बेरोजगारों के आंदोलन में कूदे Kirodi Lal Meena, Upen Yadav पर सरकार से मिलीभगत के लगाए आरोप
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बेरोजगारों के आंदोलन में कूदे Kirodi Lal Meena, Upen Yadav पर सरकार से मिलीभगत के लगाए आरोप

विभिन्न मांगों को लेकर पिछले दो दिनों से शहीद स्मारक पर तीन भर्तियों से जुड़े हुए बेरोजगार भूख हड़ताल पर बैठे हैं और इस आंदोलन का नेतृत्व अब कर रहे सांसद किरोड़ी लाल मीणा. 

सांसद डॉ. किरोड़ी लाल मीणा कर रहे धरने का नेतृत्व.

Jaipur: विभिन्न मांगों को लेकर पिछले दो दिनों से शहीद स्मारक पर तीन भर्तियों से जुड़े हुए बेरोजगार भूख हड़ताल पर बैठे हैं और इस आंदोलन का नेतृत्व अब कर रहे सांसद किरोड़ी लाल मीणा. बीते दिन सुबह से शाम तक धरने पर बैठे हुए बेरोजगारों को रात को पुलिस प्रशासन द्वारा बल प्रयोग कर हटाया गया, लेकिन जब डॉ. किरोड़ी लाल मीणा (MP Kirori lal Meena) धरना स्थल पर पहुंचे तो एक बार फिर से धरना स्थल पर बेरोजगार एकत्रित हुए और उसके बाद से ही लगातार धरना जारी है.

12 सितम्बर को हुई जेईएन भर्ती को रद्द करने, एसआई भर्ती को रद्द करते हुए एसओजी से जांच की मांग और रीट परीक्षा में हुए धांधली के चलते लेवल-2 के पेपर को रद्द करने की मांग को लेकर गुरुवार से शहीद स्मारक पर बेरोजगारों ने धरना दिया. रात करीब 8 बजे पुलिस प्रशासन द्वारा बेरोजगारों को धरना स्थल से खदेड़ा गया. पुलिस कार्रवाई के बाद बेरोजगार छिपते नजर आए, लेकिन धरना का नेतृत्व करने रात करीब 10 बजे जब किरोड़ी लाल मीणा मौके पर पहुंचे तो बेरोजगार एक बार फिर से धरने में जुटने लगे. किरोड़ी लाल मीणा ने रातभर बेरोजगारों के साथ बिताई. साथ ही मांगें पूरी नहीं होने पर एक बड़े आंदोलन की चेतावनी भी दे डाली है.

एसआई भर्ती से जुड़े हुए विकास कुमार का करना है कि "पहले एसआई भर्ती एक दिन में 4 सितम्बर को आयोजित होनी थी, लेकिन परीक्षा से 15 दिन पहले इस परीक्षा को तीन चरणों में आयोजित करवाया गया. परीक्षा के बाद लगातार नकल की शिकायत, बाद में सेंटर के वीडियो वायरल हुए, लेकिन अभी तक भी किसी प्रकार की ना तो कार्रवाई की गई और ना ही पेपर को रद्द करने का फैसला लिया. जब तक एसआई के पेपर को रद्द नहीं कर दिया जाता तब तक आंदोलन जारी रहेगा."

वहीं, जेईएन भर्ती से जुड़े बेरोजगार मनोज मीणा का कहना है कि "जेईएन भर्ती परीक्षा का आयोजन 12 सितम्बर को हुआ, लेकिन पेपर सुबह ही सोशल मीडिया पर वायरल हो गए. पहले भी दिसम्बर 2020 में परीक्षा आयोजित हुई थी और पेपर आउट होने के चलते परीक्षा को रद्द किया गया था. इस बार भी पेपर आउट हुआ है, लेकिन अभी तक परीक्षा को रद्द करने का फैसला नहीं लिया गया है. इसलिए जब तक परीक्षा को रद्द नहीं कर दिया जाएगा तब तक आंदोलन जारी रहेगा."

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इसके साथ ही 26 सितम्बर को आयोजित रीट अध्यापक पात्रता परीक्षा के लेवल-2 से जुड़े हुए अभ्यर्थी ने आरोप लगाते हुए कहा कि "परीक्षा के करीब डेढ घंटे पहले पेपर एक कांस्टेबल का पास पहुंच गया था. प्रदेश के हर हिस्से में सेंटर्स से शिकायत मिली. सेंटरर्स पर घड़ी नहीं होने के चलते वीक्षकों द्वारा गलत समय बताया गया. कई लोगों को निलंबित करने की कार्रवाई भी हुई, लेकिन इसके बाद भी सरकार पेपर को आउट नहीं मान रही है, जिससे साफ बता चलता है कि इस भर्ती में बड़े स्तर पर भर्जीवाड़ा हुआ है."

वहीं, सांसद किरोड़ी लाल मीणा ने भी खुली चेतावनी दे दी है कि जब तक बेरोजगारों की मांगें पूरी नहीं होगी तब तक उनका आंदोलन शहीद स्मारक पर जारी रहेगा. साथ ही सांसद किरोड़ी ने उपेन यादव (Upen Yadav) की जमानत के बाद धरने पर नहीं पहुंचने को लेकर भी सवाल उठाएं हैं. किरोड़ी ने कहा कि हमें भी कई बार गिरफ्तार किया जा चुका है, लेकिन हर बार छूटने के बाद धरना स्थल पर पहुंचे थे. उपेन यादव कल रात को छुटने के बाद भी धरना स्थल नहीं आए. इसमें उपेन यादव और सरकार की मिलीभगत नजर आ रही है. 

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