कोरोना के साथ-साथ अब एक नए वायरस ने दस्तक दे दी है, जिसका नाम मंकीपॉक्स है. इस वायरस से ग्रसित पहला केस ब्रिटेन में पाया गया था.
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Monkeypox Virus: कोरोना के साथ-साथ अब एक नए वायरस ने दस्तक दे दी है, जिसका नाम मंकीपॉक्स ( Monkeypox Virus) है. इस वायरस से ग्रसित पहला केस ब्रिटेन में पाया गया था. इसी के चलते अब इसका दूसरा केस अमेरिका में पाया गया है, जिसकी पुष्टि अमेरिका के मैसाचुसेट्स डिपार्टमेंट ऑफ पब्लिक हेल्थ ने की है. यह व्यक्ति हाल ही में कनाडा से लौटा था. इसके बाद से कनाडा में संदिग्ध मामलों की जांच की जा रही है.
मंकीपॉक्स वायरस से संक्रमित होने से पहले शरीर में बुखार आता है और कुछ दिन के इलाज के बाद मरीज ठीक हो जाता है, लेकिन कुछ मामले गंभीर हो जाते हैं. जानकारी के अनुसार, इस वायरस का पहला केस 1958 में सामने आया था, जिसमें जिन बंदरों को रिसर्च में रखा गया था. उनमें यह संक्रमण पाया गया था, इसलिए इसका नाम मंकीपॉक्स दिया गया था.
क्या हैं मंकीपॉक्स के लक्षण
इस वायरस का इन्क्यूबेशन पीरियड 6 से 13 दिन का हो सकता है. इन्क्यूबेशन पीरियड का मतलब संक्रमित होने के कितने दिनों बाद लक्षण देखे जाते हैं.
संक्रमित होने के 5 से 6 दिन बाद बुखार, पीठ दर्द, सिर दर्द, थकान, शरीर में सूजन देखी जा सकती है और इसके लक्षण कुछ चेचक, खसरा या चिकनपॉक्स जैसे होते हैं.
संक्रमित होने के 5 दिन बाद शरीर के कई हिस्सों में दानें निकलने शुरू हो जाते हैं और जो बिल्कुल चिकनपॉक्स जैसे होते हैं.
कैसे फैलता है मंकीपॉक्स
अफ्रीका में चूहों और गिलहरियों भी इस मंकीपॉक्स वायरस से संक्रमित पाए गए हैं.
मंकीपॉक्स किसी जानवर के खून, पसीने और उसके घावों के सीधे संपर्क में आने से फैलता है.
इंसान से इंसान में वायरस फैलने के कम मामले पाए गए है, लेकिन संक्रमित इंसान के संपर्क के आने से यह वायरस फैल सकता है.
कितना खतरनाक है मंकीपॉक्स
यह वायरस छोटे बच्चों में खतरनाक बना रहता है और इससे बच्चों में चिड़चिड़ापन आ जाता है.
WHO के अनुसार, इससे वायरस से संक्रमित हर 10वें मरीज की मौत हो सकती है.
जंगल से आसपास रहने वालें लोगों में यह संक्रमण आसानी से फैलता है.
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