फुलेरा के रेनवाल में लंपी संक्रमण का कहर, पशु चिकित्सा विभाग बना मूकदर्शक
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फुलेरा के रेनवाल में लंपी संक्रमण का कहर, पशु चिकित्सा विभाग बना मूकदर्शक

स्थानीय तहसीलदार सविता शर्मा ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए रेनवाल की टीम गौशाला का औचक निरीक्षण किया, सभी को लंपि वायरस से सावधानी बरतनी के दिशा निर्देश दिए.

फुलेरा के रेनवाल में लंपी संक्रमण का कहर, पशु चिकित्सा विभाग बना मूकदर्शक

Phulera: रेनवाल तहसील में अब लंपी वायरस अपना कहर बरपा रहा है. गोवंश को लंपी वायरस का इलाज नहीं मिलने के कारण रेनवाल के हर कोने में गोवंश दम तोड़ता हुआ नजर आ रहा है. चिकित्सा विभाग भी मूकदर्शक बना हुआ है. 

इसके साथ ही स्थानीय तहसीलदार सविता शर्मा ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए रेनवाल की टीम गौशाला का औचक निरीक्षण किया, सभी को लंपी वायरस से सावधानी बरतनी के दिशा निर्देश दिए.

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प्राकृतिक आपदा वैश्विक महामारी से लोहा लेने के बाद भले ही सब कुछ सामान्य चल रहा हो लेकिन इन दिनों गोवंश में फैल रही लंपी बीमारी ने सब को हिला दिया है. रेनवाल शहर एवं आसपास के इलाकों में इन दिनों लंपी बीमारी कहर बरपा रही है, हालांकि किशनगढ़ रेनवाल कि श्री गोपाल गौशाला में पिछले दिनों लंपी बीमारी से ग्रसित हुई दर्जनों गाय गौशाला प्रबंधन की कार्यप्रणाली के चलते काफी हद तक ठीक हो गई है, लेकिन गांव, ढाणियों में लंपी बीमारी का कहर इस कदर बढ़ता जा रहा है कि लोग किसी से कह सुन भी नहीं पा रहे हैं. 

अस्पताल प्रशासन के पास टीके एवं दवाओं का उचित प्रबंधन नहीं होने के कारण वे इनका इलाज करने में लाचार दिखाई दे रहे हैं. बताया जा रहा है कि लंपी बीमारी से ग्रसित गोवंश को अस्पताल प्रशासन द्वारा बुखार नहीं चढ़ने एवं इम्यूनिटी बूस्ट की दवाइयां देकर लंपी बीमारी से बचाव के जतन किए जा रहे हैं, जो कि कारगर साबित नहीं हो रहे हैं. हालांकि राज्य सरकार द्वारा अभी तक इस बीमारी की रोकथाम के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाने से गोवंश की जान खतरे में बनी हुई है. सड़कों के किनारे, पशुपालकों के बाड़े में गोवंश तड़पता नजर आ रहा है. 

कैसे बयां करें अपनी पीड़ा
अपनी पीड़ा एवं तकलीफ को बयां नहीं कर पाने वाले यह बेजुबान प्राणी स्थानीय जनप्रतिनिधियों, प्रशासनिक अधिकारियों एवं राज्य सरकार के मंत्री, मुख्यमंत्री एवं अन्य कारिदों से अपने इलाज एवं उन्हें बचाने की दुआ करते नजर आ रहे है लेकिन अफसोस इस बात का है कि इस और भले ही राज्य सरकार ने विशेष रुप से अलग से बजट का ऐलान कर दिया हो लेकिन अभी तक इस हेतु कोई ठोस कदम नहीं उठाने से ग्रामीण इलाकों के लोग आयुर्वेदिक उपचार के माध्यम से इन्हें बचाने का जतन करने में जुटे हुए हैं. हालांकि आयुर्वेद के दम पर कुछ हद तक पशु पालक एवं गोपालक इन बेजुबान गोवंश को बचाने में भी सही साबित हो रहे हैं. 

सरकार क्या ठोस कदम उठाएगी
देखना यह है कि राज्य सरकार इस गोवंश को बचाने के लिए आखिर कब ठोस कदम उठाएगी. शहर में पिछले एक पखवाड़े में करीब दर्जनभर से अधिक गोवंश लंपी बीमारी के चलते अकाल मौत का ग्रास बन चुकी है. वहीं, सैकड़ों गाय जिंदगी और मौत से जंग लड़ रही है. गुरुवार को रेनवाल तहसील का आज सविता शर्मा ने किशनगढ़ रेनवाल पंचायत समिति के प्रधान लुनियावास एवं बागावास में गौशालाओं का औचक निरीक्षण कर लंपी बीमारी से ग्रसित मवेशियों एवं उनकी व्यवस्थाओं का जायजा लिया.

Reporter- Amit Yadav

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