Jaipur news: एक शहर में दो तरह के नियम, ड्राइविंग लाइसेंस बनवाना 250 रुपए महंगा
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Jaipur news: एक शहर में दो तरह के नियम, ड्राइविंग लाइसेंस बनवाना 250 रुपए महंगा

jaipur news today: जयपुर शहर में 2 परिवहन कार्यालयों में दो तरह के नियम चल रहे हैं.परिवहन विभाग के आरटीओ प्रथम में ड्राइविंग लाइसेंस बनवाना 250 रुपए महंगा हो गया है.जबकि विद्याधर नगर स्थित आरटीओ द्वितीय कार्यालय में फीस पहले की तरह लग रही है.इस फीस बढ़ोतरी का विरोध शुरू हो गया है.

Jaipur news: एक शहर में दो तरह के नियम, ड्राइविंग लाइसेंस बनवाना 250 रुपए महंगा

jaipur news: यदि आप शहर के टोंक रोड, आगरा रोड, जगतपुरा, प्रताप नगर, टोंक फाटक या मानसरोवर क्षेत्र में निवास करते हैं, तो आपको ड्राइविंग लाइसेंस बनवाना अब 250 रुपए महंगा पड़ेगा.जयपुर आरटीओ प्रथम यानी झालाना आरटीओ कार्यालय के अधीन क्षेत्र में ड्राइविंग लाइसेंस की फीस बढ़ा दी गई है.परिवहन विभाग ने यहां परमानेंट लाइसेंस के लिए फीस 1000 रुपए से बढ़ाकर 1250 रुपए कर दी है.दरअसल ड्राइविंग लाइसेंस की यह फीस ऑटोमेटेड ड्राइविंग ट्रैक संचालन के नाम पर ली जा रही है.फीस में इसे यूजर चार्जेज नाम दिया गया है.

इसके तहत दुपहिया वाहन का लाइसेंस बनवाने के लिए 100 रुपए, जबकि कार के लाइसेंस के लिए 150 रुपए अतिरिक्त लिए जा रहे हैं.अभी तक दुपहिया व कार के लाइसेंस के लिए झालाना आरटीओ में कुल फीस 1350 रुपए लगती थी, जो अब 1600 रुपए हो गई है.रोचक बात यह है कि शहर के दूसरे आरटीओ कार्यालय यानी विद्याधर नगर आरटीओ में फीस नहीं बढ़ाई गई है. परिवहन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि ड्राइविंग लाइसेंस के लिए फीस बढ़ाने की व्यवस्था ऑटोमेटेड ट्रैक शुरू होने के साथ ही हो गई थी.हालांकि पिछले ढाई साल से जब से ऑटोमेटेड ट्रैक शुरू हुआ है, 

 

तब से फीस नहीं बढ़ाई गई है.बताया जा रहा है कि पूर्व में निजी कंपनी और परिवहन विभाग का संयुक्त एस्क्रो अकाउंट खोला जाना था, जो नहीं खोला जा सका, इस वजह से फीस की व्यवस्था भी लागू नहीं हुई थी.लोगों का तर्क है कि जब तक निजी कंपनी ट्रैक चला रही थी, तब तक फीस कम लग रही थी, अब जबकि ट्रैक का संचालन परिवहन विभाग खुद कर रहा है, तब आवेदकों से अतिरिक्त राशि वसूल की जा रही है.

इस फीस बढ़ोतरी से बड़ा सवाल यह खड़ा हो रहा है कि आमजन को इस बात से क्या मतलब है कि उसकी ट्रायल ऑटोमेटेड ट्रैक पर ली जा रही है या मैन्युअली परिवहन निरीक्षकों द्वारा ली जा रही है.वहीं एक ही शहर में दो तरह के नियम लागू करने से परिवहन विभाग को भी विरोध झेलना पड़ रहा है.देखना होगा कि क्या परिवहन विभाग एक शहर में 2 तरह के नियम लागू करने के अपने आदेश को कब वापस लेगा ?

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