ब्राह्मणों को अत्याचारी बताया गया पर भ्रमित नहीं हों, सही ज्ञान के साथ नेतृत्व करें- राज्यपाल
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ब्राह्मणों को अत्याचारी बताया गया पर भ्रमित नहीं हों, सही ज्ञान के साथ नेतृत्व करें- राज्यपाल

राज्यपाल कलराज मिश्र ने कहा कि समाज में भ्रमित करने वाले कई ग्रंथ हो सकते हैं, ऐसे ग्रंथों और उनकी बातों से भ्रमित नहीं होना चाहिए. कई पुस्तकें ब्राह्मणों के खिलाफ लिखी गई, इनमें ब्राह्मणों को अत्याचारी साबित करने का प्रयास किया गया है.

ब्राह्मणों को अत्याचारी बताया गया पर भ्रमित नहीं हों, सही ज्ञान के साथ नेतृत्व करें- राज्यपाल

जयपुर: राज्यपाल कलराज मिश्र ने कहा कि समाज में भ्रमित करने वाले कई ग्रंथ हो सकते हैं, ऐसे ग्रंथों और उनकी बातों से भ्रमित नहीं होना चाहिए. कई पुस्तकें ब्राह्मणों के खिलाफ लिखी गई, इनमें ब्राह्मणों को अत्याचारी साबित करने का प्रयास किया गया है. ब्राह्मणों को भी समाज के बाकी के बंधुओं को दबाने का आरोप लगाया गया है, जितनी भी आचोलन हो सकती है वह की गई, लेकिन ब्राह्मण वह वर्ग है, जिसने समाज के सर्वस्व कल्याण के लिए काम किया है, ऐसे में ब्राह्मण सम्पूर्ण ज्ञान के साथ नेतृत्व करें.

राज्यपाल कलराज मिश्र ने रविवार को बिड़ला ऑडिटोरियम में गौड़ ब्राह्मण महासभा की ओर से आयोजित राष्ट्रीय ब्राहमण सम्मेलन में यह बात कही. राज्यपाल ने कहा कि ब्राह्मणों की आलोचना के लिए विभिन्न शास्त्रों के श्लोकों और पुराणों की कथाओं का उदाहरण दिया गया है. इससे भ्रमित नहीं होना चाहिए. हम सबको संकल्प लेना चाहिए कि हमारे संस्कार को जीवन में आचारित करते हुए सबको साथ लेकर अपने शब्दों की ताकत से मंत्रों के माध्यम से आगे बढ़ाते हुए प्रयास करेंगे. शास्त्रों और संस्कृति की सही स्थिति की जानकारी देंगे, इसकी आवश्यकता है.राज्यपाल ने आरम्भ में सभागार में मौजूद लोगों को संविधान की उद्देशिका और मूल कर्तव्यों का वाचन भी करवाया.

अधर्म -अत्याचार के खिलाफ शस्त्र उठाने से भी गुरेज नहीं 

राज्यपाल मिश्र ने कहा कि समाज पर जब भी संकट आए ब्राह्मणों ने आगे आकर आलोक पथ दिखाने का काम किया, हमेशा मार्गदर्शन किया . ब्राह्मणों ने अपने आचारण, व्यवहार, तपश्चर्या, शब्दों की मंत्र शक्ति से हमेशा समाज और देश का सशक्त रूप से मार्ग दर्शन किया है. समाज को नेतृत्व प्रदान किया है. यज्ञ और सम्पूर्ण मानवता के कल्यण के लिए काम किया है. समय समय पर अधर्म अत्याचार के दौर में ब्राह्मणों ने शस्त्र भी उठाने से गुरेज नहीं किया है.

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कमंडल, मांगकर खाने, पूजा-पाठ वाले दीन हीन नहीं है ब्राह्मण
राज्यपाल कलराज मिश्र ने कहा कि ब्राह्मण वह वर्ग है जिसने समाज के लिए सर्वस्व कल्याण के लिए काम किया है. भगवान परशुराम ने संसार को बताया है कि ब्राह्मण केवल कमंडल वाले , मांगकर खाने वाले और पूजा पाठ से निर्वाह करने वाले दीन हीन नही होते, वक्त जरूरत पड़ने पर वह अपने पर होने वाले अत्याचार का जवाब भी दे सकते हैं. जितने ब्राह्मण आचार्य हुए हैं उन्होंने अपने ज्ञान का समग्र विश्व कल्याण के लिए समर्पित किया है. पुराणों से चली आ रही परम्परा में ब्राह्मणों को देवता कहा गया है. पृथ्वी में जितने भी तीर्थ समुद्र में मिलते हैं, समुद्र में जितने तीर्थ हैं ब्राह्मणों में समाहित है. ब्राह्मण सभी प्राणियों के सुख समृद्धि की कामना करने वाला है इसलिए देवता स्वरूप माना गया है.

