चिकित्सा शासन सचिव वैभव गालरिया ने कहा है कि अस्पतालों को दवा आपूर्ति में देरी नहीं होनी चाहिए.
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Jaipur: चिकित्सा शासन सचिव वैभव गालरिया (Vaibhav Galriya) ने कहा है कि विशेषज्ञों द्वारा जताई जा रही कोविड-19 (Covid-19) की तीसरी लहर की आशंका अगर सच साबित होती है तो भी राजस्थान (Rajasthan) इसके लिए पूरी तरह तैयार है.
उन्होंने कहा कि आने वाले फेस्टिव तथा शादियों के सीजन को देखते हुए मेडिकल कॉलेजों से संबद्ध अस्पतालों में ही नहीं बल्कि सीएचसी-पीएचसी स्तर तक स्वास्थ्य सेवाओं को किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए तैयार किया जा रहा है.
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सचिव गालरिया मंगलवार को स्वास्थ्य भवन में राजस्थान स्वास्थ्य सेवाएं निगम लिमिटेड की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे. बैठक में आरएमएससीएल अधिकारियों द्वारा चिकित्सा शासन सचिव को निगम द्वारा प्रतिपादित सेवाओं के बारे में एक प्रजेंटेशन भी दिया गया.
कोविड टीकाकरण में आगे है राजस्थान
आगे उन्होंने कहा कि कोविड टीकाकरण (Covid vaccination) के मामले में राजस्थान (Rajasthan) देश के अग्रणी राज्यों में शुमार होता है. राज्य में 60 वर्ष से अधिक उम्र वाले नागरिकों का टीकाकरण हो चुका है. शासन सचिव ने फील्ड अधिकारियों को निर्देश दिए है कि पूर्वी तथा दक्षिणी जिलों में टीकाकरण की रफ्तार में और तेजी लाई जाए. इसे लेकर चिकित्सा शिक्षा सचिव वैभव गालरिया लगातार अपने विभाग और फील्ड अधिकारियों के साथ बैठक कर रहे हैं.
क्या बोली चिकित्सा शिक्षा आयुक्त शिवांगी
चिकित्सा शिक्षा आयुक्त शिवांगी स्वर्णकार ने बताया कि राजस्थान में मेडिकल कॉलेजों से संबद्ध सभी अस्पतालों में लगभग सभी मेडिकल ऑक्सीजन प्लांट्स को इस महीने के आखिर तक संचालन अवस्था में ले आया जाएगा. इससे सभी जरूरतमंद मरीजों को मांगानुसार मेडिकल ऑक्सीजन की उपलब्धता सुनिश्चित हो सकेगी.
मेडिकल उपकरणों के बफर स्टॉक को बनाए रखने के निर्देश
चिकित्सा शासन सचिव वैभव गालरिया ने कहा है कि अस्पतालों को दवा आपूर्ति में देरी नहीं होनी चाहिए. उन्होंने कहा कि राजकीय मेडिकल कॉलेजों से संबद्ध अस्पतालों के साथ-साथ सभी राजकीय अस्पतालों में राजस्थान स्वास्थ्य सेवाएं निगम लिमिटेड द्वारा समयबद्ध दवा आपूर्ति सुनिश्चित की जानी चाहिए. उन्होंने कहा कि कोविड-19 की संभावित तीसरी लहर की आशंका को देखते हुए निगम को दवा तथा अन्य मेडिकल उपकरणों के बफर स्टॉक को भी बनाए रखना चाहिए. बैठक में आरएमएससीएल की प्रबंध निदेशक अनुपमा जोरवाल और अन्य अधिकारी भी उपस्थित रहे.
सर्जिकल उपकरणों की खरीद की जाती है
उल्लेखनीय है कि वर्ष 2011 में स्थापित की गई आरएमएससीएल द्वारा चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के साथ ही राजस्थान आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय के लिए भी दवाएं तथा अन्य सर्जिकल उपकरणों की खरीद की जाती है. निगम के लॉजिस्टिक्स अनुभाग द्वारा वार्षिक मांग का संकलन किया जाता है. प्रोक्योरमेंट अनुभाग द्वारा टेंडर प्रक्रिया को संपादित किया जाता है तथा आपूर्ति अनुभाग द्वारा दवाओं और अन्य मेडिकल उपकरणों की आपूर्ति को सुनिश्चित किया जाता है.