उत्तर प्रदेश में मदरसा बोर्ड ने आदेश जारी किया है. मदरसा बोर्ड ने आदेश जारी कर कहा है कि मदरसों में अब राष्ट्रगान अनिवार्य है.
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राष्ट्रगान को लेकर अक्सर विवाद होता रहता है. 30 नवंबर 2016 में सुप्रीम कोर्ट ने सिनेमा घरों में फिल्म से पहले राष्ट्रगान बजाने को लेकर आदेश दिया था. जिस पर काफी विवाद हुआ था. इसके बाद साल 2018 में इस फैसले को बदल दिया गया. अब राष्ट्रगान को लेकर ही उत्तर प्रदेश में मदरसा बोर्ड ने आदेश जारी किया है. मदरसा बोर्ड ने आदेश जारी कर कहा है कि मदरसों में अब राष्ट्रगान अनिवार्य है.
उत्तर प्रदेश के मदरसा एजुकेशन बोर्ड ने रमजान के बाद मदरसे खुलते ही एक आदेश जारी किया है. ये आदेश अनुदानित और गैर अनुदानित, दोनों तरह के मदरसों पर लागू होगा. आदेश में कहा गया है कि छुट्टियां खत्म होने के बाद शैक्षिक सत्र शुरु होने पर अनिवार्य रुप से राष्ट्रगान करवाया जाए. इसके लिए मदरसा एजुकेशन बोर्ड के रजिस्ट्रार ने सभी जिलों के अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारियों को पत्र लिखा है. इस आदेश में कहा गया है कि नया शैक्षिक सत्र 12 मई से शुरु हो रहा है. और इसी दिन से ये आदेश भी लागू होगा. जिसके बाद मदरसों में भी कक्षाएं शुरु होने से पहले अनिवार्य रुप से राष्ट्रगान कराया जाए. राष्ट्रगान गाना छात्रों और शिक्षकों दोनों के लिए जरुरी है.
इधर यूपी मदरसा बोर्ड के इस आदेश के बाद अलग अलग नेताओं के बयान भी सामने आने लगे है. फायरब्रांड मुस्लिम नेता और AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने इस फैसले के बाद यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ और RSS पर निशाना साधा है. ओवैसी ने कहा कि जिस वक्त देश के लिए आजादी की लड़ाई लड़ी जा रही थी तो उस लड़ाई में संघ परिवार के लोग नहीं थे, उस लड़ाई को मदरसों के लोगों ने ही लड़ा था. ओवैसी ने आगे ये भी कहा कि 15 और 26 जनवरी के अलावा बाकी दिनों में भी मदरसों में देशभक्ति की शिक्षा दी जाती है. लेकिन सरकार उन्हैं संदेह की नजर से देख रही है. इसीलिए ऐसे कानून बनाए जा रहे है.
आपको बता दें कि हाल ही में यूपी सरकार के अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री धर्मपाल सिंह ने कहा था कि मदरसों में भी राष्ट्रवाद का पाठ पढ़ाया जाना चाहिए. जिसके बाद इस तरह का आदेश जारी हुआ है. इस समय उत्तर प्रदेश में 16,641 मदरसे है. जिसमें से 560 मदरसों को सरकार की ओर से वित्तीय अनुदान भी मिला हुआ है.
इस फैसले के बाद जमीयत दावतुल मुस्लिमीन के संरक्षक और आलिम ए दिन इमाम मौलाना कारी इसहाक गौरा का भी इस पर बयान सामने आया है. गौरा ने कहा कि सरकार की तरफ से जो भी ऑर्डर आया है, इसकी कोई जरुरत नहीं थी. पहले से ही बड़े मदरसों में अलग अलग मौकों पर राष्ट्रगान गाया जाता है. अचानक से मदरसों के लिए ऐसा आदेश आना और इसको बहुत आंखें खोल कर देखना मेरी समझ से कोई जरुरी नहीं है. यह मुल्क सब का है. सभी लोग इस मुल्क के हिस्सेदार हैं. और इस मुल्क की वफादारी सब की जिम्मेदारी हैं
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