राजस्थान के दौसा के लालसोट उपखंड की डॉक्टर अर्चना शर्मा के आत्महत्या मामले ने तूल पकड़ लिया है. डॉ. की मौत के बाद पूरे प्रदेश के चिकित्सा जगत में आक्रोश का माहौल देखा जा रहा है.
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Jaipur: राजस्थान के दौसा के लालसोट उपखंड की डॉक्टर अर्चना शर्मा के आत्महत्या मामले ने तूल पकड़ लिया है. डॉ. की मौत के बाद पूरे प्रदेश के चिकित्सा जगत में आक्रोश का माहौल देखा जा रहा है.
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डॉ. की मौत के जिम्मेदारों पर जल्द से जल्द कार्रवाई की मांग की जा रही है. मामले की गंभीरता से लेते हुए सरकार ने जयपुर संभागीय आयुक्त के नेतृत्व में एक टीम का गठन किया है जो पूरे प्रकरण की जांच कर सरकार को रिपोर्ट पेश करेगी. देर रात बीजेपी नेता जितेंद्र गोठवाल की गिरफ्तारी की गई, जिसके बाद उन्हें पुलिस लालसोट लेकर गई.
गोठवाल की गिरफ्तारी पर नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने अपनी बात रखी. कटारिया ने कहा कि मृतक का शव जब रखा गया था, तब वो गये थे. पीड़ित पक्ष के लिए गोठवाल ने मुआवजा मांगा था.
गोठवाल खुद दलित हैं, मृतक महिला भी दलित थी. ऐसे में मदद के लिए जाना गुनाह नहीं था, लेकिन 302 के लिए दबाव बनाना सही नहीं माना जा सकता. कटारिया बोले - राजनीतिक क्षेत्र में हर कोई पीड़ित को मुआवजा दिलाना चाहता है. हालांकि पूरा घटनाक्रम मुझे नहीं पता है.
डॉ. अर्चना सुसाइड मामले में क्यूं हुई जितेंद्र गोठवाल की गिरफ्तारी
3 दिन पहले जब लालसोट में डिलीवरी के दौरान प्रसूता की मौत हो गई थी, उसके बाद स्थानीय लोगों ने बीजेपी नेता जितेंद्र गोठवाल को इसकी सूचना दी. गांव वालों की सूचना पर गोठवाल मौके पर पहुंचे और धरने में उनके साथ बैठे थे. बाद में गोठवाल ने खुद ट्वीट करके इस बात की जानकारी दी कि उन्होंने 2 घंटे तक गांव वालों के साथ धरना देकर अस्पताल प्रशासन और पुलिस पर दबाव बनाया. इसी दबाव की वजह से पुलिस में एफ आई आर दर्ज हो सकी.
गोठवाल ने मृतक परिवार को 10 लाख रुपये की आर्थिक सहायता दिलाने की बात भी कही. इसके चलते पूरे मामले में गोठवाल की भूमिका मानी जा रही थी. उसी के बाद उनके खिलाफ लालसोट मामले में एफआइआर दर्ज की गई. गोठवाल की भूमिका को लेकर सोशल मीडिया पर एक पोस्टर भी वायरल हो रहा था. जिसमें गोठवाल के ट्वीट और अर्चना शर्मा की मौत की बात कहते हुए इसे भाजपाई लोगों की राजनीति बताया गया था.