आधुनिक भारत निर्माण में ब्राह्मणों की भूमिका

मिश्र ने कहा कि देश की संस्कृति का विकास ब्राह्मणों का द्वारा किया गया है.आधाुनिक भारत के निर्माण में भी ब्राह्मण की भूमिका रही है.मद्यपान जैसी कुरीतियों को अपनाने से समाज का विघटन हो रहा है. सम्पूर्ण ब्राह्मण समाज सामाजिक बुराइयों से कुरीतियों से दूर रहते हुए अपनी भूमिका निभाए. ब्राह्मण विद्ववान होता है हर बात को तर्क के आधार पर कसता है. आज ईषर्या विद्वेष से बचने की आवश्यकता है.

राज्यपाल ने कहा कि कैसे ब्राह्मण समाज का ओज ब्रह्म कायम रहे, अपने ही नहीं दूसरों के कल्याण के लिए काम करने की जरूरत है. ब्राह्मण जाति नहीं है पूरे समाज को आगे बढ़ाने की दिशा में ब्राह्मणों का महत्वपाूण योगदान है . बिरादरी वाद खतरनाक शब्द है. वाद लोगों को सीमित करता है संकुचित करता है वाद के चक्कर में नहीं पड़ें किसी भी वर्ग वर्ण सब हमारे अंदर समाहित है सक्षम है सबको साथ लेकर चलने में सक्षम है. सभी लोगों को जोड़ने का प्रयास होना चाहिए. त्याग के भावना रखते हुए काम करना है.

ब्राह्मण आशीर्वाद देता है तो श्राप भी देता है - दिनेश शर्मा

उत्तर प्रदेश के पूर्व उप मुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा ने कहा कि सभी समाज को जोड़ कर सुसंस्कारों का जागरण और संस्कृति का रक्षण करना ब्राह्मण समाज का दायित्व होता है, जिसके लिए सभी को संकल्पित होकर कार्य करना होगा. ब्राह्मण जाति नहीं संस्कार का नाम है, ब्राह्मण आशीर्वाद भी देता है तो श्राप भी देता है . ब्राह्मण प्रतिशोध भी लेता है . ब्राह्मण किसी का विरोधी नहीं है, . राजनीति धर्म और जाति में नहीं होती है, यह सब मिलकर काम करने का नाम होता है ब्राह्मण बुद्धिजीवी अनपढ़ को समझा लेंगे लेकिन ब्राह्मण को समझा ले यह बडी बात है. संस्कृति के अपना पूरा विघटन हो रहा है हो रहा है रोकना पड़ेगा. लोगों ने आधुनिकता के परिवेश में संस्कृति को विस्मृत कर दिया है. जिस में शक्ति होती है उसी को सब नमन करते हैं ब्राह्मण को शक्तिशाली बनाना होगा.
 

किसने क्या कहा

शिक्षा मंत्री बी. डी. कल्ला ने कहा कि परस्पर सहयोग की भावना और संस्कारों के निर्माण से ही समाज का व्यापक स्तर पर उत्थान संभव है. वैदिक ज्ञान के प्रचार-प्रसार के लिए प्रदेश में वेद विद्यालयों का संचालन किया जा रहा है. वेदों की लुप्त हो रही ऋचाओं के संरक्षण के लिए भी सरकार के स्तर पर पहल की गई है.

जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी मंत्री महेश जोशी ने कहा कि वर्तमान सरकार के दौर में राज्य में पहली बार विप्र कल्याण बोर्ड का गठन किया गया . साथ ही, पहल कर ईडब्ल्यूएस आरक्षण की व्यावहारिक कठिनाइयों को दूर करने का सुझाव दिया. राजस्थान में 4-4 ब्राह्मण CM हुए हैं, प्रमुख जगह सीएस, डीजीपी, कर्मचारी चयन आयोग सहित प्रमुख पदों पर ब्राह्मण हैं. कैबिनेट में BD कल्ला, मैं और इससे पहले, रघु शर्मा मंत्री हैं. राज्य में जहाँ जगह वहाँ ब्राह्मणों को उनका हक दिया गया है, इसके लिए CM का आभार, धन्यवाद ज्ञापित करना आवश्यक है. ब्राह्मण, अब पीछे क्यों हो रहे हैं इस पर चिंतन मनन जरूरी है. पूर्व मंत्री व खादी बोर्ड अध्यक्ष बृज किशोर शर्मा ने कहा विप्र बोर्ड का गठन कर CM ने ब्राह्मणों को तोहफा दिया है. राज्य में 13 बोर्ड निगमों में ब्राह्मणों को लगाया है, इसलिए CM का आभार जताना जरूरी है.

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