Rajasthan: राज्य सरकार बताए, क्यों ना अन्य सेवा से IAS पद की पदोन्नति प्रक्रिया पर रोक लगा दें- हाईकोर्ट
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Rajasthan: राज्य सरकार बताए, क्यों ना अन्य सेवा से IAS पद की पदोन्नति प्रक्रिया पर रोक लगा दें- हाईकोर्ट

राजस्थान हाईकोर्ट ने अन्य सेवाओं से सीधा एक कोटा तय कर आईएएस सेवा में पदोन्नति के मुद्दे पर राज्य सरकार को जवाब के लिए अंतिम मौका देते हुए पूछा है कि क्यों ना इसकी पदोन्नति प्रक्रिया पर ही रोक लगा दी जाए. यह आदेश राजस्थान प्रशासनिक सेवा परिषद व अन्य की याचिकाओं पर दिया. अदालत ने सुनवाई जुलाई में तय की है.

Rajasthan: राज्य सरकार बताए, क्यों ना अन्य सेवा से IAS पद की पदोन्नति प्रक्रिया पर रोक लगा दें- हाईकोर्ट

Jaipur News: राजस्थान हाईकोर्ट ने अन्य सेवाओं से सीधा एक कोटा तय कर आईएएस सेवा में पदोन्नति के मुद्दे पर राज्य सरकार को जवाब के लिए अंतिम मौका देते हुए पूछा है कि क्यों ना इसकी पदोन्नति प्रक्रिया पर ही रोक लगा दी जाए. एक्टिंग सीजे एमएम श्रीवास्तव व जस्टिस अनिल उपमन की खंडपीठ ने यह आदेश राजस्थान प्रशासनिक सेवा परिषद व अन्य की याचिकाओं पर दिया. अदालत ने सुनवाई जुलाई में तय की है.

सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता तनवीर अहमद ने कहा कि राज्य सरकार ने 17 फरवरी 2023 को सभी विभागों में पत्र भेजकर अन्य सेवाओं से आईएएस सेवा में पदोन्नति के लिए आवेदन मांगे. ऐसा करना नियमानुसार सही नहीं हैं, क्योंकि अपवादिक परिस्थितियों में ही ऐसा कर सकते हैं. अपवाद कभी भी नियमित भर्ती का तरीका नहीं हो सकता.

राजस्थान सरकार ने खुद ही यह मान लिया है कि आईएएस पदोन्नति में गैर राज्य प्रशासनिक सेवा के अफसरों का भी एक कोटा है, ऐसा मानना गलत है, जबकि ऑल इंडिया सर्विस एक्ट व उसके नियम-विनियम के तहत 66.67 प्रतिशत सीधी आईएएस भर्ती से और 33.33 प्रतिशत राज्य के प्रशासनिक अफसरों की पदोन्नति से भरे जाने का प्रावधान है.

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वहीं अपवाद परिस्थिति में ही इस 33.33 प्रतिशत कोटे का 15 प्रतिशत तक अन्य सेवा के अफसरों से भरा जा सकता है, लेकिन राज्य सरकार ने मनमाने तरीके से हर साल ही अन्य सेवा के अफसरों से आईएएस पद पर पदोन्नति देने की परंपरा बना ली है. ऐसा करना ना केवल सेवा नियमों का उल्लंघन है, बल्कि राज्य के प्रशासनिक सेवा के अफसरों के लिए तय किए गए पदोन्नति पदों पर भी अतिक्रमण है। सुनवाई के दौरान राज्य सरकार ने जवाब के लिए समय मांगा। जिस पर अदालत ने  जवाब के लिए अंतिम मौका देते हुए सुनवाई जुलाई में तय की है.

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