Bal Gopal Yojana: जानिए, क्या है 'बाल गोपाल' योजना, जिसके बंद होने से बच्चे हो रहे प्रभावित, आखिर क्यों पिछले 2 महीनों से ठप है स्कीम?
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Bal Gopal Yojana: जानिए, क्या है 'बाल गोपाल' योजना, जिसके बंद होने से बच्चे हो रहे प्रभावित, आखिर क्यों पिछले 2 महीनों से ठप है स्कीम?

Jaipur News: प्रदेश में सरकार बदलते ही पिछली सरकार की योजनाओं को बदलने या रिवाइज करने का काम शुरू हो जाता है, जिससे नई योजनाएं शुरू होने तक आमजन को काफी प्रभावित होना पड़ता है. कुछ ऐसे ही हालत शिक्षा विभाग में नजर आ रहे हैं. 

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Jaipur News: प्रदेश में सरकार बदलते ही पिछली सरकार की योजनाओं को बदलने या रिवाइज करने का काम शुरू हो जाता है, जिससे नई योजनाएं शुरू होने तक आमजन को काफी प्रभावित होना पड़ता है. कुछ ऐसे ही हालत शिक्षा विभाग में नजर आ रहे हैं. नए शिक्षा सत्र से स्कूलों में बच्चों के पोषण के लिए चलने वाली बाल गोपाल योजना लगभग बंद पड़ी है. बाल गोपाल योजना के तहत प्रदेश के 70 लाख बच्चों को मिलने वाला दूध अब पिछले दो माह से बंद पड़ा है. 

जानें क्या है बाल गोपाल योजना 
ऐसे में अब वर्तमान सरकार में बाल गोपाल योजना के तहत बच्चों को मोटा अनाज उपलब्ध करवाने की चर्चा की जा रही है, लेकिन यह मोटा अनाज कब स्कूलों में बच्चों के पास पहुंचेगा इसकी फिलहाल कोई उम्मीद नजर नहीं आ रही है. बाल गोपाल योजना के तहत प्रदेश के सरकारी स्कूलों व मदरसों के कक्षा 1 से आठवीं तक के बच्चों को पोषण उपलब्ध करवाने के लिए मिल्क पाउडर को प्रोसेस करके दूध पिलाया जा रहा था, लेकिन नए शिक्षा शास्त्र शुरू होने के बाद से ही वह दूध मिलना पूरी तरह बंद हो गया.

बच्चों के लिए शुरू होगा मोटा अनाज 
जिन स्कूलों में पिछले साल के दूध के पैकेट पड़े थे उन्होंने कुछ दिनों के लिए बच्चों को दूध वितरित करवा दिया, लेकिन अब  स्कूलों में बच्चों को मिलने वाला दूध पूरी तरह बंद हो चुका है. हालांकि, बाल गोपाल योजना को लेकर शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने कहा है कि बच्चे पाउडर वाला दूध पीना पसंद नहीं करते इसलिए बच्चों के पोषण के लिए अब मिलेट्स यानी मोटा अनाज शुरू किया जाएगा. 

2022 में शुरू हुई थी बाल गोपाल योजना
बता दें कि पिछली कांग्रेस सरकार ने 2022 में मुख्यमंत्री बाल गोपाल योजना शुरू की थी. जिसके तहत बच्चों को स्कूलों में वर्किंग डे यानी सप्ताह में 6 दिन पोषण के लिए दूध उपलब्ध करवाने का निर्णय लिया गया था, जिसमें कक्षा 1 से 5 तक के बच्चों को 150 मिलीलीटर 6 से 8 तक के बच्चों को 200 मिलीलीटर दूध उपलब्ध करवाया जा रहा था. 

बच्चों को पाउडर वाला दूध नहीं आता पसंद 
अब नई सरकार बनने के बाद सरकार का यह फैसला रिवाइज होता नजर आ रहा है, जिसके चलते शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने कहा कि बच्चों को पाउडर का दूध पसंद नहीं आता वह स्कूलों में उनके पोषण के लिए अब मोटा अनाज शुरू किया जाएगा. हालांकि, शिक्षा विभाग के उच्च अधिकारी फिलहाल मोटा अनाज कब से शुरू होगा इस मामले में अनभिज्ञ हैं. 

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