Politics News: राजस्थान के शिक्षा मंत्री मदन दिलावर और पीसीसी चीफ गोविंद डोटासरा में ट्विटर वॉर हो रहा है. शिक्षा मंत्री और पूर्व शिक्षा मंत्री में जुबानी जंग छिड़ चुकी है. आरोप-प्रत्यारोप की यह बहस अब मंदबुद्धि और मकड़जाल शब्दावली तक जा पहुंची है.
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Jaipur News: शिक्षा मंत्री मदन दिलावर और पीसीसी चीफ गोविंद डोटासरा में ट्विटर वॉर हो रहा है. शिक्षा मंत्री और पूर्व शिक्षा मंत्री में जुबानी जंग छिड़ चुकी है. आरोप-प्रत्यारोप की यह बहस अब मंदबुद्धि और मकड़जाल शब्दावली तक जा पहुंची है.
कुछ दिन से चल रहे बयानों में आज दिलावर का ट्वीट आया है. दिलावर ने डोटासरा से उनके टर्म में प्रमोशन नहीं करने पर सवाल पूछा है. इस दौरान उन्होंने सात बिंदुओं में अपनी सरकार का काम भी गिनाया.
दिलावर ने अपने ट्वीट में क्या लिखा है, खुद पढ़ें-
कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष डोटासरा बताएं कि उन्होंने अपने कार्यकाल में एक भी पदोन्नति क्यों नहीं की?
1-हमने 6300 व्याख्याता की वाइस प्रिंसिपल के पद पर पदोन्नति की.
2- 11155 पदों के डीपीसी के प्रस्ताव आरपीएससी को भेजे हुए हैं, जो माननीय न्यायालय के विचाराधीन वाद के कारण स्थगित है. जल्द ही निस्तारण का प्रयास.
3-तृतीय श्रेणी के 23000 शिक्षक अधिशेष जिनका रिक्त पदों पर समायोजन शीघ्र.
4- 5131 पदों पर भर्ती के लिए भर्ती एजेंसी को भेजी प्रार्थना.
5- 13821 पदों पर नवीन सीधी भर्ती की स्वीकृति के लिए प्रस्ताव विचाराधीन.
6- रीट केवल अध्यापक भर्ती पात्रता परीक्षा. शिक्षक भर्ती परीक्षा का आयोजन अलग से होगा जिसमें लेवल वन के लिए 50% महिला आरक्षण का प्रावधान किया जाएगा.
7-सफाई कर्मियों की भर्ती के मामले में वाल्मीकि समाज के लोग ही भर्ती हो यह सुनिश्चित कर रही सरकार.
कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष डोटासरा बताएं कि उन्होंने अपने कार्यकाल में एक भी पदोन्नति क्यों नहीं की?
1-हमने 6300 व्याख्याता की वाइस प्रिंसिपल के पद पर पदोन्नति की ।
2- 11155 पदों के डीपीसी के प्रस्ताव आरपीएससी को भेजे हुए हैं।जो माननीय न्यायालय के विचाराधीन वाद के कारण स्थगित…
— Madan Dilawar (@madandilawar) November 5, 2024
मदन दिलावर के ट्वीट के बाद गोविंद सिंह डोटासरा ने भी पलटवार किया और ट्वीट करते हुए लिखा है कि माननीय मंत्री जी.. पहले काउंसलिंग और पदोन्नति में अंतर समझिए फिर सवाल कीजिए.
डोटासरा ने गिनाया अपने समय का काम.
- व्याख्याता से उप-प्राचार्य के 10,096 पदों पर पदोन्नति कांग्रेस शासन में हुई थी.
- उप-प्राचार्य का यथास्थान पदस्थापन भी कांग्रेस शासन में हुआ लेकिन न्यायालय स्थगन के कारण काउंसलिंग नहीं हो पाई.
- न्यायालय से स्थगन में छूट के बाद इन्होंने सिर्फ काउंसलिंग की जिसे मंत्री जी DPC बता रहे हैं!
- अन्य सभी बिंदुओं पर आप स्वयं 'जल्द निस्तारण' 'विचाराधीन' और 'प्रार्थना' में अटके हो तो आपकी मंदबुद्धि के मकड़जाल पर जवाब मैं क्या दूं?
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