विधायक ने दी जमीन, संसाधन की भी सहमति, फिर भी अटकी 'खुफिया नजर'
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विधायक ने दी जमीन, संसाधन की भी सहमति, फिर भी अटकी 'खुफिया नजर'

पुलिस मुख्यालय चाहता है कि चूरू के राजगढ़ में राज्य स्पेशल शाखा अर्थात इंटेलीजेंस पुलिस की जोन यूनिट खुल जाए. 

 विधायक ने दी जमीन, संसाधन की भी सहमति, फिर भी अटकी 'खुफिया नजर'

Jaipur: प्रदेश के राजगढ़ में मादक पदार्थों की तस्करी और गैंगवार की बढ़ती वारदातों पर रोक के लिए पुलिस की ''खुफिया नजर'' जरूरी है. ऐसे में इंटेलीजेंस की जोन यूनिट सृजित करने का प्रस्ताव राज्य सरकार के पास भेजा गया है लेकिन यह फाइल ''भोला राम'' का जीव बनी हुई है. स्थानीय विधायक ने जमीन का नि:शुल्क आवंटन और संसाधन उपलब्ध कराने की सहमति दे दी, लेकिन गृह राज्यमंत्री के मानदंड या गाइड लाइन मांग लेने से मामला फिर अटक गया.

पुलिस मुख्यालय चाहता है कि चूरू के राजगढ़ में राज्य स्पेशल शाखा अर्थात इंटेलीजेंस पुलिस की जोन यूनिट खुल जाए. इसके लिए पीएचक्यू से पिछले दिनों राज्य सरकार को प्रस्ताव भिजवाए गए थे. प्रस्ताव में जोन यूनिट खोलने के औचित्य भी बताए थे. इसके लिए राजगढ़ विधायक कृष्णा पूनिया ने भी मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को पत्र लिखा. विधायक कोटे से इस यूनिट के लिए आवश्यक वाहन, उपकरण, फर्नीचर उपलब्ध करवाने की सहमति दी गई. इतना ही नहीं नगरपालिका से निःशुल्क भूमि आवंटन की भी सहमति दी गई. इसके बावजूद जोन यूनिट किसी ना किसी कारण से अटकती आ रही है.

मुख्य बातें-

 पुलिस मुख्यालय ने राजगढ़ जोन यूनिट खोलने के कई कारण बताए हैं.

 राजगढ़ चूरू जिला मुख्यालय से 60 किलोमीटर, जोन बीकानेर मुख्यालय से 250 किलोमीटर की दूर स्थित है.

 चूरू जिले की तहसील तारानगर व राजगढ़ की सीमा हरियाणा से लगती है.

 हरियाणा सीमा क्षेत्र में एक अप्रेल 2022 से शराब, डोडा पोस्त, अफीम व पेट्रोल डीजल पदार्थों की तस्करी बड़ी मात्रा में हो रही है.

राजगढ़ में तस्करी के नाम पर अपना वर्चस्व कायम करने के लिए अपराध जगत में बड़ी गैंग कार्यरत है.

तहसील राजगढ़ में गैंग प्रतिस्पर्द्धा में हत्या, हत्या का प्रयास, लूट, फिरौती जैसे संगठित अपराधों का ग्राफ दिन-प्रतिदिन बढ़ रहा है.

राजगढ़ विधायक कृष्णा पूनिया को भी पूर्व में लॉरेंस गैंग द्वारा धमकी दी गई थी.

राजगढ़ व आसपास के क्षेत्र में संपत नेहरा व अन्य अंतरराज्यीय गैंग सक्रिय है.

तहसील तारानगर के ददरेवा में लोक देवता गोगाजी के सालाना लक्खी मेले में देशभर से लाखों श्रद्धालु आते हैं.

इस मेले के दौरान भी आपराधिक गतिविधियों की खुफिया जानकारी के लिए अधिक स्टाफ की आवश्यकता रहती है.

इस ड्यूटी के लिए जोन कार्यालय बीकानेर से स्टॉफ को भिजवाया जाता है, जिससे अतिरिक्त बजट खर्च होता हैं
 

नए पदों पर 82 लाख का सालाना खर्च

पीएचक्यू ने प्रस्ताव में कहा है कि नई जोन यूनिट के लिए इंस्पेक्टर, सब इंस्पेक्टर, एएसआई, हेड कॉन्स्टेबल के एक-एक पद व कॉन्स्टेबल के 3 पदों सहित सात पद चाहिए. इन पदों पर लगभग 82 लाख 72 हजार रुपए का सालाना खर्च बताया गया है.यह यूनिट एएसपी जोन बीकानेर के अधीनस्थ रहेगी.

अब यूं अटका मामला

सूत्रों के अनुसार विभिन्न स्तरों पर सहमति के बाद मामले की फाइल गृहराज्यमंत्री राजेंद्र यादव के पास अनुमोदन के लिए भेजी गई. मंत्री यादव ने नई जोन यूनिट सृजित करने मानदण्ड, निर्धारित प्रक्रिया, दिशानिर्देश, गाइड लाइन की जानकारी मांग ली. इसके बाद फाइल वापस पुलिस मुख्यालय भेजी गई. पुलिस मुख्यालय ने इस सम्बंध में किसी भी प्रकार की गाइड लाइन या प्रक्रिया नहीं होना बताया, लेकिन जोन यूनिट सृजित करने के लिए विस्तृत औचित्य बताया है.

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