यदि मीडिया कमजोर हुआ तो लोकतंत्र भी कमजोर होगा: डॉ महेश जोशी
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यदि मीडिया कमजोर हुआ तो लोकतंत्र भी कमजोर होगा: डॉ महेश जोशी

जलदाय मंत्री जोशी ने कहा कि मीडिया को लोकतंत्र का चौथा स्तंभ कहा जाता है. यदि संविधान में ऐसे किसी स्तंभ का उल्लेख नहीं है. फिर भी मीडिया विधायिका, कार्यपालिका और न्यापालिका पर पैनी नजर रखता है.

 कैबिनेट मंत्री डॉ. महेश जोशी.

Jaipur: मीडिया को एक अदृश्य ताकत करार देते हुए राजस्थान के कैबिनेट मंत्री डॉ. महेश जोशी ने बुधवार को कहा कि यदि यह ताकत कमजोर होती है, तो लोकतंत्र भी कमजोर होगा. 

जलदाय मंत्री जोशी ने आल इंडिया फेडरेशन ऑफ पीटीआई एम्पलाइज यूनियन की एजीएम को मुख्य अतिथि के रूप में संबोधित करते हुए यह बात कही. उन्होंने कहा कि मीडिया को लोकतंत्र का चौथा स्तंभ कहा जाता है. यदि संविधान में ऐसे किसी स्तंभ का उल्लेख नहीं है. फिर भी मीडिया विधायिका, कार्यपालिका और न्यापालिका पर पैनी नजर रखता है.

उन्होंने कहा कि पिछले कुछ साल में इलेक्ट्रॉनिक और सोशल मीडिया के प्रसार से मीडिया की साख में काफी बदलाव आया है. उन्होंने कहा कि आज भी पीटीआई एक ऐसा मीडिया संस्थान है, जो अपनी साख बरकरार रखे हुए है. उन्होंने कहा कि पीटीआई की खबर में 'मैनुपुलेशन' नहीं चलता. 

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उन्होंने कहा कि लोकतंत्र जिन संस्थाओं पर टिका है, वे यदि कमजोर हुई तो लोकतंत्र मजबूत नहीं हो सकता. उन्होंने मीडिया कर्मियों से कहा कि वे एकजुट होकर लोकतंत्र के समक्ष पेश चुनौतियों का निर्भीकता से सामना करें. उन्होंने कहा कि लोकतंत्र के हित में यह जरूरी है कि मीडिया का हित बना रहे. 

इस मौके पर राजस्थान की समाज कल्याण बोर्ड अध्यक्ष ने मीडिया कर्मियों की चुनौतीपूर्ण भूमिका की चर्चा करते हुए कहा कि कोरोना महामारी के दौरान जिस प्रकार पत्रकारों ने गंगा नदी में बहती लाशों, अस्पताल में बेहाल लोगों की स्थिति और अन्य जगहों की की खबरें कवर कर अपनी जान जोखिम में डाली, वे किसी कोविड वारियर्स की भूमिका से कमतर नहीं हैं. उन्होंने कहा कि समाज को इसके लिए उनका सम्मान करना चाहिए. 

उन्होंने कहा कि आज खबरों का स्वरूप बदला है. ऐसे बदले माहौल में पीटीआई, जिस प्रकार साफगोई और निष्पक्षता से जनता के पक्ष में खबरें दे रही है. उसके लिए साधुवाद है.

इस अवसर पर आल इंडिया फेडरेशन ऑफ पीटीआई एम्पलाइज यूनियंस के महासचिव एम एस यादव ने मीडिया के समक्ष आ रही चुनौतियों का उल्लेख करते हुए कहा कि श्रमिक और गैर श्रमिक पत्रकार की सोशल सिक्योरिटी पर तुरंत ध्यान दिया जाना चाहिए. 

एजीएम के एक अन्य सत्र को संबोधित करते हुए राजस्थान के तकनीकी शिक्षा राज्य मंत्री सुभाष गर्ग ने कहा कि राज्य की गहलोत सरकार ने पत्रकारों सहित सभी कर्मियों के हित में काम करती है. उन्होंने कहा कि सरकार ने राज्य कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन बहाल करके बड़ा उदाहरण पेश किया है. 

उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में आलोचना करने का मीडिया का अधिकार बरकरार रहना चाहिए. उन्होंने कहा कि आज ऐसा भी देखा जा रहा है जो दल सोशल मीडिया के माध्यम से सत्ता में आए, आज वे ही सोशल मीडिया पर पाबंदी लगाने के लिए कानून बना रही हैं. 

उन्होंने कहा कि लोकतंत्र की रक्षा के लिए जरूरी है कि कर्मचारी यूनियन मजबूत रहे है. उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी के प्रकोप के दौरान रातों-रात लोगों को नौकरी से हटा दिया गया और समाज में कहीं से कोई आवाज नहीं उठी. 

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