Jyeshtha Purnima 2023: ज्येष्ठ पूर्णिमा पर ऐसे करें विष्णु भगवान की विशेष पूजा, जानें व्रत और पूजा विधि
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Jyeshtha Purnima 2023: ज्येष्ठ पूर्णिमा पर ऐसे करें विष्णु भगवान की विशेष पूजा, जानें व्रत और पूजा विधि

Jyeshtha Purnima 2023: इस साल 4 जून को ज्येष्ठ पूर्णिमा (Jyestha Purnima) पड़ने वाली है. हिन्दुओं के इसका बहुत महत्व बताया गया है. जानकार बताते हैं कि ज्येष्ठ मास भगवान विष्णु को समर्पित होता है. इस दिन गंगा स्नान करके पूजा आदि करने से पैसों की तंगी दूर हो जाती है और यश की प्राप्ति होती है.

Jyeshtha Purnima 2023: ज्येष्ठ पूर्णिमा पर ऐसे करें विष्णु भगवान की विशेष पूजा, जानें व्रत और पूजा विधि

Jyeshtha Purnima 2023: ज्येष्ठ पूर्णिमा (Jyestha Purnima) हिन्दू धर्म में अत्यंत महत्वपूर्ण मानी जाती है. पूर्णिमा को धार्मिक और आध्यात्मिक गतिविधियों का पालन करने के लिए शुभ माना जाता है. ज्येष्ठ मास हिन्दू कैलेंडर के अनुसार तीसरा मास होता है. ड्रिक पंचांग के अनुसार, ज्येष्ठ मास में पड़ने वाली पूर्णिमा तिथि को ज्येष्ठ पूर्णिमा (Jyestha Purnima) कहा जाता है और यह 4 जून 2023 को मनाई जाएगी.

ज्येष्ठ पूर्णिमा का महत्व (Purnima 2023 Significance)

2023 की ज्येष्ठ पूर्णिमा (Jyestha Purnima) का महत्व हिन्दुओं के बीच अत्यंत महत्वपूर्ण है. यह ज्येष्ठ मास में पड़ने वाली एक प्रमुख पूर्णिमा तिथि है. ज्येष्ठ शब्द का अर्थ होता है "बड़े" जो भगवान विष्णु (Bhagwan vishnu) के रूप में माने जाते हैं. वे ज्येष्ठ श्रेष्ठ प्रजापति के रूप में जाने जाते हैं. वे इस मास के परमेश्वर हैं, जो त्रिविक्रम के रूप में तीनों लोकों को विजयी कर चुके हैं. यह पवित्र मास है जब तपस्या के बाद मां गंगा ने धरती पर अवतरित हुई. ज्येष्ठ पूर्णिमा (Jyestha Purnima) तिथि के शुभ दिन पर वट पूर्णिमा व्रत भी ली जाती है जिसे विवाहित महिलाएं मनाती हैं.

ज्येष्ठ पूर्णिमा (Jyestha Purnima) के दिन लोग विभिन्न धार्मिक गतिविधियों का पालन करते हैं. वे स्नान करने के लिए गंगा नदी (Ganga nadi) में जाते हैं. Bhagwan vishnu को प्रार्थना करते हैं और लक्ष्मी नारायण मंदिरों (Laxmi Narayan Mandir) का दर्शन करते हैं. इस दिन चंद्रमा की पूजा की जाती है और देवता को अर्घ्य चढ़ाकर आदर्शित किया जाता है. कुछ लोग इस दिन भोजन और वस्त्र ब्राह्मणों को दान करते हैं और जरूरतमंद लोगों को भी. ज्येष्ठ पूर्णिमा (Jyestha Purnima) पर वट वृक्ष की पूजा करना अत्यंत शुभ माना जाता है और भक्तजन वृक्ष को जल चढ़ाकर 108 बार प्रदक्षिणा कर सकते हैं. यह अनुशंसित रीति मानी जाती है.

ज्येष्ठ पूर्णिमा 2023 की तारीख और समय (Date and Time of Jyeshtha Purnima 2023)

पूर्णिमा तिथि आरंभ - 3 जून, 2023 - सुबह 11:17 बजे
पूर्णिमा तिथि समाप्त - 4 जून, 2023 - सुबह 9:11 बजे

ज्येष्ठ पूर्णिमा 2023 के रीति-रिवाज (Jyeshtha Purnima 2023 Rituals)

  • सुबह जल्दी उठें, गंगा नदी (Ganga nadi) में स्नान करें.
  • भगवान विष्णु (Bhagwan vishnu) की प्रार्थना करें.
  • भक्तजनों को वट वृक्ष या अक्षय वट की पूजा (Akshaya Vat worship) करनी चाहिए और आशीर्वाद मांगना चाहिए.
  • वट वृक्ष (Banyan Tree) अमरत्व के कारण जाना जाता है, इसलिए इसे पूजा करनी चाहिए और मान्यता है कि त्रिमूर्ति- भगवान शिव (Bhagwan shiv), ब्रह्मा (Bhagwan brahma) और विष्णु (Bhagwan vishnu) इसमें निवास करते हैं.
  • मंदिरों में जाना करना, भगवान विष्णु (Bhagwan vishnu)को प्रार्थना करना, चंद्रमा की पूजा करना और यज्ञ-हवन करना जैसी धार्मिक गतिविधियों में संलग्न होना अत्यंत शुभ माना जाता है.
  • लोगों को ब्राह्मणों को कपड़े और भोजन दान करना चाहिए और आशीर्वाद लेना चाहिए.

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