यदि ऐसा हो रहा है तो मेरे विभाग की जरूरत क्या है? मैं सीएम अशोक गहलोत से बात करूंगा-मंत्री प्रतापसिंह खाचरियावास
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यदि ऐसा हो रहा है तो मेरे विभाग की जरूरत क्या है? मैं सीएम अशोक गहलोत से बात करूंगा-मंत्री प्रतापसिंह खाचरियावास

Minister Pratap Singh Khachariawas: खाद्य मंत्री खाचरियावास ने कहा की कॉनफैड खुद क्या काम कर रहा है, पहले वह देख ले.योजना का काम पहले तो फूड डिपार्टमेंट में आता है.फिर कॉनफैड को चला जाता है.कॉनफैड के पास जो काम पहले से है.वहीं, ठीक तरीके से कर ले तो बहुत है.

फाइल फोटो

Minister Pratap Singh Khachariawas: खाद्य मंत्री प्रतापसिंह खाचरियावास ने फिर एक बार मुफ्त राशन किट वितरण का काम दूसरे विभाग को देने पर विवाद छेड़ दिया.हालांकि इस बयान में वो ये भी कहते हुए नजर आए की अभी फाइनल नहीं हुआ है? कौन इसका वितरण करेगा.लेकिन नाराजगी जाहिर करते हुए ये भी कह दिया की खाद्य विभाग से इस योजना का काम छींनकर राजस्थान राज्य सहकारी उपभोक्ता संघ लिमिटेड (कॉनफैड) को ​दे दिया है.

खाचरियावास ने कहा मेरे विभाग का काम किसी दूसरे को दिया जाता है.फिर इस विभाग की जरूरत कहां है? फिर तो बंद कर दीजिए.देखते हैं क्या सिचुएशन बनती है? मैं मुख्यमंत्री से बात करूंगा.

कॉनफैड की तो पहले से बहुत शिकायतें हैं.वह अपना काम ही ठीक से नहीं कर पा रहा.उसे राशन किट बांटने का काम कैसे दिया जा सकता है.खाद्य विभाग अच्छी तरह से राशन किट योजना का काम कर सकता है.

राशन का गेहूं बांटने का फूल प्रूफ सिस्टम ही हमारे पास है.हम पोस मशीनों से गेहूं बांट रहे हैं.कॉनफैड तो बिना टेंडर नोमिनेशन से काम कर रहा है.जबकि हम आरटीपीपी एक्ट के तहत टेंडर से काम करते हैं.इस दौरान उन्होने राशन डीलर्स की मांगों को लेकर कहा की मानदेय को लेकर फाइल मैने मेरी तरफ से भेज दी.

आंदोलन से मांगे नहीं मानी जाती हैं.लेकिन इनकी मानदेय की प्रमुख मांगों को लेकर दूसरे राज्यों की स्टडी करवा रहे हैं.इनकी मांगों पर गंभीरता से विचार किया जा रहा हैं.उन्होने इस दौरान विभाग के अफसरों को चेताते हुए कहा की इंस्पेक्टर राज बिल्कुल नहीं चलेगा.बेवजह राशन डीलर्स को परेशान नहीं किया जाए.पहले पूरी जांच करें उसके बाद ही आगे की कार्रवाई करें.

वहीं, बजट में नए जिलों की घोषणा को लेकर कहा की मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने फिर से सिक्स मारा हैं.मध्यप्रदेश तो राजस्थान से छोटा हैं लेकिन वहां जिले कम हैं.भाजपा और कांग्रेस के नाम पर जिले नहीं बनाए गए हैं.

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