav) के नेतृत्व में हुए प्रदर्शन के बाद हुई वार्ता का नतीजा सामने आने लगा है. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) ने रीट लेवल-2 (REET level 2) को निरस्त करने का फैसला लिया, जिसके बाद दो परीक्षा आयोजन कर भर्ती का भी निर्णय लिया गया, लेकिन बेरोजगारों को चिंता सताने लगी की कहीं 2012-13 के पैटर्न अनुसार जिला स्तर पर मेरिट निकली तो बड़ा भ्रष्टाचार हो सकता है.
कल जब सीएमओ में बेरोजगारों के प्रतिनिधि मंडल की वार्ता हुई तो रीट (REET) में राज्य स्तरीय मेरिट पर सहमति बनी, तो वहीं पीटीआई भर्ती (PTI Bharti) में पदों की संख्या बढ़ाने पर भी सहमति बनी. इसके साथ ही कनिष्ठ अनुदेशक भर्ती (Instructor Recruitment) की विज्ञप्ति मार्च या अप्रैल में जारी होने पर सहमति बनी, इसके साथ ही रात को ही पंचायती राज जेईएन भर्ती (JEN Recruitment) की अधिसूचना जारी कर दी गई, जिसके बाद भर्ती की विज्ञप्ति जारी होने का रास्ता खुल गया है.
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चार मांगों पर सहमति बनने के बाद महासंघ अध्यक्ष उपेन यादव ने बताया कि 14 मांगों को लेकर बेरोजगारों ने आंदोलन की राह अपनाई है, मंत्री और अधिकारियों से सकारात्मक वार्ता हुई और जिसके चलते महज 24 घटों में ही 4 मांगों पर मुहर भी लग गई है. इसके साथ ही अन्य बची हुई 10 मांगों को लेकर सरकार को अल्टीमेट दिया गया है कि अगर 21 फरवरी तक ये सभी मांगें पूरी नहीं होती है, तो 22 फरवरी को फिर से विधानसभा कूच किया जाएगा. हालांकि कुछ मांगों पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को फैसले लेने है. इसलिए उम्मीद की जा रही है की मुख्यमंत्री अशोक गहलोत प्रदेश के बेरोजगारों के हितों में फैसला लेंगे.