Jaipur- बीसलपुर पेयजल प्रोजेक्ट पीएचईडी के लिए बेकाबू हो गया है. बीसलपुर प्रोजेक्ट में लाइफलाइन, शटडाउन और लीकेज की घटना बार - बार दोहराई जा रही है. एक बार फिर से बीसलपुर परियोजना में छेद हो गया है.
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Jaipur- बीसलपुर पेयजल प्रोजेक्ट पीएचईडी के लिए बेकाबू हो गया है .पानी की पाइप लाइन में लीकेज से बार-बार शटडाउन किया जा रहा है. एक बार फिर से बीसलपुर परियोजना बीमार हो गई, जिसका खामियाजा अब जनता को भुगतना पड़ेगा, क्योंकि अब दो दिन तक जयपुर में पानी नहीं आएगा.
लाइफलाइन,शटडाउन और लीकेज-
फिल्मी दुनिया में डॉयलॉग से पहले लाइट कैमरा और एक्शन की आवाज सुनाई देती है, ठीक उसी तरफ बीसलपुर प्रोजेक्ट में लाइफलाइन, शटडाउन और लीकेज की घटना बार - बार दोहराई जा रही है. एक बार फिर से बीसलपुर परियोजना में छेद हो गया है. सुजरपुरा से 32 किलोमीटर की पाइप लाइन का वॉल फट गया, जिस कारण सुबह 9 बजे से बीसलपुर परियोजना को 16 घंटे के लिए शटडाउन कर दिया गया है और रिपेयरिंग का काम शुरू हो गया है. बीसलपुर के मीटर डाउन के चलते गुरूवार शाम और शुक्रवार सुबह की पेयजल सप्लाई बाधित रहेगी.
गौरतलब है कि बीसलपुर की बीमारी बेकाबू हो चुकी है. सिस्टम का लीकेज फिर प्रोजेक्ट की पाइप लाइन से बहने लगा. जयपुर की लाइफ लाइन बीसलपुर परियोजना गंभीर बीमारी से जूझ रही है. इसलिए जयपुरवासी अपने पानी की व्यवस्था खुद कर ले, जलदाय विभाग के भरोसे बिल्कुल भी ना रहिए. क्योंकि क्या पता कल फिर से बीसलपुर परियोजना की तबियत खराब हो जाए?
इस साल कब-कब बीमार हुआ बीसलपुर प्रोजेक्ट
शटडाउन कब | कितना ट्रीटेज अमृत बर्बाद |
जनवरी 2023 | 45 एमएलडी |
फरवरी 2023 | 60 एमएलडी |
मई 2023 | 45 एमएलडी |
जून 2023 | 50 एमएलडी |
24 अगस्त 2023 | 50 एमएलडी |
अक्टूबर | 50 एमएलडी |
करोड़ खर्च, फिर भी सतीश जैन फेलियर-
GCKC फर्म पर मेंटिनेंस के सालाना 6 करोड़ रूपए का खर्चा सरकार कर रही है. लेकिन इसके बावजूद फर्म पेट्रोलिंग नहीं कर रही है .जिम्मेदार अधीक्षण अभियंता सतीश जैन फिर से फेल हो गए. इनके सवा साल के कार्यकाल में 8-10 बार बीसलपुर को शटडाउन करना पडा.
क्षमता 1050,सप्लाई 550 एमएलडी-
हैरानी की बात ये है कि बीसलपुर जयपुर पेयजल प्रोजेक्ट की क्षमता 1050 एमएलडी की है, फिलहाल 550 एमएलडी तक ही पानी की सप्लाई इस लाइन से की जा रही है. सुरजपुरा में सरकार ने ट्रीटेट वाटर प्लांट लगाया हुआ है, जहां बीसलपुर से ट्रीट होकर पानी जयपुर को सप्लाई होता है. पानी को ट्रीटेट करने और जयपुर तक पहुंचाने में 3 करोड़ बिजली हर माह खर्च होती है. इसके अलावा बीसलपुर डेम पर 2.50 करोड़ के बिजली के बिल पर खर्च होता है. यानि 5 करोड़ हर महीने खर्च होते है.
सरकार 1 एमएलडी पानी पर 2570 रूपए खर्च करती है. प्रतिदिन बीसलपुर से 650 एमएलडी पानी ट्रीटेट होता है. इस हिसाब से पानी को ट्रीटेट करने के लिए प्रतिदिन 16,70,500 रूपए, प्रतिमाह 5,01,15000 रूपए और सालाना 60,13,80,000 रुपए खर्च होते है. इसके अलावा जीसीकेसी कंपनी को रखरखाव के लिए 6 करोड़ सालाना भी दिया जा रहा है. अब ऐसे में सवाल ये है कि इसके बावजूद करोड़ों लीटर शुद्ध ट्रीटेट पानी की बर्बादी हो रही है.