Rajasthan News: 30 साल में पलट गई मरुधरा में ग्राउंड वाटर की तस्वीर,114% तक बढ़ गया भूजल दोहन
Advertisement
trendingNow1/india/rajasthan/rajasthan2312669

Rajasthan News: 30 साल में पलट गई मरुधरा में ग्राउंड वाटर की तस्वीर,114% तक बढ़ गया भूजल दोहन

Rajasthan News: राजस्थान में भले ही मानसून ने दस्तक दे दी है. लेकिन ग्राउंड वाटर की स्थिति अभी भी बेहद खराब है. बारिश का पानी जमीन के नीचे रिचार्ज होने की बजाय नदी-नालों में बहकर निकल जाता है. 30 सालों में राजस्थान में ग्राउंड वाटर की स्थिति पलट गई है.

 

Jaipur News

Rajasthan News: राजस्थान में भले ही मानसून ने दस्तक दे दी है. लेकिन ग्राउंड वाटर की स्थिति अभी भी बेहद खराब है. बारिश का पानी जमीन के नीचे रिचार्ज होने की बजाय नदी-नालों में बहकर निकल जाता है, जिसका नतीजा आज ये हो चला है कि 30 सालों में राजस्थान में ग्राउंड वाटर की स्थिति पलट गई है.

114 प्रतिशत बढ़ गया भूजल दोहन -

मरुधरा में मानसून की एंट्री के बाद अब सबकी निगाहें आसमान पर टिकी हैं, लेकिन ये नजरें आसमान के साथ- साथ जमीन पर भी होनी चाहिए. क्योंकि आसमान से जो राहत बरस रही है वो जमीन के नीचे तक नहीं पहुंच रही है. पिछले 30 सालों में ग्राउंड वाटर की स्थिति पूरी तरह से उलट गई है. भूजल विभाग की रिपोर्ट के मुताबिक 1984 में जमीन के नीचे से 35 प्रतिशत पानी निकाला करता था. 

यह भी पढ़ें- स्टूडेंट से रैगिंग मामले में त्रिवेदी मेवाड़ा ब्राह्मण समाज का SDM ऑफिस पर प्रदर्शन

वही आंकड़ा साल 2023 में बढ़कर 149 प्रतिशत तक पहुंच गया है. यानी ग्राउंड वाटर का दोहन 114 प्रतिशत तक बढ़ गया है. सबसे हैरानी की बात तो ये है कि भूजल विभाग ने समय-समय पर चेताया, लेकिन सरकारों ने इस पर कोई ठोस कदम नहीं उठाया.

30 साल में ग्राउंड वाटर की स्थिति में उलट-पुलट

साल................पानी का दोहन............सुरक्षित ब्लॉक

1984.............. 35 प्रतिशत..............236 में से 203

1995.............. 58 प्रतिशत..............236 में से 127

2004.............. 125 प्रतिशत.............236 में से 34

2013.............. 139 प्रतिशत.............248 में से 44

2020.............. 150 प्रतिशत.............292 में से 37

2023.............. 149 प्रतिशत.............299 में से 38

यह भी पढ़ें- Rajasthan News: PM मोदी की तर्ज पर चल पड़े CM भजनलाल शर्मा

सिर्फ 12 प्रतिशत ब्लॉक सुरक्षित-

इस बार भी मरुधरा में मानसून झूमकर बरसने की उम्मीद है, लेकिन हर साल की तरह इस बार भी पानी नदी-नालों में बहते हुए बेकार हो जाएगा. राजस्थान में सिर्फ 12 प्रतिशत सुरक्षित ब्लॉक बचे हैं. बाकी 88 प्रतिशत ब्लॉक सेमी क्रिटिकल, क्रिटिकल, अत्यधिक दोहित हैं. ऐसे में यदि ऐसी ही स्थिति रहेगी तो आने वाले सालों में बहुत भयावह स्थिति देखने को मिलेगी. क्योंकि 299 में से 216 ब्लॉक अत्यधिक दोहित हैं

Trending news