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Jaipur News : प्रदेश में साइबर ठग सरकारी महकमों की वेबसाइट हैक करके सरकार को चूना लगाने में नहीं चूक रहे हैं. सहूलियत के लिहाज से सरकारी योजनाओं का लाभ देने के लिए बैंक खातों में सीधे किश्त ट्रांसफर की जाती है और इसका फायदा साइबर ठग आसानी से उठा रहे हैं. ऐसे मामलों को लेकर अब सरकारी महकमों के अधिकारियों को भी सतर्क रहने की जरूरत है. वरना यह सायबर अपने मंसूबों में कामयाब हो जाएंगे. ऐसा ही एक मामला राजधानी जयपुर के गोविंदगढ़ पंचायत समिति में देखने को मिला. जहां प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत लाभार्थियों को मिलने वाली किश्त को आरोपी ने अलग-अलग खातों में ट्रांसफर कर सरकार को 4.6 हजार रुपयों का चूना लगा दिया. पंचायत समिति के विकास अधिकारी ने आठ लाभार्थियों को चिन्हित करके 4.60 रुपए उनके बैंक खातों में ट्रांसफर करवा दिए. जब विकास अधिकारी भागीरथ मीणा ने ग्राम पंचायत में लगे ग्राम सेवकों के जरिए भुगतान का भौतिक सत्यापन करवाया तो होश उड़ गए.
बैंक खातों में राशि ट्रांसफर नहीं हुई और इधर पंचायत समिति के बैंक खाते से राशि लेप्स हो चुकी थी. इसके बाद विकास अधिकारी और अकाउंटेंट गिरधारी लाल यादव ने मिलकर इस ठगी को लेकर तहकीकात की और सामने आया कि मध्य प्रदेश के कुछ खातों में यह पैसा ट्रांसफर हो गया. इसके बाद में विकास अधिकारी ने केंद्र सरकार को इसके बारे में पत्र लिखा. केंद्र सरकार ने राजस्थान सरकार को इस तरह की ठगी होने को लेकर पत्र लिखा. विकास अधिकारी भागीरथ मीणा ने स्थगित को लेकर गोविंदगढ़ पुलिस थाने में मामला दर्ज करवाया. जयपुर ग्रामीण एसपी डॉ राजीव पचार ने मामले को गंभीर मान कर एक पुलिस टीम का गठन किया.
पुलिस टीम ने तकनीकी सूचनाओं के आधार पर आरोपी नितेश राय को मध्यप्रदेश के भिनाय से गिरफ्तार कर लिया. पूछताछ में आरोपी ने अजमेर और पाली जिले में भी इस तरह की ठगी करने की वारदात को कबूल किया है. वही गोविंदगढ़ पंचायत समिति के भी 19 लाभार्थियों के आधार नंबर प्रधानमंत्री आवास योजना की वेबसाइट पर बदल चुका था यानी यह पैसा भी वह ट्रांसफर करने में था लेकिन उससे पहले वह पुलिस के हत्थे चढ़ गया. आरोपी नितेश राय प्रधानमंत्री आवास योजना की वेबसाइट में लाभार्थियों के आधार नंबर बदलकर ठगी की वारदात को अंजाम देता था अपने ही परिवार और साथियों के आधार नंबर भर देता था. क्योंकि इस योजना के तहत किश्त की राशि जिन खातों में ट्रांसफर की जाती है वह खाते आधार नंबर से लिंक होते हैं. इसका फायदा आरोपी उठा रहा था. फिलहाल पकड़े गए आरोपी से पुलिस पूछताछ करने में जुटी है.
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