शीतलाष्टमी पर्व पर घर-घर में शीतल व्यंजनों से शीतला माता की आराधना के साथ ही शहर से करीब 35 किलोमीटर दूर चाकसू स्थित शील की डूंगरी में परंपरागत मेला लगा.
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Jaipur: प्रत्येक धर्म और संस्कृति को संजोए धार्मिक नगरी जयपुर के लिए शुक्रवार का दिन विशेष रहा. शीतलाष्टमी पर्व पर घर-घर में शीतल व्यंजनों से शीतला माता की आराधना के साथ ही शहर से करीब 35 किलोमीटर दूर चाकसू स्थित शील की डूंगरी में परंपरागत मेला लगा.
शहरी और ग्रामीण परिवेश की फिजां में मानो हर समाज घूल-मिल गया हो. हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी शील की डूंगरी का मेला परवान पर रहा. न कोई अमीर, न कोई गरीब सभी शीतला माता के दर्शनों की आस्था सर चढ़कर बोल रही थी.
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वहीं, हाथों में श्रद्धा के फूल लिए हजारों भक्तों ने करीब तीन सौ मीटर दूरी तक सीढियां चढ़कर माता के दरबार में हाजिरी दी. पूरा वातावरण शीतला माता के जयकारों से गूंज रहा. अन्य दिनों में वीरान सी नजर आने वाली शील की डूंगरी का आसपास का करीब पांच किलोमीटर का दायरा हर वर्ग के लोगों की खुशियां बटोर रहा था. साथ हीं, माता की आस्था के साथ मेले की रौनक अष्टमी के इस पर्व में चार चांद लगा रही थी.
आरोग्य और सुख की कामना से दूर-दूर से आए भक्तों ने माता के समक्ष धान का दान किया और मन्नतें मांगी. इनमें गेहूं, जौ और बाजरे का दान किया. वहीं, माता को नारियल, चुनरी भेंट की और मालपुए का भोग लगाया. शहरी परिवेश के अलावा यहां संस्कृति का हर रंग नजर आ रहा था. घूंघट से झांकती ट्रैक्टर, ऊंट गाड़ी और घोड़ा-गाड़ी में बैठी महिलाएं इस परंपरागत मेले का आनंद उठाती नजर आ रही थीं.