Jaipur bassi chemical factory Fire: राजधानी के बस्सी थाना इलाके में बैनाड़ा रोड पर केमिकल फैक्ट्री में ब्लास्ट होने के चलते 6 मजदूरों की दर्दनाक मौत के बाद पूरे गांव में मातम छा गया है.
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Jaipur bassi chemical factory Fire: राजधानी के बस्सी थाना इलाके में बैनाड़ा रोड पर केमिकल फैक्ट्री में ब्लास्ट होने के चलते 6 मजदूरों की दर्दनाक मौत होने के बाद पूरे बैनाड़ा गांव में शोक का माहौल है. हादसे के बाद से ही गांव में चूल्हे नहीं जले और रंगों का त्योहार गांव वालों के लिए बेरंग हो गया. हादसे से गुस्साए ग्रामीणों ने रविवार को सुबह नेशनल हाईवे 21 पर जाम कर दिया. जिसके चलते बीकानेर-आगरा हाईवे पर वाहनों का कई किलोमीटर लंबा जाम लग गया और सैकड़ों वाहन जाम में फंस गए.
35 लाख रुपए की सहायता राशि
होली मनाने के लिए अपने परिवार के पास जा रहे लोग जाम में फंस गए जिसके चलते कई घंटों तक उन्हें परेशानी का सामना करना पड़ा. हालांकि वार्ता के कई दौर चले और आखिर में 35 लाख रुपए की सहायता राशि देने की घोषणा किए जाने के बाद ग्रामीणों ने जाम खोला और शवों का पोस्टमार्टम करने के लिए राजी हुए.
6 मजदूरों की दर्दनाक मौत
गौरतलब है कि शनिवार देर शाम को बस्सी की कैमिकल फैक्ट्री में आग से 6 मजदूरों की दर्दनाक मौत हो गई था. सरकार की तरफ से किसी प्रकार का कोई छोस कदम न उछान पर हादसे से गुस्साए ग्रामीणों ने रविवार को नेशनल हाईवे जाम कर दिया था. साथ ही मृतकों के परिजनों को 50 लाख की सहायता राशि और सरकारी नौकरी देने की मांग करते हुए हाईवे पर बैठ गए.
कन्हैयालाल मीणा ने ग्रामीणों से की समझाइश, सहायता राशि का ऐलान
इस दौरान भाजपा नेता और पूर्व विधायक कन्हैयालाल मीणा भी मौके पर पहुंचे जिन्हें ग्रामीणों के विरोध का सामना करना पड़ा. हालांकि कन्हैया लाल मीणा और गुर्जर नेता राजाराम ने मौके पर पहुंच ग्रामीणों से समझाइश की. इसके बाद जाकर ग्रामीणों का गुस्सा शांत हुआ. वहीं उन्होंने ग्रामीणों को बताया कि प्रत्येक मृतक के परिजन को फैक्ट्री संचालक के जरिए मरने वालों को 15 लाख, लेबर डिपार्टमेंट के जरिए 15 लाख और चिरंजीवी योजना के तहत 5 लाख कुल 35 लाख रुपए की सहायता राशि देने का भरोसा जताया. जिसके बाद ग्रामीण हाईवे से उठने और शवों का पोस्टमार्टम कराने के लिए राजी हुए. इसके बाद जाकर फैक्ट्री में मौजूद पांच मृतकों के शवों का पोस्टमार्टम कराया गया और शव परिजनों के सुपुर्द किए गए.
इसके बाद बैनाड़ा गांव के रहने वाले चार मृतकों के शवों का एक साथ अंतिम संस्कार किया गया. आचार संहिता लागू होने के चलते सरकारी नौकरी की घोषणा नहीं की गई लेकिन मृतकों के परिजनों को आश्वासन दिया गया है कि आचार संहिता समाप्त होने के बाद मृतकों के परिवार के सदस्य को नगर निगम या अन्य विभाग में नौकरी दी जाएगी.
श्रीजी मंदिर में श्रीजी भगवान को नहीं लगेगा गुलाल
वही बैनाड़ा गांव के अब तक के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ की होली के त्योहार पर सैकड़ो वर्ष पुराने श्रीजी मंदिर में श्रीजी भगवान को गुलाल नहीं लगाया गया. गांव में शोक की लहर के चलते इस बार ना तो गांव में मेला भरा और ना ही गांव का बाजार खुला. बैनाडा श्रीजी मंदिर के महंत रामदयाल दास जी महाराज ने बताया कि जो हादसा हुआ है वह बेहद दुखद है और उनकी पूरी संवेदनाएं मृतकों के परिवार के सदस्यों के साथ है. उन्होंने बताया कि हादसे में 6 लोगों की दर्दनाक मौत होने के चलते पूरे गांव में गमगीन माहौल है और उसी को देखते हुए इस बार मंदिर में भी कोई विशेष आयोजन नहीं किया गया.
बैनाड़ा गांव में हुए दर्दनाक हादसे के बाद भले ही मुआवजा राशि दिए जाने का आश्वासन मिलने के बाद ग्रामीणों को गुस्सा शांत हो गया हो लेकिन मृतकों के परिवार पर दुख का जो पहाड़ टूटा है उसको शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता. देखना होगा कि सरकार की ओर से कितना जल्द मुआवजा राशि मृतकों के परिजनों तक पहुंचाई जाती है और इन 6 मौतों के जिम्मेदार फैक्ट्री संचालक को कितना जल्द गिरफ्तार किया जाता है.