राजस्थान में विधानसभा चुनाव से पहले ब्राह्मण समाज ने राजधानी में महापंचायत कर शक्ति प्रदर्शन किया.जहां भारी संख्या में पहुंचे ब्राह्मणों ने एकजुट होकर समाज के मुद्दों को लेकर शंखनाद किया गया.
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Jaipur: जयपुर में रविवार को हुई महापंचायत में ब्राह्मण समाज ने अपना शक्ति प्रदर्शन किया. ब्राह्मणों के इस महाकुंभ में गैर ब्राह्मण सांसद विधायकों ने भी डुबकी लगाई. सांसद किरोड़ी लाल मीणा ने दिल्ली से पत्र लिखा कि वह भी इस महाकुंभ में डुबकी लगाना चाहते थे लेकिन सरकार ने ऐसा असहनीय दर्द दे डाला.
जयपुर के विद्याधर नगर स्टेडियम में ब्राह्मण सम्मेलन में जहां समाज से जुड़े जनप्रतिनिधियों ने हाजिरी लगाई. इनमें केंद्रीय रेलवे मंत्री अश्विनी वैष्णव, सांसद सीपी जोशी, कांग्रेस के पूर्व मंत्री डॉ रघु शर्मा, सहित कई प्रमुख नेता पहुंचे. इनके अलावा बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष डॉक्टर सतीश पूनिया, उप नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़, पूर्व मंत्री और सांसद किरोड़ी लाल मीणा की पत्नी गोलमा देवी ने भी महापंचायत में शिरकत की.
इधर दिल्ली में इलाज करा रहे सांसद किरोड़ी लाल मीणा ने भी विप्र समाज को पत्र लिखा. सांसद किरोड़ी लाल मीणा ने पत्र में लिखा जयपुर में आयोजित विप्र महाकुंभ में पधारे आप सभी विप्रगण न सिर्फ शहरी क्षेत्र की उपस्थिति दर्ज करा रहे हैं बल्कि गांव और देहात की उन पगडंडियों और झोपड़ियों की स्मृतियों को भी अपने साथ लेकर कुंभ स्नान के लिए राजस्थान की राजधानी जयपुर में आए हैं, जहां आपने सनातन धर्म का पाठ आदिकाल से सभी वर्गों को पढ़ाया है.
धर्म किसी भी समाज और वर्ग की वह पहली पाठशाला है, जहां वह जीवन जीने के विभिन्न अध्यायों को अपने मन और मष्तिष्क में आत्मसात करके भविष्य के पथ का निर्धारण करता है. सीखता है कि उसे जीवन का कौनसा मार्ग चुनना है. मैं भलीभांति परिचित हूं कि सभी वर्गों को दिशा देने के पवित्र उद्देश्य के उपरांत भी विप्र बंधु आधुनिक युग में अनेकानेक समस्याओं के झंझावातों से जूझने को विवश हैं. दशकों से चली आ रही व्यवस्था उन्हें हाशिए पर खड़ा कर दिया है. इस हाशिए पर उन्हें न सिर्फ अपना बल्कि आने वाली पीढ़ी का भविष्य भी अंधेरी खाई में गिरता दिखाई दे रहा है.
सांसद मीणा ने लिखा की मेरे मन में प्रबल इच्छा थी कि आप सभी गुणीजनों के साथ इस महाकुंभ में स्नान करूं लेकिन राजस्थान में आसीन सत्ता ने मुझे ऐसा असहनीय दर्द दे डाला है कि मैं एम्स और बैंगलुरू के उपचारी चक्रव्यूह से बाहर ही नहीं निकल पा रहा हूं. विवशता के चलते मेरी शारीरिक उपस्थिति आपके बीच नहीं हो पाई है लेकिन संदेश की शक्ल में आत्मिक उपस्थिति आपके साथ और आपके बीच ही है. विप्र महाकुंभ में पधारे सभी विप्र बंधुओं को हृदय से नमन के साथ साथ मेरी अनंत अखंड और अविराम शुभकामनाएं हैं.
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