Jaipur News: प्रदेश में स्कूली छात्र छात्राओं को परीक्षा के भय से मुक्त करने के लिए राज्य बाल आयोग की ओर से कार्यशाला आयोजित की गई. कार्यशाला में प्रदेश के सभी जिलों के शिक्षा अधिकारी, स्कूली विद्यार्थी और विशेषज्ञ मौजूद रहे.
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Jaipur News: प्रदेश में स्कूली छात्र छात्राओं को परीक्षा के भय से मुक्त करने के लिए राज्य बाल आयोग की ओर से कार्यशाला आयोजित की गई. कार्यशाला में प्रदेश के सभी जिलों के शिक्षा अधिकारी, स्कूली विद्यार्थी और विशेषज्ञ मौजूद रहे. विशेषज्ञों ने बच्चों को परीक्षा के भय को छोड़ते हुए तनाव मुक्त रहने तथा अपने लक्ष्य पर फोकस करने की सलाह दी.
राज्य बाल आयोग ने कार्यशाला आयोजित की
परीक्षा नजदीक आते ही स्कूली छात्रों को परीक्षा के दौरान, विशेष रूप से उनकी बोर्ड परीक्षाओं के दौरान तैयारी संबंधी, उनकी शैली संबंधी, आवश्यक जानकारी संबंधी समस्याओं तथा माता-पिता द्वारा पढाई के लिए उच्च तनाव का अनुभव होता है. परीक्षा से पूर्व व परीक्षा के दौरान विद्यार्थियों में तनाव की स्थिति उत्पन्न होने से उनके शारीरिक, मानसिक एवं शैक्षणिक विकास में रूकावट उत्पन्न होती है. यह तनाव, चिंता विद्यार्थियों को अवसाद की ओर ले जाता है.
बेकार की भावना पैदा होने लगते हैं
नतीजतन, बच्चों में परीक्षा के परिणाम के बारे में तर्कहीन विचार आने लगते हैं तथा विद्यार्थियों में नकारात्मकता, आत्म-आलोचना और बेकार की भावना पैदा होती है. जब ये नकारात्मक विचार तर्क संगत होने लगते हैं कि "मैं असफल होने जा रहा हूं, चाहे में कुछ भी करूं" तब विद्यार्थियों के मानसिक विकास में ओर अधिक विपरीत प्रभाव पड़ता है. इसे ध्यान में रखते हुए ही राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग की ओर से जयपुर के दुर्गापुरा कृषि अनुसंधान केंद्र में परीक्षा पर्व के नाम से कार्यशाला आयोजित की गई.
विशेषज्ञों ने बच्चों को तनाव समझकर उससे मुक्त रहने के लिए बिना संकोच के अपने परीजनों और मित्रों से बात साझा करें. तनाव दूर करने के लिए अपने पसंद के खेल खेल सकते हैं. किताबें पढ़ने के साथ ही गानें सुनकर भी तनाव दूर कर सकते हैं. व्यायाम और प्राणायाम से भी तनाव को दूर किया जा सकता है.
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