नगर निगम और सार्वजनिक निर्माण विभाग के बीच सामंजस्य की कमी के चलते टकराव के हालात बन गए हैं. क्षेत्र के लोगों ने जिला प्रशासन को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर उनकी जलभराव की समस्या का समाधान नहीं किया जाता है, तो वह उग्र आंदोलन कर सड़क जाम करेंगे
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Jaipur: सरकार के 2 विभागों में आपसी तालमेल नहीं होने के कारण जयपुर शहर के लाखों लोगों को परेशानी का सामना हर साल झेलना पड़ता है. नगर निगम और सार्वजनिक निर्माण विभाग के बीच सामंजस्य की कमी के चलते टकराव के हालात बन गए हैं. मामला मोती डूंगरी रोड स्थित पुरंदर बाग का है. पुरंदर बाग में हर साल थोड़ी सी बारिश में ही 2-3 फीट से अधिक पानी भर जाता है. अगर बारिश तेज हो गई तो पूरी कॉलोनी में जलभराव के कारण यहां के लोगों का घर से निकलना मुश्किल हो जाता है.
नाले की क्षमता कम होने के कारण नाला ओवरफ्लो हो जाता है
दिल्ली बाईपास, जनता कॉलोनी, सिटी कॉलोनी, जवाहर नगर, आदर्श नगर, गोविंद मार्ग का बरसाती पानी बहकर पुरंदर बाग कॉलोनी में जमा हो जाता है. नाले की क्षमता कम होने के कारण नाला ओवरफ्लो हो जाता है और कॉलोनी पूरी तरह से जलमग्न हो जाता है. इसी के साथ इन क्षेत्रों का बरसाती पानी सड़कों से बहता हुआ इसी कॉलोनी में आता है. जिसके चलते कॉलोनी वासियों को पिछले कई सालों से परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.
बारिश के समय हालात बदतर
स्थानीय निवासियों का कहना है कि जब से उन्होंने यहां पर मकान बनाए हैं, तब से उन्हें बारिश के समय भारी परेशानी का सामना करना पड़ता है, अभी तक किसी भी सरकार ने कॉलोनी के लोगों को राहत प्रदान नहीं की है. लेकिन अब नगर निगम ग्रेटर की पहल पर कॉलोनी वासियों को राहत देने की कोशिश की गई, इस दौरान सार्वजनिक निर्माण विभाग और एसएमएस मेडिकल कॉलेज ने काम में रुकावट डाल दी. नगर निगम कॉलोनी की दीवार को तोड़कर एसएमएस मेडिकल कॉलेज के नाले में बरसाती पानी को छोड़ने के लिए कार्य योजना तैयार की गई.
एसएमएस मेडिकल कॉलेज के प्रशासन ने काम रोक दिया
निगम कर्मचारियों ने जैसे ही काम शुरू करा एसएमएस मेडिकल कॉलेज के प्रशासन ने इस काम को रुकवा दिया. क्षेत्रीय पार्षद जितेंद्र श्रीमाली ने बताया कॉलोनी की एक रोड तोड़कर वहां पर लोहे का जाल लगाया जाना निगम की ओर से प्रस्तावित है. जिससे बरसात के समय में कॉलोनी वालों को राहत मिले और कॉलोनी वासियों को परेशानी का सामना नहीं करना पड़े. इसके लिए काम शुरू कराया गया था.
इसी बीच एसएमएस पुलिस स्टेशन ने आकर काम को रुकवा दिया, और काम कर रहे मजदूरों को थाने में बंद करने की धमकी देकर भगा दिया. इसे लेकर क्षेत्रवासियों में रोष उत्पन्न हो गया. उनका कहना है कि नगर निगम अपनी ही जमीन पर काम कर रहा है. इससे मेडिकल कॉलेज को किसी भी प्रकार की हानि पहुंचाने की आशंका नहीं है. दीवार हटाकर लोहे का जाल लग जाने से कॉलोनी वासियों को राहत मिलेगी, लेकिन मेडिकल कॉलेज काम नहीं होने दे रहा है.
लोगों ने कहा- कोर्ट के ऑर्डर की कॉपी भी है
जबकि क्षेत्रीय लोगों का कहना है कि उनके पास कोर्ट के ऑर्डर की कॉपी भी है, जिसने कोर्ट ने भी नाला बनाने के लिए अनुमति प्रदान की है. उसके बाद भी एसएमएस मेडिकल कॉलेज उनके काम में रुकावट डाल रहा है.
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उग्र आंदोलन कर सड़क जाम करेंगे
क्षेत्र के लोगों ने जिला प्रशासन को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर उनकी जलभराव की समस्या का समाधान नहीं किया जाता है, तो वह उग्र आंदोलन कर सड़क जाम करेंगे जिसकी जिम्मेदारी सरकार की होगी. नगर निगम और सार्वजनिक निर्माण विभाग को मिलकर लोगों को राहत देनी चाहिए जिससे हर वर्ष कॉलोनी में जलभराव की स्थिति को दूर किया जाए और कॉलोनी वासियों को राहत मिले.
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