विधानसभा में भाजपा विधायक वासुदेव देवनानी की ओर से पूछे गए सवाल के जवाब में सरकार ने बताया कि वर्ष 2018 से 2021 तक स्कूली बच्चियों के साथ यौन उत्पीड़न के 388 से ज्यादा मामले दर्ज किए गए हैं. इसमें से 303 मामलों में 474 आरोपियों की गिरफ्तारी हुई.
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Jaipur : प्रदेश के स्कूलों में भी बच्चियां सुरक्षित नहीं है. शिक्षा के मंदिर में भी बच्चियों को यौन प्रताड़ना का शिकार होना पड़ रहा है. स्कूलों में बच्चियों के साथ बढ़ रही छेड़छाड़ की घटनाओं से पेरेंट्स का चिंतित होना लाजिमी है. पिछले चार साल का रिकॉर्ड देखें तो स्कूली बच्चियों के साथ यौन उत्पीड़न के 388 मामले दर्ज किए गए हैं. जिसमें से 8 आरोपियों को ही सजा मिल पाई है.
विधानसभा में भाजपा विधायक वासुदेव देवनानी की ओर से पूछे गए सवाल के जवाब में सरकार ने बताया कि वर्ष 2018 से 2021 तक स्कूली बच्चियों के साथ यौन उत्पीड़न के 388 से ज्यादा मामले दर्ज किए गए हैं. इसमें से 303 मामलों में 474 आरोपियों की गिरफ्तारी हुई. जबकि 298 के खिलाफ चालान पेश किया गया.
69 मामलों को पुलिस ने सही नहीं मानते हुए एफआर लगा दी है. चिंता की बात ये है कि पिछले चार साल में दर्ज मामलों में सिर्फ 8 आरोपियों को ही सजा हुई है. सबसे ज्यादा छेड़छाड़ के मामले उदयपुर और सीकर में दर्ज किए गए हैं. जनवरी 2018 से दिसंबर 2018 तक 23 स्कूली छात्राओं के साथ यौन उत्पीड़न की घटनाएं दर्ज हुई है.
19 मामलों में 26 आरोपी गिरफ्तार किए गए और 19 के खिलाफ चालान पेश किया गया. वहीं 4 मामलों में पुलिस ने एफआर लगाई. इनमें से किसी भी मामले में जांच पेंडिंग नहीं. किसी भी मामले में अभी तक आरोपी को सजा नहीं हो सकी है.
सबसे ज्यादा उदयपुर में 6 और सीकर में 4 घटनाएं दर्ज करायी गयी है.
जनवरी 2019 से दिसंबर 2019 तक के आंकड़े
123 स्कूली छात्राओं के साथ यौन उत्पीड़न की घटनाएं
96 मामलों में 124 आरोपी गिरफ्तार किए गए
95 के खिलाफ चालान पेश किया गया
28 मामलों में पुलिस ने एफआर लगाई
इनमें से किसी भी मामले में जांच पेंडिंग नहीं
7 मामलों में आरोपियों को सजा हुई
सबसे ज्यादा उदयपुर में 29 और सीकर में 21 घटनाएं आई सामने
जनवरी 2020 से दिसंबर 2020 तक के आंकड़े
103 स्कूली छात्राओं के साथ यौन उत्पीड़न की घटनाएं
83 मामलों में 122 आरोपी गिरफ्तार किए गए
83 के खिलाफ चालान पेश किया गया
20 मामलों में पुलिस ने एफआर लगाई
पुलिस के मुताबिक इनमें से किसी भी मामले में जांच पेंडिंग नहीं है. किसी भी मामले में अभी तक आरोपी को सजा नहीं हुई है. सबसे ज्यादा उदयपुर में 23 और सीकर में 20 घटनाएं हुई
जनवरी 2021 से दिसंबर 2021 तक के आंकड़े
139 स्कूली छात्राओं के साथ यौन उत्पीड़न की घटनाएं
105 मामलों में 202 आरोपी गिरफ्तार किए गए
101 के खिलाफ चालान पेश किया गया
25 मामलों में पुलिस ने एफआर लगाई
13 माममों में जांच पेंडिंग
इनमें से 1 आरोपी को सजा हुई
सबसे ज्यादा घटनाएं 28 उदयपुर में, सीकर में 23
मामले में महिला बाल विकास मंत्री ममता भूपेश ने कहा कि कई बार ऐसी घटनाओं के बारे में सुनने को मिलता है जो नहीं होनी चाहिए. शिक्षकों को भी अपनी मान मर्यादा में रहना चाहिए. परिवार वाले जिस भावना, उम्मीद के साथ बच्चों को स्कूल भेजते हैं, उनको उनकी भावनाओं का भी ख्याल रखना चाहिए. महिला बाल विकास विभाग, पुलिस विभाग सरकार काम करती रहती हैं कि ऐसी घटनाएं नहीं होनी चाहिए.
सामाजिक कार्यकर्ता और लीगल एक्सपर्टस का कहना है कि स्कूल प्रिंसिपल की घिनौती हरकतों ने भी पेरेंट्स की चिंता को बढ़ाया है. 2015 से 2017 के आंकड़े बताते हैं कि उस वक्त तीन साल में 83 मामले दर्ज किए गए, लेकिन 2018 से 2021 के बीच में जिस तरह से आंकड़े तेजी से बढ़ें हैं. इसको लेकर सरकार को गंभीरता से काम करने की जरूरत है.
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