'एक परिवार-एक टिकट' से परिवारवाद को खत्म कर पाएगी कांग्रेस? 'अपनों' के लिए निकाला ये रास्ता
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'एक परिवार-एक टिकट' से परिवारवाद को खत्म कर पाएगी कांग्रेस? 'अपनों' के लिए निकाला ये रास्ता

कांग्रेस पार्टी अब 'एक परिवार-एक टिकट' का फार्मूला लागू करने पर विचार कर रही है. अगर सब कुछ ठीक रहा तो कांग्रेस के नव संकल्प शिविर में इस मुद्दे पर सर्वसम्मति बनाई जा सकती है.

'एक परिवार-एक टिकट' से परिवारवाद को खत्म कर पाएगी कांग्रेस? 'अपनों' के लिए निकाला ये रास्ता

Udaipur: कांग्रेस पार्टी अब 'एक परिवार-एक टिकट' का फार्मूला लागू करने पर विचार कर रही है. अगर सब कुछ ठीक रहा तो कांग्रेस के नव संकल्प शिविर में इस मुद्दे पर सर्वसम्मति बनाई जा सकती है. पार्टी ने 'एक परिवार एक टिकट' के मुद्दे को भी अपनी चर्चा में शामिल किया है. कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव अजय माकन ने बताया कि ज्यादा से ज्यादा लोगों को पार्टी मौका दे सके, इसके लिए 'एक परिवार एक टिकट' के फार्मूले पर मंथन किया जा रहा है.

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ताले के साथ ही चाबी भी तैयार कर दी कांग्रेस ने
कांग्रेस एक परिवार में एक टिकट का ताला तो बना रही है, लेकिन इस ताले के साथ ही पार्टी ने एक चाबी भी पहले से ही दिखा दी है. अजय माकन ने कहा कि किसी भी व्यक्ति को एक परिवार में दूसरा टिकट सिर्फ उसी स्थिति में दिया जा सकेगा, जब वह संगठन में कम से कम 5 साल सक्रियता से काम कर रहा होगा.

क्या 'एक परिवार एक टिकट' के जरिए परिवारवाद को खत्म कर पाएगी कांग्रेस?
कांग्रेस पार्टी में 'एक परिवार एक टिकट' के मुद्दे पर मंथन तो हो रहा है, लेकिन सवाल अभी भी यही है कि क्या कांग्रेस पार्टी इस मुद्दे के जरिए इस व्यवस्था को लागू करके संगठन में परिवारवाद को खत्म कर पाएगी। संगठन में 5 साल काम करने की 'मास्टर की' के दम पर तो फिलहाल इसके आसार कम ही दिख रहे हैं.

संगठन में बड़े बदलाव के जरिए सत्ता की राह तैयार करने की कोशिश
नव संकल्प शिविर के जरिए कांग्रेस पार्टी अपने संगठन में भी बड़े बदलाव करने जा रही है. अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के महासचिव अजय माकन ने शिविर की शुरुआत से पहले इसके संकेत दिए. माकन ने कहा कि कांग्रेस में क्या खामियां हैं. पार्टी इस बात को अच्छी तरह जानती है और पार्टी खुद ही अपनी खामियों को दूर करने में सक्षम भी है. अजय माकन ने बताया कि अब तक कांग्रेस में बूथ स्तर की कमेटी के बाद सीधे ब्लॉक का संगठन आता था, लेकिन अब छोटी-छोटी समितियां भी बनाई जाएंगी जो संगठन को मजबूत करेंगी. अजय माकन ने कहा कि कांग्रेस पार्टी इस बात पर सर्वसम्मति बनाने के प्रयास में है कि 15 से 20 पोलिंग बूथ पर एक मंडल समिति बनाई जाए और इस मंडल समिति के जरिए संगठन के मुद्दों को समाज में नीचे तक पहुंचाया जाए.

क्या बदलाव और फायदा होगा मंडल समितियों से?
दरअसल कांग्रेस मंडल समितियां बनाने की बात तो कर रही है, लेकिन कांग्रेस के भीतर और बाहर दोनों जगह जिज्ञासा इस बात की है कि इन मंडल समितियों से पार्टी को फायदा क्या होगा और किस तरह होगा? जानकार मानते हैं कि अब तक बूथ कमेटी के बाद ब्लॉक स्तर की कमेटी क्रियाशील होने के कारण कम लोगों को संगठन में जगह मिल पाती थी, लेकिन अब मंडल समितियां बनेगी तो ज्यादा लोगों को संगठन से जोड़ा जा सकेगा. इसके साथ ही संगठन से ज्यादा लोग जुड़ेंगे तो जनता तक सक्रियता से अपनी बात भी पहुंचाई जा सकेगी.

इसके साथ ही कांग्रेस पार्टी संगठन में काम करने वाले लोगों के लिए कूलिंग ऑफ पीरियड का फार्मूला भी तैयार कर सकती है. राष्ट्रीय महासचिव अजय माकन ने बताया कि किसी भी व्यक्ति को 5 साल से ज्यादा किसी एक पद पर ना रखा जाए, इसे लेकर फार्मूला तैयार किया जा रहा है. अगर संगठन में 5 साल से ज्यादा किसी व्यक्ति को उसी पद पर काम करना है, तो दो कार्यकाल के बीच तीन साल का कूलिंग पीरियड होना चाहिए.

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