राजस्थान विधानसभा में नकल विरोधी कानून के बावजुद पहली ही बड़ी परीक्षा में नकल गिरोह ने प्रशासन को आईना दिखा दिया है. 14 मई को राजस्थान पुलिस कॉन्स्टेबल भर्ती परीक्षा-2022 की दूसरी पारी का पेपर लीक हो गया.
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Jaipur: राजस्थान विधानसभा में नकल विरोधी कानून के बावजुद पहली ही बड़ी परीक्षा में नकल गिरोह ने प्रशासन को आईना दिखा दिया है. 14 मई को राजस्थान पुलिस कॉन्स्टेबल भर्ती परीक्षा-2022 की दूसरी पारी का पेपर लीक हो गया. जिसके बाद डीजीपी ने बड़ा फैसला लिया कि 14 मई को आयोजित द्वितीय पारी की कॉन्स्टेबल परीक्षा पूरे राजस्थान में दोबारा होगी. मामले में एसओजी ने 8 लोगों को गिरफ्तार किया गया है.
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आपको बता दें कि मिली जानकारी के अनुसार सेकेंड पारी के पेपर लीक की पूरी साजिश जयपुर के दिवाकर पब्लिक स्कूल में रची गई थी. जिसके बाद दिवाकर पब्लिक स्कूल के केंद्र अधीक्षक के खिलाफ कार्रवाई भी की जा रही है. बताया जा रहा है कि जयपुर के दिवाकर पब्लिक स्कूल के केंद्र अधीक्षक द्वारा पेपर को समय से पूर्व को खोले जाने के कारण इस पेपर को आउट हुआ माना गया. 14 मई को द्वितीय पारी में करीब पौने तीन लाख अभ्यर्थियों ने परीक्षा दी थी.
दिवाकर पब्लिक स्कूल के केंद्र अधीक्षक के विरुद्ध नियमानुसार कार्यवाही की जा रही है. पूरे मामले में 8 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है. यह भी जामकारी मिली है कि एसओजी की टीम को पेपर रखने वाले स्ट्रांग रूम में कई गड़बड़ियां मिली हैं. पेपर आउट की जानकारी मिलते ही SOG की टीम एक्टिव हुई और दिवाकर पब्लिक स्कूल पहुंची. स्कूल की सीसीटीवी रिकॉर्डिंग चैक की गई तो करीब 30 मिनट की रिकॉर्डिंग गायब मिली. यह भी जानकारी मिल रही है कि स्कूल का एक मोहन नाम का कर्मचारी गायब है. मोहन का फोन भी स्विच ऑफ है. SOG की टीम मोहन की तलाश कर रही है.
राजस्थान पुलिस कांस्टेबल पेपर लीक मामले पर बेरोजगार एकीकृत महासंघ प्रदेशाध्यक्ष उपेन यादव ने कहा कि, पेपर लीक होना बेरोजगारों के साथ धोखा है. राजस्थान के कानून का मजाक उड़ाया जा रहा है.
राजस्थान सरकार अपराधियों की संपत्ति को जब्त करें. साथ ही परीक्षा केंद्र की मान्यता को भी रद्द किया जाए. अपराधी को जेल में डालते हुए आर्थिक जुर्माना लिया जाए. पेपर लीक को लेकर कानून को जल्द लागू करना होगा.
वहीं, बीजेपी ने भी इस मामले पर सवाल उठाए हैं. बीजेपी प्रवक्ता रामलाल शर्मा ने ने सरकार पर तंज कसा. रामलाल ने कहा कि कांग्रेस राज में एक भी भर्ती पारदर्शिता के साथ नहीं हुई है. पारदर्शिता के साथ परीक्षा करवाने का दावा करने वाली पुलिस भी फेल है. इस परीक्षा को निरस्त करने के बाद अन्य परीक्षा पेपरों पर भी खड़े हुए हैं. क्या अन्य पेपर लीक नहीं हुए इसका क्या प्रमाण? नकल विरोधी कानून आने के बाद भी हालात ज्यों की त्यों है. नकल माफिया ने नकल विरोधी कानून को भी ठेंगा दिखा दिया है.