जयपुर न्यूज: राजस्थान के हर गांव हर कस्बे तक नल के जरिए जल पहुंचाने की कोशिश नाकाम साबित होती दिखाई रही है.जल जीवन मिशन में नाबाकी की वजह फर्मों की लापरवाही है.
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जयपुर: जलदाय विभाग में जल जीवन मिशन में महीनों लापरवाह फर्मों को रेड लिस्टेड करने पर मंथन चल रहा है,लेकिन आज तक लापरवाह फर्मों की रेड लिस्टेड नहीं बनाई. बार बार एसीएस सुबोध अग्रवाल निर्देश दे रहे है,लेकिन उनके आदेशों की बार बार धज्जियां उड़ाई जा रही है.
फिसड्डी फर्मे,कब होगी रेड लिस्टेड?
राजस्थान के हर गांव हर कस्बे तक नल के जरिए जल पहुंचाने की कोशिश नाकाम साबित हो रही है.जल जीवन मिशन में नाबाकी की बड़ी वजह बड़ी फर्मों की लापरवाही,लेटलतीफी है. मेजर प्रोजेक्ट्स की लेट लतीफा को लेकर जलदाय विभाग में गहन मंथन हुआ और इन फर्मों को रेड लिस्टेड करने के आदेश निकले.
अतिरिक्त मुख्य सचिव सुबोध अग्रवाल ने विभाग के चीफ इंजीनियर्स को निर्देश दिए गए.लेकिन महीनों बाद भी रेड लिस्ट पर रिजल्ट जीरों है. चीफ इंजीनियर स्पेशल प्रोजेक्ट दिनेश गोयल को रेड लिस्ट बनाकर चीफ इंजीनियर तकनीकी दलीप गौड को सौंपनी थी,लेकिन आज तक कोई लिस्ट नहीं बन पाई.दिनेश गोयल का कहना है कि 10 दिन में लिस्ट बनाकर भेजी जाएगी.फील्ड से आंकड़े इकट्ठे किए जा रहे है.लिस्ट बनाने के लिए चीफ इंजीनियर मुख्यालय को डिबार की कार्रवाई करनी होगी.रेड लिस्टेड होने के बाद फर्में तीन साल तक काम नहीं कर पाएगी.
ये लापरवाह फर्में जो होगी रेड लिस्ट-
जिला फर्म का नाम लागत डेडलाइन कितना काम हुआ
जोधपुर जियोमिलर एंड कंपनी 52 करोड़ 4 फरवरी करीब 30%
धौलपुर जीसीकेसी प्रोजेक्ट्स 78 करोड़ मई करीब 30%
नागौर जुबेरी इंजीनियरिंग 128 करोड़ 23 फरवरी करीब 40%
नागौर लाहोटी बिल्डकॉन 139करोड़ सितंबर करीब 50%
झालवाड जीसीकेसी प्रोजेक्ट्स 103 करोड 19मई करीब 33%
कोटा जुबेरी इंजीनियरिंग 73 करोड 19मई करीब 40%
जोधपुर जियोमिलर कंपनी 51 करोड़ 17फरवरी करीब 30%
इसके अलावा विष्णु प्रकाश पुगलियां,जीएइंफ्रा फर्म को भी रेड लिस्टेड में शामिल किया जाएगा.
अब ऑरेंज लिस्ट का नाम,कब होगा काम?
ऐसा नहीं है ये आंकड़े पीएचईडी विभाग के पास नहीं है,बल्कि हमने भी ये आंकड़े इसी विभाग से लिए है.खैर तकनीकी वजह से देरी के कारण जल जीवन मिशन में ऑरेंज लिस्ट भी बनाई जाएगी,जिसमें फर्म नहीं दूसरी वजह से तकनीकी कारणों के चलते देरी हुई.जिसमें श्री हरि इंफ्रा,आईएचपी फर्म को ऑरेंज लिस्ट में शामिल किया जा सकता है.अतिरिक्त मुख्य सचिव सुबोध अग्रवाल ने चीफ इंजीनियर तकनीकी और स्पेशल प्रोजेक्ट,एफए रेड लिस्ट और ऑरेंज लिस्ट बनाने के निर्देश दिए है.लेकिन इन लिस्ट पर भी लगातार सस्पेंस बना हुआ है.
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