Jaipur News:प्रदेश में सरकार की ओर से सरकारी कर्मचारियों और पेंशनर्स को आरजीएचएस के तहत दवा दुकानों से निशुल्क दवाईयां दी जाती है.कई बार सरकारी अस्पतालों से डॉक्टर के फर्जी साइन करके भी आरजीएचएस के तहत दवाईयां उठाई जा रही है.
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Jaipur News:प्रदेश में सरकार की ओर से सरकारी कर्मचारियों और पेंशनर्स को आरजीएचएस के तहत दवा दुकानों से निशुल्क दवाईयां दी जाती है. हालांकि कई जगह आरजीएचएस के तहत दवाईयों में फर्जीवाड़े की बात सामने आती रहती है.
कई बार सरकारी अस्पतालों से डॉक्टर के फर्जी साइन करके भी आरजीएचएस के तहत दवाईयां उठाई जा रही है. राजधानी के ही कई अस्पताल ऐसे हैं, जहां से आरजीएचएस कार्मिक के नाम से पर्चियां काटी गई और दवाईयां ली गई.हालांकि इन मरीजों की दवाईयों की पर्चियों के आधार पर देखें तो यही मामला फर्जीवाड़े जैसा लगता है.
सरकार की ओर से आमजन को निशुल्क दवाईयां उपलब्ध कराई जा रही है. वहीं सरकारी कर्मचारियों को आरजीएचएस के तहत बाहर से ब्रांडेड दवाईयां लेने का भी प्रावधान है. लेकिन कई जगह इनमें फर्जीवाड़े की भी बात सामने आ रही है.
ऐसा इसलिए हम कह रहे हैं कि एक ही मरीच के नाम से बार बार पर्चियां बन रही है. जिसमें इतनी टेबलेट उसमें लिखी हुई है. जितनी दवाईयां वह उस टाइम पीरियड में ले नहीं सकता. हर 15 से बीस दिन में वापस पर्ची रिपीट हो रही है.
इसके साथ ही सरकारी पर्चियों पर जिन डॉक्टरों की सील और साइन हैं उसमें भी फिंगर एक्सपर्ट से जांच कराने में सामने आया कि डॉक्टर की सील और हस्ताक्षर मैच नहीं हो पा रहे हैं. अलग अलग पर्चियों पर डॉक्टर के नाम तो समान हैं लेकिन
सरकार की ओर से आरजीएचएस के तहत दी जा रही दवाईयों की जांच सरकार अपने स्तर पर करवाए तो इसमें ओर खुलासे हो सकते हैं. इस तरह के एक दो मामले नहीं है. ऐसे कई मामले हैं जिसमें डॉक्टर्स के साइन और सील मैच हो तो ओर इसमें खुलासे हो सकते हैं.
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